बीएसएनल के 80 हजार कर्मचारियों की नौकरी पर तलवार, सरकार की अनुमति मिलने का इंतजार

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 7, 2019 11:37 IST2019-09-07T11:37:06+5:302019-09-07T11:37:06+5:30

बीएसएनएल में करीब 70 से 80 हजार कर्मचारियों के छंटनी पर विचार चल रहा है। वीआरएस को अधिक आकर्षक बनाने के लिए हम प्रयास कर रहे हैं ताकि कर्मचारी खुद से इस्तीफे के लिए आगे आएं।

80000 BSNL Employee asked to resign after govt approval, august salary not credit | बीएसएनल के 80 हजार कर्मचारियों की नौकरी पर तलवार, सरकार की अनुमति मिलने का इंतजार

बीएसएनल के 80 हजार कर्मचारियों की नौकरी पर तलवार, सरकार की अनुमति मिलने का इंतजार

Highlightsपुरवार ने कहा कि एमटीएनएल और बीएसएनएल के स्टाफ कॉस्ट को कम किया जा सकता है।बीएसएनएल के रेवेन्यू का 75 प्रतिशत कर्मचारियों पर खर्च होता है।

नकदी संकट से जूझ रही भारत संचार निगल लिमिटेड (बीएसएनएल) से करीब 80 हजार कर्मचारियों की छुट्टी हो सकती है। कंपनी सरकार से अनुमति मिलने की प्रतीक्षा कर रही है। बीएसएनएल के चेयरमैन प्रवीन कुमार पुरवार ने इकोनॉमिक टाइम्स को दिए साक्षात्कार में ये जानकारी दी।

पुरवार ने कहा कि एमटीएनएल और बीएसएनएल के स्टाफ कॉस्ट को कम किया जा सकता है। सभी जानते हैं कि बीएसएनएल के रेवेन्यू का 75 प्रतिशत कर्मचारियों पर खर्च होता है। प्रतिस्पर्धी कंपनियों की अपेक्षा बीएसएनएल में कर्मचारियों की संख्या बहुत ज्यादा है। इसके लिए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के प्रस्ताव पर विचार चल रहा है।

उन्होंने बताया कि करीब 70 से 80 हजार कर्मचारियों के छंटनी पर विचार चल रहा है। वीआरएस को अधिक आकर्षक बनाने के लिए हम प्रयास कर रहे हैं ताकि कर्मचारी खुद से इस्तीफे के लिए आगे आएं। कर्मचारियों की कमी के सवाल पर पुरवार ने कहा कि 80 हजार की छंटनी के बाद भी बीएसएनएल में करीब 1 लाख कर्मचारी बचेंगे। जो कमी होगी उसके लिए कर्मचारियों को आउटसोर्स किया जाएगा।

नहीं मिली अगस्त की सैलरी

बीएसएनल कर्मचारियों के अगस्त महीने के लिए सैलरी अभी तक नहीं मिली है जिसे लेकर देशभर में कई जगहों पर प्रदर्शन हो रहा है। बीएसएनल के एक अधिकारी ने बताया कि कंपनी की मासिक कमाई करीब 1,400 करोड़ रुपये है। कर्ज पर ब्याज भुगतान समेत उसकी कुछ देनदारियां भी हैं। अधिकारी ने बताया कि 30 अगस्त को मासिक वेतन देने में बीएसएनएल को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि उन्होंने इसे जारी करने की किसी समयसीमा के बारे में कोई जानकारी नहीं दी। बीएसएनएल के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक पी.के. पुरवार ने इस संबंध में पूछे गए सवाल का जवाब नहीं दिया है। 

इस बीच भारत संचार निगम लिमिटेड के कर्मचारी संगठनों के अखिल भारतीय संघ एयूएबी के समन्वयक पी. अभिमन्यु ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘ सरकार पर बीएसएनएल का बहुत बकाया है। पेंशन योगदान के नाम पर सरकार 2007 से बीएसएनएल से हर साल करीब 400 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि भी वसूल रही है।’’ एयूएबी अपनी मांगों को लेकर दबाव बढ़ाने के लिए देशभर में आंदोलन चलाने की भी योजना बना रही है। 

उन्होंने कहा कि इस बार हम देशव्यापी आंदोलन की योजना बना रहे हैं। दूरसंचार विभाग अगर वेंडर और बीएसएनएल दोनों का बकाया भुगतान कर दे तो कर्मचारियों को समय पर वेतन दिया जा सकेगा। बीएसएनएल के कुल कर्मचारियों की संख्या 1,65,179 है। इनके वेतन पर कंपनी की कुल आय का करीब 75 प्रतिशत खर्च होता है। कंपनी के 14,000 करोड़ रुपये के नुकसान में होने का अनुमान है जबकि 2018-19 में उसकी कुल आय 19,308 करोड़ रुपये थी।

समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा से इनपुट्स लेकर

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