चंद लोग राजनीतिक कारणों से कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैः खट्टर

By भाषा | Updated: December 20, 2020 22:59 IST2020-12-20T22:59:31+5:302020-12-20T22:59:31+5:30

A few people are opposing agricultural laws for political reasons: Khattar | चंद लोग राजनीतिक कारणों से कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैः खट्टर

चंद लोग राजनीतिक कारणों से कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैः खट्टर

चंडीगढ़, 20 दिसंबर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने रविवार को केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों का बचाव करते हुए कहा कि चंद लोग "राजनीतिक कारणों" से इन अधिनियमों का विरोध कर रहे हैं।

खट्टर ने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में हर किसी को अपने विचार रखने का अधिकार है लेकिन सड़क बंद कर दबाव बनाने के लिए कोई जगह नहीं है।

दक्षिण हरियाणा के नारनौल में "जल अधिकार रैली" को संबोधित करते हुए खट्टर ने कहा कि केंद्र सरकार 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लिए प्रतिबद्ध है।

इस रैली में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने शिरकत की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों की आय कई चरणों में दोगुनी की जाएगी जिनमें से एक कृषि सुधार हैं।

उन्होंने कहा, "चंद लोग राजनीतिक कारणों से इन कानूनों का विरोध कर रहे हैं जिन्हें मैं किसानों का प्रतिनिधि नहीं कहूंगा।"

खट्टर ने कहा कि विरोध के कई तरीके हैं। यह विधानसभा में किया जा सकता है, मीडिया के जरिए किया जा सकता है, लोगों के बीच जाकर किया जा सकता है और बड़ी या छोटी जनसभाओं के जरिए किया जा सकता है, लेकिन "50-70 हजार लोग इकट्ठा हो जाएं और सड़कें बंद करके दबाव बनाएं... लोकतंत्र ऐसी चीजों के लिए नहीं है।"

उन्होंने कहा, "अगर सरकार इसके आगे झुक जाती है तो देश गलत दिशा में जाएगा। बड़ी मुश्किलों से हमने इस लोकतंत्र को स्थापित किया है।"

पंजाब और हरियाणा समेत देश के विभिन्न राज्यों से आए किसान दिल्ली की सीमाओं पर पिछले चार हफ्तों से कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। वे इन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं।

इन कानूनों के बारे में सत्तारूढ़ दल का दावा है कि ये किसानों के फायदे के लिए हैं।

प्रदेश भाजपा प्रमुख ओपी धनखड़ ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि कृषि कानून किसानों के लिए हैं और वे उनके समर्थन में हैं।

धनखड़ ने कहा कि कुछ दिन पहले टीवी पर एक परिचर्चा के दौरान एक किसान नेता से पूछा गया कि यह आंदोलन कब खत्म होगा तो उन्होंने कहा कि यह उस दिन खत्म हो जाएगा जब इसमें कोई राजनीति नहीं रहेगी।

प्रदेश भाजपा प्रमुख ने दावा किया, ‘‘यह आंदोलन किसानों का नहीं है, बल्कि राजनीति के लिए है। यह लाल झंडे वालों (वामपंथियों) का आंदोलन है।’’

खट्टर ने फिर दोहराया कि अगर न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रणाली को किसी तरह का खतरा होता तो वह राजनीति छोड़ देते।

सतलुज-यमुना संपर्क नहर के मुद्दे पर खट्टर ने कहा कि लोकतांत्रिक देश में राज्य मनमानी नहीं कर सकते हैं और पंजाब को मुद्दे पर अपनी जिद छोड़नी होगी।

उन्होंने उम्मीद जताई कि हरियाणा को अपने हिस्से का पानी निश्चित रूप से मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों से कहा कि वह केंद्र के साथ बातचीत के दौरान अपनी मांगों में पंजाब में नहर बनाने का मुद्दा भी शामिल करें।

केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने कहा कि मोदी सरकार के कार्यकाल के दौरान किसानों के कल्याण के लिए कई कदम उठाए गए हैं।

रैली के दौरान एक व्यक्ति को कथित रूप से काला झंडा लहराने को लेकर पुलिस ने कुछ समय के लिए हिरासत में ले लिया।

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