‘एक आदर्श दंपति’: न्यायाधीश लीला सेठ और उनके पति ने साथ लिया था अंगदान का प्रण
By भाषा | Updated: August 13, 2021 18:00 IST2021-08-13T18:00:54+5:302021-08-13T18:00:54+5:30

‘एक आदर्श दंपति’: न्यायाधीश लीला सेठ और उनके पति ने साथ लिया था अंगदान का प्रण
(कुणाल दत्त)
नयी दिल्ली,13 अगस्त प्रख्यात लेखक विक्रम सेठ के पिता एवं फुटवेयर उद्योग में जाना माना नाम प्रेमो सेठ का निधन 97 वर्ष की आयु में हो गया। उन्होंने अपनी मृत्यु से पहले चिकित्सकीय अनुसंधान के वास्ते अपने अंगों को दान कर दिया था।
उनके परिवार ने यह जानकारी दी। सेठ की पत्नी न्यायमूर्ति लीला सेठ का निधन मई 2017 में हो गया था और उन्होंने भी अपनी मृत्यु से पहले अपनी आंखे और अन्य अंग प्रतिरोपण के लिए अथवा चिकित्सीय अनुसंधान के लिए दान कर दिए थे।
सेठ दंपति के छोटे पुत्र शांतुम सेठ ने फोन पर ‘पीटीआई-भाषा’ से शुक्रवार को कहा,‘‘ मेरे माता पिता ने अंगदान करने की प्रतिज्ञा साथ में ली थी। हालांकि शारीरिक रूप से हमने दोनों को खो दिया है, पर हमें लगता है कि वे हमारे साथ (अपने बच्चों और पोते पोतियों के जरिए) हैं और विज्ञान और अनुसंधान के जरिए वे हमारे साथ जिंदा रहेंगे, जिसकी खातिर उन्होंने अपने अंगदान किए।’’
आज का दिन यानी 13 अगस्त विश्व अंगदान दिवस के तौर पर मनाया जाता है और प्रेमो सेठ का निधन 13 अगस्त से चंद दिन पहले पांच अगस्त को वृद्धावस्था से संबंधित बीमारियों के चलते हो गया था।
शांतुम (64) कहते हैं कि उनके माता पिता का जन्म आजादी के पहले हुआ था और दोनों ने अपने तरीके से देश निर्माण में योगदान दिया। शांतुम अमेरिका में रहते हैं।
शांतुम ने कहा कि उनके माता पिता को पटना से बेहद लगाव था,क्योंकि दोनों ने अपने कैरियर के शुरुआती दिन बिहार की राजधानी में बिताए।
उन्होंने कहा कि लीला सेठ ने 1959 में पटना उच्च न्यायालय में अपनी प्रैक्टिस शुरू की और यहां 10 वर्ष बिताए जबकि उनके पति पटना इलाके के दीघा में बाटा फैक्टरी में प्रबंधक के तौर पर कार्यरत रहे।
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