नयी दिल्ली, नौ फरवरी वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालय जियोलॉजी के विज्ञानियों का प्रारंभिक आकलन है कि दो दिन पहले उत्तराखंड में आकस्मिक बाढ़ झूलते ग्लेशियर के ढह जाने की वजह से आयी।
झूलता ग्लेशियर एक ऐसा हिमखंड होता है जो तीव्र ढलान के एक छोर से अचानक टूट जाता है।
वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के निदेशक कलाचंद सेन ने कहा, ‘‘रौंथी ग्लेशियर के समीप एक झूलते ग्लेशियर में ऐसा हुआ , जो रौंथी/मृगुधानी चौकी (समुद्रतल से 6063 मीटर की ऊंचाई पर) से निकला था।’’
हिमनद वैज्ञानिकों की दो टीम रविवार की आपदा के पीछे के कारणों का अध्ययन कर रही हैं। उन्होंने मंगलवार को हेलीकॉप्टर से सर्वेक्षण भी किया।
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