भारत में कोविड-19 टीके की 6.5 प्रतिशत खुराक हो रही बर्बाद : केंद्र

By भाषा | Updated: March 17, 2021 20:01 IST2021-03-17T20:01:15+5:302021-03-17T20:01:15+5:30

6.5 percent dose of Kovid-19 vaccine wasted in India: Center | भारत में कोविड-19 टीके की 6.5 प्रतिशत खुराक हो रही बर्बाद : केंद्र

भारत में कोविड-19 टीके की 6.5 प्रतिशत खुराक हो रही बर्बाद : केंद्र

नयी दिल्ली, 17 मार्च भारत में कोविड-19 टीके की औसतन 6.5 फीसदी खुराक बर्बाद हो रही है जबकि तेलंगाना एवं आंध्र प्रदेश में यह बर्बादी क्रमश: 17.6 प्रतिशत और 11.6 प्रतिशत है।

केंद्र ने उपरोक्त जानकारी देते हुए कोविड-19 टीके की खुराक का किफायती तरीके से इस्तेमाल का आह्वान किया है।

संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि अब तक देश में टीके की 3.51 करोड़ खुराक दी गई है जिनमें से 1.38 करोड़ खुराक 45 से 60 साल की उम्र के बीच गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों और 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को दी गई है।

उन्होंने बताया कि 15 मार्च को दुनिया में कोविड-19 की 83.4 लाख खुराक दी गई जिनमें से 36 प्रतिशत खुराक अकेले भारत में दी गई।

भूषण ने बताया कि पांच राज्यों- तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक व जम्मू-कश्मीर में टीके की खुराक की बर्बादी राष्ट्रीय औसत 6.5 प्रतिशत से अधिक है।

उन्होंने कहा, ‘‘राज्यों को संदेश दिया गया है कि कोविड-19 के टीके अमूल्य हैं। ये लोगों की सेहत की बेहतरी के लिए है और इसलिए किफायती तरीके से इसका इस्तेमाल किया जाना चाहिए, टीके की बर्बादी को बड़े पैमाने पर कम करने की जरूरत है। टीके की बर्बादी कम होने का अभिप्राय: है कि आप और अधिक लोगों का टीकाकरण कर सकते हैं और इससे संक्रमण की कड़ी को तोड़ने की अधिक संभावना होगी जो बढ़ रही है।’’

मंत्रालय ने बताया कि एक से 15 मार्च के बीच 16 राज्यों के 70 जिलों में उपचाराधीन मरीजों की संख्या में 150 प्रतिशत की वृद्धि हुई जबकि 17 राज्यों के 55 जिलों में उपचाराधीन मरीजों की संख्या में 100 से 150 प्रतिशत के बीच बढ़ोतरी देखने को मिली।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि इनमें से अधिकतर जिले पश्चिम एवं उत्तर भारत के हैं।

भूषण ने राज्यों में कोविड-19 के बढ़ते मामलों की जानकारी देते हुए कहा, ‘‘ अगर हम महाराष्ट्र को देखें तो देशभर के कुल उपचाराधीन मरीजों में से 60 प्रतिशत मरीज अकेले यहां हैं जबकि नई मौतों में 45 प्रतिशत मौते अकेले महाराष्ट्र में दर्ज की जा रही हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘एक मार्च को औसतन 7,741 नए मामले दर्ज किए जा रहे थे जबकि 15 मार्च से नए मामलों की औसतन संख्या 13,527 हो गई। एक मार्च को जहां संक्रमण दर (कुल जांच किए गए नमूनों के अनुपात में संक्रमित) 11 प्रतिशत थी जो 15 मार्च से बढ़कर 16 प्रतिशत हो गई।’’

स्वास्थ्य सचिव ने रेखांकित किया कि संक्रमण दर में वृद्धि चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि जिस रफ्तार से संक्रमण की दर बढ़ रही है उस गति से जांच की संख्या नहीं बढ़ रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘ हमारा राज्यों को सलाह है खासतौर पर महाराष्ट्र को, की वे जांच की संख्या बढ़ाएं, विशेषतौर पर आरटी-पीसीआर पद्धति से जांच की।’’

मंत्रालय ने बताया कि पंजाब में एक मार्च को औसतन 531 नए मामले आए जबकि 15 मार्च से इनकी संख्या औसतन 1338 हो गई। वहीं संक्रमण दर दोगुनी हो गई है और जांच में आरटी-पीसीआर की हिस्सेदारी 89 प्रतिशत है।

इसी प्रकार चंडीगढ़ में एक मार्च को औसतन 49 नए मामले दर्ज किए जबकि 15 मार्च से इनकी संख्या औसतन 111 हो गई। संक्रमण दर भी 3.5 प्रतिशत से बढ़कर 7.5 प्रतिशत हो गई जबकि कुल नमूनों की जांच में आरटी-पीसीआर पद्धति की हिस्सेदारी 40 प्रतिशत रही।

भूषण ने कहा, ‘‘हम जांच की संख्या बढ़ाना चाहते हैं और इनमे आरटी-पीसीआर जांच को मौजूदा 40 प्रतिशत से कहीं अधिक बढ़ाने की जरूरत है।’’

छत्तीसगढ़ में एक मार्च को औसतन 239 नए संक्रमण के मामले आए जो 15 मार्च से बढ़कर औसतन 430 हो गई। राज्य में संक्रमण दर भी 1.4 प्रतिशत से बढ़कर 2.4 प्रतिशत हो गई जबकि जांच में आरटी-पीसीआर की हिस्सेदारी 34 प्रतिशत रही।

भूषण ने कहा कि फिर हम जांच में आरटी-पीसीआर जांच की हिस्सेदारी 70 प्रतिशत तक बढ़ाना चाहते हैं।

गुजरात में एक मार्च को औसतन 398 नए मामले आए जिनकी संख्या 15 मार्च से औसतन 689 हो गई। राज्य में संक्रमण दर भी 2.4 प्रतिश से बढ़कर चार प्रतिशत हो गई जबकि कुल जांच में आरटी-पीसीआर पद्धति से जांच 50 प्रतिशत है।

कर्नाटक में एक मार्च को औसतन 443 नए मामले आए जो 15 मार्च से बढ़कर औसतन 751 हो गई। राज्य में संक्रमण दर 0.8 प्रतिशत से बढ़कर 1.3 प्रतिशत हो गई। हालांकि, राज्य में कुल जांच में आरटी-पीसीआर जांच की हिस्सेदारी 93 प्रतिशत है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि विशेष तौर पर 12 राज्यों में कोविड-19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए मास्क पहने, सामाजिक दूरी, हाथ साफ करने और भीड़भाड़ पर नियंत्रण के नियम को सख्ती से लागू कराने की सलाह दी गई है।

केंद्र ने राज्यों को अधिक मौतों वालों जिलों में चिकित्सा प्रबंधन सुनिश्चित करने और जांच, पहचान और इलाज की रणनीत को लागू करने की सलाह दी है।

मंत्रालय ने कहा कि ऐसे जिलों में जांच की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए और कम से कम 70 प्रतिशत जांच आरटी-पीसीआर से होनी चाहिए।

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Web Title: 6.5 percent dose of Kovid-19 vaccine wasted in India: Center

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