मेवालाल चौधरी पर विवाद जारी, तेजस्वी यादव का ट्वीट-भ्रष्टाचार और भगोडे़ आरोपी को शिक्षा मंत्री बना दिया

By एस पी सिन्हा | Published: November 18, 2020 02:19 PM2020-11-18T14:19:28+5:302020-11-18T14:22:09+5:30

तेजस्वी ने नीतीश सरकार में अल्पसंख्यकों की उपेक्षा का भी आरोप लगाया है. तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कहा है कि नीतीश कुमार से सवाल किया है कि क्या मेवालाल को मंत्री बना कर भ्रष्टाचार करने का ईनाम एवं लूटने की खुली छूट प्रदान की है? 

aaj ka taja samachar Bihar Mevalal Chaudhary Tejashwi Yadav's corruption fugitive accused made Education Minister | मेवालाल चौधरी पर विवाद जारी, तेजस्वी यादव का ट्वीट-भ्रष्टाचार और भगोडे़ आरोपी को शिक्षा मंत्री बना दिया

बिहार सरकार के शिक्षा मंत्री को बधाई देने गये थे. उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव का विरोध अपनी जगह है. (file photo)

Highlightsराजद नेता तेजस्वी यादव ने ही नीतीश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.ट्वीट कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा है.रिकॉर्डतोड़ अपराध की बहार है. कुर्सी खातिर क्राइम, करप्शन और कम्यूनिज्म पर मुख्यमंत्री जी प्रवचन जारी रखेंगे.

पटनाः बिहार के नए शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी पर उठा विवाद अब थमने का नाम नहीं ले रहा है. तेजस्वी ने शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी पर सरकार की घेराबंदी एक बाऱ फिर तेजकर दी है.

अब राजद नेता तेजस्वी यादव ने ही नीतीश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. उन्होंने ट्वीट कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा है. साथ ही साथ तेजस्वी ने नीतीश सरकार में अल्पसंख्यकों की उपेक्षा का भी आरोप लगाया है. तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कहा है कि नीतीश कुमार से सवाल किया है कि क्या मेवालाल को मंत्री बना कर भ्रष्टाचार करने का ईनाम एवं लूटने की खुली छूट प्रदान की है? 

तेजस्वी यादव ने अपने अगले ट्वीट में कहा कि भ्रष्टाचार के अनेक मामलों में भगोडे़ आरोपी को शिक्षा मंत्री बना दिया. अल्पसंख्यक समुदायों में से किसी को भी मंत्री नहीं बनाया. सत्ता संरक्षित अपराधियों की मौज है. रिकॉर्डतोड़ अपराध की बहार है. कुर्सी खातिर क्राइम, करप्शन और कम्यूनिज्म पर मुख्यमंत्री जी प्रवचन जारी रखेंगे.

तेजस्वी यादव ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति और भवन निर्माण में भ्रष्टाचार के गंभीर मामलों में आईपीसी 409, 420, 467, 468, 471 और 120बी के तहत आरोपी मेवालाल चौधरी को शिक्षा मंत्री बनाकर क्या भ्रष्टाचार करने का इनाम एवं लूटने की खुली छूट प्रदान की है? सबसे दिलचस्प बात तो यह है कि एक ओर जहां राजद नेता और नेता विपक्ष तेजस्वी यादव नव नियुक्त शिक्षामंत्री मेवालाल चौधरी पर लगातार हमले कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर राजद के राज्यसभा सांसद अशफाक करीम ने शिक्षामंत्री से मिलकर उन्हें बधाई दी है.

सरकार से तेजस्वी इतने नाराज हैं कि वो न तो शपथ ग्रहण समारोह में गये

हालांकि नई सरकार से तेजस्वी इतने नाराज हैं कि वो न तो शपथ ग्रहण समारोह में गये, न ही उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने पर अब तक बधाई दी है. ऐसे में राजद सांसद अशफाक करीम का सरकार के शिक्षा मंत्री को बधाई देना राजनीतिक गलियारे में चर्चा का विषय बना हुआ है.

ऐसे में मामले की गंभीरता को देख सफाई देते हुए अशफाक करीम ने कहा है कि वे जदयू नेता मेवलाल चौधरी को बधाई देने नहीं, बल्कि बिहार सरकार के शिक्षा मंत्री को बधाई देने गये थे. उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव का विरोध अपनी जगह है. वे सरकार के शिक्षा मंत्री से मिलने गये थे. यहां बता दें कि इससे पहले आरजेडी ने ट्वीट करके कहा था कि जिस भ्रष्टाचारी जदयू विधायक को सुशील मोदी खोज रहे थे, उसे नीतीश कुमार ने मंत्री पद से नवाजा.

वहीं, बिहार के नए शिक्षा मंत्री से पूछताछ के लिए पूर्व आईपीएस अमिताभ दास ने डीजीपी एसके सिंघल को चिट्ठी लिखी है. जबकि भाकपा- माले महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि हमारी जीत जनता के विभिन्न सवालों पर लगातार चले आंदोलनों की जीत है.

मेवालाल चौधरी को मंत्रिमंडल से अविलंब बर्खास्त किया जाना चाहिए, इसको लेकर हमारी पार्टी धारावाहिक आंदोलन में उतरेगी. राज्य कमेटी की बैठक में उन्होंने कहा कि ऐसे व्यक्ति को शिक्षा विभाग दिया गया है, जो कृषि विश्वविद्यालय में गड़बड़ी को लेकर कभी खुद मुख्यमंत्री द्वारा ही पार्टी से निकाला गया था.

उल्लेखनीय है कि तारापुर के नवनिर्वाचित जदयू विधायक डॉ मेवालाल चौधरी को पहली बार कैबिनेट में शामिल किया गया है. राजनीति में आने से पहले वर्ष 2015 तक वह भागलपुर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति थे. वर्ष 2015 में सेवानिवृत्ति के बाद राजनीति में आए. इसके बाद जदयू से टिकट लेकर तारापुर से चुनाव लडे़ और जीत गए.

लेकिन, चुनाव जीतने के बाद डॉ चौधरी नियुक्ति घोटाले में आरोपित किए गए. कृषि विश्वविद्यालय में नियुक्ति घोटाले का मामला सबौर थाने में वर्ष 2017 में दर्ज किया गया था. इस मामले में विधायक ने कोर्ट से अंतरिम जमानत ले ली थी. मेवालाल चौधरी की पत्नी स्व. नीता चौधरी राजनीति में काफी सक्रिय रही थीं.

वह जदयू के मुंगेर प्रमंडल की सचेतक भी थीं. 2010-15 में तारापुर से विधायक चुनी गईं. वर्ष 2019 में गैस सिलेंडर से लगी आग में झुलसने से उनकी मौत हो गयी थी. पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ कुमार दास ने शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी की पत्नी की मौत के मामले में उनसे पूछताछ की मांग की है. इसके लिए उन्होंने डीजीपी एसके सिंघल को पत्र लिखा है.

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