मेरे नाम के साथ विशेषण लगाना, मेरे काफिले पर हमला क्या बंगाल की संस्कृति है: नड्डा

By भाषा | Updated: January 9, 2021 22:22 IST2021-01-09T22:22:55+5:302021-01-09T22:22:55+5:30

Adjective with my name, attack on my convoy, what is the culture of Bengal: Nadda | मेरे नाम के साथ विशेषण लगाना, मेरे काफिले पर हमला क्या बंगाल की संस्कृति है: नड्डा

मेरे नाम के साथ विशेषण लगाना, मेरे काफिले पर हमला क्या बंगाल की संस्कृति है: नड्डा

बर्धमान (पश्चिम बंगाल), नौ जनवरी भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने तृणमूल कांग्रेस पर उसके बाहरी-अंदरूनी संबंधी बहस को लेकर निशाना साधते हुए शनिवार को सवाल किया कि उनके नाम के साथ विशेषण जोड़ना और उनके काफिले पर हमला करना क्या पश्चिम बंगाल की संस्कृति का एक हिस्सा है।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हाल ही में एक वीडियो में नड्डा के उपनाम का कथित तौर पर मजाक उड़ाते हुए दिखी थीं। बनर्जी ने कथित तौर पर कहा था, ‘‘भाजपा को अन्य कोई काम नहीं है। कुछ समय यहां गृह मंत्री होते हैं और अन्य समय चड्डा, नड्डा, फड्डा, भड्डा होते हैं।’’

गत 10 दिसंबर को दक्षिण 24 परगना जिले में डायमंड हार्बर के दौरे के दौरान भाजपा प्रमुख के काफिले पर पथराव किया गया था।

नड्डा ने यहां एक रोडशो की समाप्ति के बाद लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि तृणमूल कांग्रेस द्वारा पश्चिम बंगाल के बाहर से आने वाले लोगों को लेकर चर्चा की गई है, लेकिन पार्टी और उसकी सुप्रीमो द्वारा किये गए उन कृत्यों का क्या जो राज्य की परंपराओं, विरासत और संस्कृति के खिलाफ हैं।

उन्होंने फूलों से सजे अपने ट्रक से भीड़ की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘‘उन्हें देखो। वे भाजपा नेता नहीं हैं, बल्कि पश्चिम बंगाल के लोग हैं। ममता जी, आपके और आपकी पार्टी द्वारा बाहर से आने वाले लोगों के बारे में बात की गई है। मैं आपसे पूछना चाहता हूं कि क्या मेरे नाम के साथ विशेषण लगाना राज्य की संस्कृति का हिस्सा है?’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं आपसे पूछना चाहता हूं कि क्या डायमंड हार्बर में मेरे काफिले पर चीजें फेंकना पश्चिम बंगाल की संस्कृति का हिस्सा है। मैं तृणमूल कांग्रेस से पूछना चाहता हूं कि क्या कोयले, मवेशियों और रेत की तस्करी में सिंडिकेट द्वारा जबरन वसूली की गतिविधियां और 'कट-मनी' लेना राज्य की संस्कृति के अनुरूप है। उत्तर नहीं है। तृणमूल कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल की संस्कृति के बारे में बात करने का अधिकार खो दिया है।’’

उन्होंने दावा किया कि केवल भाजपा ही रवींद्रनाथ टैगोर, स्वामी विवेकानंद, श्री अरविंद और पश्चिम बंगाल की अन्य विभूतियों की विरासत को आगे बढ़ा सकती है। नड्डा ने कहा कि भाजपा जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी के आदर्शों का पालन करती है जिनका मानना था कि एक देश में दो झंडे नहीं हो सकते।

उन्होंने एक किलोमीटर लंबे रोडशो को ‘‘ऐतिहासिक’’ बताते हुए कहा कि राज्य के लोगों ने ममता बनर्जी सरकार को ‘‘छोड़ने’’ का नोटिस दे दिया है।

नड्डा ने राज्य सरकार पर राज्य के लोगों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि और आयुष्मान भारत जैसी केंद्रीय योजनाओं के लाभ से वंचित करने का आरोप लगाया।

उन्होंने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस सरकार चक्रवात अम्फान के बाद राहत का भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) की ऑडिट रिपोर्ट का सामना करने से डरती है।

नड्डा ने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल में कुशासन है, सरकारी तंत्र का राजनीतिकरण कर दिया गया है, विरोधियों की हत्या के साथ राजनीति का अपराधीकरण हुआ है और महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ गए हैं।

भाजपा के हजारों कार्यकर्ता बर्दमान शहर के बीचों-बीच ग्रैंड ट्रंक रोड पर क्लॉक टॉवर से लेकर कर्जन गेट तक जुटे थे। इस दौरान नड्डा ने एक हल प्रतिकृति ले रखी थी और उन्होंने अपने वाहन से उनकी ओर हाथ हिलाया।

पश्चिम बंगाल के भाजपा नेता जैसे प्रदेश पार्टी प्रमुख दिलीप घोष, आसनसोल से सांसद एवं केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो, बर्धमान-दुर्गापुर के सांसद एस एस अहलूवालिया और राहुल सिन्हा ट्रक पर नड्डा के साथ थे।

बाद में नड्डा ने नगर के सर्वमंगला मंदिर में पूजा-अर्चना की।

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