84 साल के श्यामबाबू हार चुके हैं 32 बार चुनाव, लेकिन इस बार भी ठोकी ताल, ये है उनका मकसद
By रामदीप मिश्रा | Updated: April 7, 2019 10:17 IST2019-04-07T10:17:11+5:302019-04-07T10:17:11+5:30
ओडिशा के बेरहमपुर के रहने वाले 84 साल के श्यामबाबू सुबुद्धि अबतक 32 बार चुनाव लड़ चुके हैं और उन्हें हर बार हार का सामना करना पड़ा है

84 साल के श्यामबाबू हार चुके हैं 32 बार चुनाव, लेकिन इस बार भी ठोकी ताल, ये है उनका मकसद
कई लोगों के ऊपर चुनाव लड़ने का जुनून सवार हो जाता है और उन्हें चाहे जितनी भी हार मिलें लेकिन वो चुनाव लड़ने के लिए थकते नहीं हैं और हर बार ताल ठोक देते हैं। कुछ इसी तरह का मामला है ओडिशा के बेरहमपुर के रहने वाले 84 साल के श्यामबाबू सुबुद्धि का। वे अबतक 32 बार चुनाव लड़ चुके हैं और उन्हें हर बार हार का सामना करना पड़ा है और इस बार भी लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए उन्होंने कमर कस ली है।
श्यामबाबू सुबुद्धि 1962 से निर्दलीय चुनाव लड़ते आ रहे हैं। उन्होंने अभी तक 32 बार चुनाव लड़ा है, जिसमें लोकसभा, राज्य सभा और विधानसभा चुनाव शामिल हैं। उनका कहना है कि मुझे भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई जारी रखनी है। मेरा चुनाव चिन्ह एक बल्ला है और उस पर 'प्राइम मिनिस्टर कैंडिडेट' लिखा हुआ है।
84-yr old Dr Shyam Babu Subudhi who has contested Lok Sabha,Assembly &Rajya Sabha polls as an independent since 1962&faced loss each time says,"I fought elections 32 times. I've to continue the fight against corruption. My election symbol is a bat&has'PM candidate' written on it" pic.twitter.com/95G4wemg5e
— ANI (@ANI) April 7, 2019
श्यामबाबू सुबुद्धि का कहना है कि मैं अस्का और बेरहमपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने जा रहा हूं। मैं ट्रेनों, बसों और बाजारों में अपने दम पर चुनाव प्रचार करता हूं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि मैं जीतता हूं या हारता हूं। मुझे लड़ाई जारी रखनी है।
#Odisha: 84-yr old Dr Shyam Babu Subudhi: I am going to fight Lok Sabha elections from Aska and Berhampur. I campaign on my own in trains, buses and at market places. It does not matter whether I win or lose. I have to continue the fight" pic.twitter.com/x6GZdRooNy
— ANI (@ANI) April 7, 2019
खबरों के मुताबिक, सुबुद्धि पेशे से होम्योपैथी डॉक्टर हैं और उनके परिवार में दो बेटे और दो बेटियां हैं, जिनती शादी हो चुकी है। वहीं पत्नी का निधन हो चुका है। बताया गया है कि वे निर्दलीय पीवी नरसिम्हा राव और बिजू पटनायक के खिलाफ चुनाव लड़ चुके हैं।