समग्र शिक्षा अभियान के विस्तार की कार्ययोजना तैयार: बाल वाटिका, व्यावसायिक शिक्षा पर होगा जोर

By भाषा | Updated: April 11, 2021 14:01 IST2021-04-11T14:01:07+5:302021-04-11T14:01:07+5:30

Action plan for expansion of Composite Education Campaign prepared: Bal Vatika, emphasis will be on vocational education | समग्र शिक्षा अभियान के विस्तार की कार्ययोजना तैयार: बाल वाटिका, व्यावसायिक शिक्षा पर होगा जोर

समग्र शिक्षा अभियान के विस्तार की कार्ययोजना तैयार: बाल वाटिका, व्यावसायिक शिक्षा पर होगा जोर

(दीपक रंजन)

नयी दिल्ली, 11 अप्रैल सरकार ने नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रावधानों के अनुरूप समग्र शिक्षा अभियान योजना के विस्तार की कार्ययोजना को अंतिम रूप दे दिया है। इसके तहत अगले कुछ वर्षों में चरणबद्ध तरीके से स्कूलों में बाल वाटिका, स्मार्ट कक्षा की व्यवस्था तथा आधारभूत ढांचे, व्यावसायिक शिक्षा, प्रशिक्षित शिक्षकों एवं रचनात्मक शिक्षण विधियों का विकास किया जाएगा।

शिक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने ‘भाषा’ को बताया कि समग्र शिक्षा योजना के विस्तार और संशोधन के लिए वित्त व्यय आयोग (ईएफसी) नोट को शिक्षा मंत्री एवं समन्वित वित्त प्रकोष्ठ की मंजूरी के बाद विभिन्न मंत्रालयों के पास उनके सुझावों एवं राय के लिए भेजा गया था।

उन्होंने कहा कि विभिन्न मंत्रालयों/विभागों से प्राप्त सुझावों को शामिल करते हुए मसौदा तैयार कर इन्हें मंजूरी के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्री के पास भेजा गया है।

सरकार नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रावधानों को समग्र शिक्षा अभियान के संशोधित रूप के साथ जोड़ने की तैयारी कर रही है।

नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप समग्र शिक्षा अभियान की पुनर्गठित योजना के विषय में स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता सचिव ने सभी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के साथ बैठक में इसपर आने वाले खर्च की समीक्षा की थी।

मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, समग्र शिक्षा अभियान के विस्तार के तहत स्कूलों में ऐसा समावेशी और खुशहाल स्कूली वातावरण तैयार करने पर जोर दिया जाएगा जो विविध पृष्ठभूमियों, बहुभाषी जरूरतों और बच्चों की विभिन्न अकादमिक क्षमताओं का ख्याल रखता हो। इसके तहत अगले एक वर्ष में चरणबद्ध तरीके से बाल वाटिका स्थापित करने के साथ शिक्षक पाठ्य सामग्री (टी एल एम) तैयार की जाएगी, साथ ही स्मार्ट कक्षा की भी व्यवस्था की जाएगी।

समग्र शिक्षा अभियान का दायरा बढ़ाते हुए विशेष मदद की जरूरतों वाली बालिकाओं के लिए अलग से मानदेय की व्यवस्था तथा प्रखंड स्तर पर विशेष जरूरत वाले बच्चों और उनके लिए बनाए गए केन्द्रों की पहचान की व्यवस्था की जाएगी।

इसमें सीखने की प्रक्रियाओं की निगरानी, बच्चों के एक स्कूल से दूसरे स्कूल में प्रवेश को सुगम बनाने के साथ हिंदी और उर्दू भाषा के शिक्षकों की नियुक्ति, शिक्षकों के क्षमता विकास एवं प्रशिक्षण कार्य पर खास ध्यान दिया जाएगा।

नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुपालन की कार्ययोजना में कहा गया है कि साल 2025 तक स्कूल एवं उच्च शिक्षा प्रणाली के माध्यम से 50 प्रतिशत शिक्षार्थियों तक व्यावसायिक शिक्षा की पहुंच सुगम की जाएगी।

मंत्रालय के अनुसार समग्र शिक्षा के तहत कक्षा नौ से कक्षा 12 तक के लिए व्यवासायिक शिक्षा पाठ्यक्रम को एकीकृत किया जा रहा है जिसका उद्देश्य माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्तर पर मांग एवं कौशल आधारित पाठ्यक्रमों की शुरुआत करना है। इसमें खास तौर पर लड़कियों के लिए पाठ्यक्रमों पर जोर दिया जा रहा है।

इसके मुताबिक, इसमें कृषि, परिधान, गृह सज्जा, ऑटोमोबाइल, मीडिया/मनोरंजन, विनिर्माण, स्वास्थ्य सेवा, शरीरिक शिक्षा, खेल, खुदरा क्षेत्र, दूरसंचार, पर्यटन, रत्न एवं आभूषण सहित 17 विषय चयनित किए गए हैं।

गौरतलब है कि वित्त वर्ष 2021-22 के केंद्रीय बजट में कहा गया है कि देश के 15,000 से अधिक स्कूलों का विकास राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सभी पक्षों को शामिल करते हुए किया जाएगा जिससे देश में शिक्षा की गुणवता को मजबूत किया जा सके और वे अपने क्षेत्र के लिए बेहतर स्कूल के उदाहरण के रूप में उभर सकें ।

वहीं, मार्च महीने में राज्यसभा में पेश एक संसदीय समिति की रिपोर्ट में समग्र शिक्षा के तहत देश में प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूल स्तर पर आधारभूत संरचना के निर्माण कार्य में धीमी प्रगति पर चिंता व्यक्त की गई।

इसमें कहा गया है कि प्रारंभिक स्तर पर स्कूलों में केवल 81.27 प्रतिशत शौचालयों का निर्माण कार्य पूरा हुआ है। केवल 83.31 प्रतिशत माध्यमिक विद्यालयों में पेयजल की सुविधा पूरी हुई है। केवल 67.73 प्रतिशत माध्यमिक विद्यालयों में बालिकाओं के लिए अलग शौचालयों का कार्य पूरा हुआ है।

रिपोर्ट के अनुसार, उच्चतर माध्यमिक स्कूलों में पूरे होने वाले अवसंरचना निर्माण कार्य का प्रतिशत भी कम है। इसमें न तो अतिरिक्त शिक्षक कक्ष ही उपयुक्त संख्या में बनाए गए हैं, न ही भौतिकी, रसायन शास्त्र और जीव विज्ञान जैसे विषयों की प्रयोगशालाएं बनी हैं।

संसदीय समिति ने पाया कि माध्यमिक स्कूलों में भी स्कूल भवनों का निर्माण एवं मरम्मत का कार्य भी बहुत कम हुआ है।

समग्र शिक्षा अभियान, प्री-स्कूल से कक्षा 12 तक स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करने का एक कार्यक्रम है।

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Web Title: Action plan for expansion of Composite Education Campaign prepared: Bal Vatika, emphasis will be on vocational education

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