बच्चा चोर होने के शक में पश्चिम बंगाल में पीट-पीटकर एक व्यक्ति की हत्या, एक गिरफ्तार
By भाषा | Published: September 12, 2019 01:22 AM2019-09-12T01:22:06+5:302019-09-12T01:22:06+5:30
तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्य सरकार के मंत्री फिरहाद हकीम ने कहा, ‘‘भीड़ हत्या के मामले में कानून अपना काम करेगा । लेकिन, मैं यह उल्लेख करना चाहूंगा कि जहां कहीं भी भारतीय जनता पार्टी सत्ता में है अथवा अपना जमीन तैयार करने का प्रयास कर रही है वहां भीड़ हत्या की घटना लगातार हो रही है।’’
पश्चिम बंगाल के आसनसोल में बुधवार की सुबह बच्चा चोर होने के संदेह में एक व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या कर दी गयी है और इस संबंध में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है । आसनसोल के सालानपुर इलाके में हुई इस घटना में कथित रूप से शामिल होने के आरोप में कुछ अन्य लोगों को हिरासत में लिया गया है ।
पश्चिम बंगाल विधानसभा में 30 अगस्त को भीड़ हमले के संबंध में एक विधेयक पारित होने के बाद महज एक पखवाड़े से भी कम समय में यह घटना हुई है । विधेयक में भीड़ के हमले में किसी व्यक्ति के घायल होने पर दोषियों को आजीवन कारावास तथा व्यक्ति की मृत्यु होने पर दोषियों के लिए मौत की सजा तक का प्रावधान किया गया है ।
आसनसोल दुर्गापुर पुलिस आयुक्तालय के अधिकारियों के अनुसार भीड़ ने सुबह से ही इलाके में संदिग्ध अवस्था में घूम रहे 35 से 40 साल के एक अज्ञात व्यक्ति को खंभे से बांध दिया और बच्चा चोर होने के संदेह में उसे पीटा । उन्होंने बताया कि बाद में उसे खोल दिया गया और भीड़ ने एक बार फिर उसकी पिटाई कर दी । अधिकारियों ने बताया कि घटना की सूचना मिलने के बाद भारी संख्या में पुलिस बल को मौके पर भेजा गया जिन्होंने उस व्यक्ति को भीड़ से बचाया। हालांकि बाद में सरकारी अस्पताल में उसकी मौत हो गयी । इस संबंध में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘अब तक व्यक्ति की पहचान नहीं हो सकी है । हमने घटना के वायरल वीडियो के आधार पर एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है और कुछ अन्य को हिरासत में लिया है ।’’ उन्होंने बताया कि पुलिस ने मामले में छानबीन शुरू कर दी है । भीड़ हमले से सबंधित विधेयक 30 अगस्त को पारित होने के बाद से भीड़ हत्या की यह दूसरी घटना है । इससे पहले चार सितंबर को अज्ञात हमलावरो के हमले में कबीर शेख नामक एक मिस्त्री की मौत हो गयी ।
मुर्शिदाबाद मेडिकल कालेज लाये जाने के बाद उसे मृत घोषित कर दिया गया । प्रदेश के अलग अलग हिस्सों से इस तरह की तीन और घटनायें प्रकाश में आयी है लेकिन इनमें पीड़ितों का बचाव हो गया है । भीड़ हत्या की घटना के बाद प्रदेश में तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच राजनीतिक बहस शुरू हो गयी है और दोनों ने घटना के लिए एक दूसरे को जिम्मेदार बतना शुरू कर दिया है ।
तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्य सरकार के मंत्री फिरहाद हकीम ने कहा, ‘‘भीड़ हत्या के मामले में कानून अपना काम करेगा । लेकिन, मैं यह उल्लेख करना चाहूंगा कि जहां कहीं भी भारतीय जनता पार्टी सत्ता में है अथवा अपना जमीन तैयार करने का प्रयास कर रही है वहां भीड़ हत्या की घटना लगातार हो रही है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा और इसके सहयोगी भीड़ हत्या का समर्थन करते हैं और लोगों को आतंकित करने के लिए एक औजार के रूप में इसका इस्तेमाल करती है। दूसरी ओर भाजपा ने तृणमूल कांग्रेस के इन आरोपों को आधारहीन करार दिया है ।
पार्टी अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा, ‘‘इनमें से किसी भी घटना में न तो कोई भाजपा नेता और न ही कोई कार्यकर्ता शामिल है । दरअसल, भीड़ हत्या की इन घटनाओं से यह साबित हो गया है कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल शासन के दौरान कानून व्यवस्था बदतर हो गयी है ।’’ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सोमेन मित्रा ने कहा कि राज्य सरकार भीड़ हत्या की घटना को नियंत्रित करने में विफल रही है ।
उन्होंने कहा कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए । वरिष्ठ माकपा नेता सुजान चक्रबर्ती ने प्रदेश सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि हालांकि राज्य सरकार ने विधेयक पारित करा लिया है लेकिन भीड़ हमले की घटना को नियंत्रित करने में विफल रही है ।