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आप ने केजरीवाल के नजरबंद होने का किया दावा, दिल्ली पुलिस ने किया खारिज

By भाषा | Updated: December 8, 2020 18:34 IST

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नयी दिल्ली, आठ दिसम्बर आम आदमी पार्टी (आप) ने मंगलवार को आरोप लगाया कि सिंघू बॉर्डर पर केन्द्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों से मिलने के बाद से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली पुलिस ने घर में नजरबंद कर दिया है। पुलिस ने हालांकि पार्टी के दावों को खारिज किया है।

केजरीवाल ने सिंघू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों से सोमवार को मुलाकात की और किसानों के लिए सुविधाओं की समीक्षा की।

उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि उन्हें केजरीवाल के आवास में जाने नहीं दिया गया। बाद में आप नेता ने मुख्यमंत्री आवास के बाहर एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया।

इससे पहले आप के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने एक संवाददाता सम्मेलन में दावा किया कि दिल्ली पुलिस ने केजरीवाल को उनके आवास पर नजरबंद कर दिया है।

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘गृह मंत्रालय के निर्देश पर, दिल्ली पुलिस ने मुख्यमंत्री केजरीवाल को सिंघू बॉर्डर पर किसानों से मिलने के बाद से ही उनके घर पर नजरबंद कर दिया है। किसी को भी उनके आवास जाने या वहां से बाहर आने की अनुमति नहीं है, उन्हें किसी से मिलने भी नहीं दिया जा रहा है। जब हमारे विधायक मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचे, तो उन्हें पीटा गया और सड़कों पर धकेल दिया गया। पार्टी कार्यकर्ताओं को भी उनसे मिलने नहीं दिया जा रहा है।’’

विशेष पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) उत्तर जोन, सतीश गोलचा ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में हालात शांतिपूर्ण हैं।

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘सोशल मीडिया पर कुछ जगह पर दावा किया गया है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री की आवाजाही पर पाबंदी लगा दी गयी है। मैं इस संबंध में स्पष्ट करना चाहूंगा कि ये दावे पूरी तरह निराधार हैं। बिल्कुल भी पाबंदी नहीं है। मुख्यमंत्री सामान्य तरीके से कामकाज कर रहे हैं। वह कामकाज के लिए अपने घर से बाहर भी जा रहे हैं।’’

पुलिस उपायुक्त (उत्तर) एंटो अल्फोंस ने भी केजरीवाल के आवास के प्रवेश द्वार की तस्वीर साझा की और सभी आरोपों को खारिज किया।

डीसीपी ने कहा, ‘‘ मुख्यमंत्री को नजरबंद करने के दावे गलत हैं। वह कानून के अंतर्गत स्वतंत्रता से कहीं भी आने-जाने के अपने अधिकार का इस्तेमाल कर सकते हैं। आवास के प्रवेश द्वार की तस्वीर सब स्पष्ट करती है।’’

केजरीवाल के आवास के बाहर संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए सिसोदिया ने दावा किया कि उन्हें और कई पार्टी विधायकों को मुख्यमंत्री से मुलाकात की अनुमति नहीं दी गयी।

उन्होंने कहा, ‘‘पुलिस अब भी झूठ कह रही है कि नजरबंदी नहीं की गयी है। वे ऐसा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि केजरीवाल ने दिल्ली के स्टेडियमों को प्रदर्शनकारी किसानों के लिए अस्थायी जेल बनाने की अनुमति नहीं दी थी। वे केजरीवाल से डरे हुए हैं और उन्हें डर है कि मुख्यमंत्री बंद के समर्थन में निकलेंगे।’’

भारद्वाज ने कहा कि आप सदस्य केजरीवाल को मुक्त कराएंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘हमें बताया गया कि केजरीवाल को किसानों का प्रदर्शन जारी रहने तक घर में नजरबंद रखने के लिए गृह मंत्रालय से सीधे आदेश मिले हैं। आज हमारे सभी पार्टी कार्यकर्ता यहां एकत्रित हुए हैं और हम केजरीवाल के आवास की तरफ जाएंगे। अगर पुलिस हमें रोकती है तो हम दुर्व्यवहार नहीं करेंगे।’’

आप नेताओं दुर्गेश पाठक, दिलीप पांडेय और सोमनाथ भारती ने भी केजरीवाल के आवास के बाहर प्रदर्शन किया। आप सांसद भगवंत मान ने दावा किया कि पुलिस ने उन्हें मुख्यमंत्री आवास में जाने से रोका।

मान ने दावा किया, ‘‘हमने आपातकाल के बारे में सुना था, आज देख भी लिया। मुझे अंदर नहीं जाने दिया जा रहा और मुख्यमंत्री से मिलने नहीं दिया जा रहा है। मैं निर्वाचित जनप्रतिनिधि हूं और मुझे अनुमति नहीं दी जा रही है। भाजपा घबरा गयी है और दिल्ली के मुख्यमंत्री को प्रदर्शनकारी किसानों के प्रति समर्थन दिखाने से रोक रहे हैं।’’

विपक्षी भाजपा और कांग्रेस ने केजरीवाल की तथाकथित नजरबंदी को ‘राजनीतिक चालबाजी’ करार दिया।

दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता नवीन कुमार ने कहा कि आप पार्टी झूठ और धोखेबाजी की राजनीति में लिप्त है।

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘कल मुख्यमंत्री केजरीवाल सिंघू बॉर्डर गये थे और वह शाम को एक पार्टी में भी गये। यह रहा वीडियो। वे घर में आराम को नजरबंदी कह रहे हैं।’’

दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष अनिल चौधरी ने कहा, ‘‘यह चालबाजी है। जब उनकी सरकार ने नये कृषि कानून को अधिसूचित किया है तो वह भारत बंद का समर्थन कैसे कर सकते हैं? उन्हें अपने आवास से निकलने से पहले अमित शाह की अनुमति का इंतजार करना होगा।’’

हालांकि आप नेताओं ने दोहराया कि केंद्र ने केजरीवाल को नजरबंद किया है ताकि वह प्रदर्शनकारी किसानों का समर्थन नहीं कर सकें।

आप के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने आरोप लगाया, ‘‘ सिंघू बॉर्डर से आने के बाद से ही अरविंद केजरीवाल को नजरबंद कर दिया गया है। सरकार नहीं चाहती कि केजरीवाल किसानों के साथ खड़े हों और इसलिए ही यह कदम उठाया गया है।’’

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा, ‘‘ केजरीवाल को नजरबंद कर, केन्द्र सरकार किसानों के समर्थन में उठने वाली हर आवाज को दबाना चाहती है।’’

आम आदमी पार्टी ने किसान संगठनों द्वारा आहूत ‘भारत बंद’ को पूरा समर्थन दिया है।

पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के हजारों किसान केन्द्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली से लगी सीमाओं पर बीते 13 दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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