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ADR Report: गोवा में बीते पांच सालों में 60 प्रतिशत विधायकों ने किया दलबदल, बनाया देशव्यापी रिकॉर्ड

By रुस्तम राणा | Updated: January 22, 2022 14:51 IST

रिपोर्ट में कहा गया है, ''मौजूदा विधानसभा (2017-2022) के पांच साल के कार्यकाल के दौरान लगभग 24 विधायकों ने दल बदला, जो सदन में विधायकों की कुल संख्या का 60 प्रतिशत हिस्सा है।

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ठळक मुद्देADR की रिपोर्ट के अनुसार लगभग 24 विधायकों ने दल बदलाकांग्रेस के 10 विधायक 2019 में पार्टी का दामन छोड़ भाजपा में शामिल हो गए थे

पणजी: गोवा में बीते पांच साल में लगभग 24 विधायकों ने एक पार्टी छोड़कर दूसरी पार्टी का दामन थामा है, जो 40 सदस्यीय राज्य विधानसभा में विधायकों की कुल संख्या का 60 प्रतिशत है। एक संगठन की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। ‘एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स’ (एडीआर) ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि इस मामले में गोवा ने एक विचित्र रिकॉर्ड कायम किया है, जिसकी भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में कोई दूसरी मिसाल नहीं मिलती। गोवा में 14 फरवरी को विधानसभा चुनाव के लिये मतदान होना है। 

रिपोर्ट में कहा गया है, ''मौजूदा विधानसभा (2017-2022) के पांच साल के कार्यकाल के दौरान लगभग 24 विधायकों ने दल बदला, जो सदन में विधायकों की कुल संख्या का 60 प्रतिशत हिस्सा है। भारत में इससे पहले ऐसा कभी नहीं हुआ। इससे जनादेश के घोर अनादर की बात बिल्कुल साफ नजर आती है और अनियंत्रित लालच नैतिक दृष्टिकोण व अनुशासन पर भारी पड़ता दिखाई देता है।'' 

रिपोर्ट में कहा गया है कि 24 विधायकों की सूची में विश्वजीत राणे, सुभाष शिरोडकर और दयानंद सोपटे के नाम शामिल नहीं हैं, जिन्होंने 2017 में कांग्रेस विधायकों के रूप में विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। वे सत्तारूढ़ भाजपा में शामिल हो गए थे और उसके टिकट पर चुनाव लड़ा था। कांग्रेस के 10 विधायक 2019 में पार्टी का दामन छोड़ भाजपा में शामिल हो गए थे। 

इनमें नेता प्रतिपक्ष चंद्रकांत कावलेकर भी शामिल थे। भाजपा में जाने वाले कांग्रेस के अन्य विधायकों में जेनिफर मोनसेरेट (तालिगाओ), फ्रांसिस्को सिल्वरिया (सेंट आंद्रे), फिलिप नेरी रोड्रिग्स (वेलिम), विल्फ्रेड नाजरेथ मेनिनो डी'सा (नुवेम), क्लैफसियो डायस (कनकोलिम), एंटोनियो कारानो फर्नांडीस (सेंट क्रूज़), नीलकंठ हलर्नकर (टिविम), इसिडोर फर्नांडीस (कैनकोना), अतानासियो मोनसेरेट (जिन्होंने मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद 2019 में पणजी उपचुनाव जीता था) शामिल हैं। 

महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) के विधायक दीपक पौस्कर (संवोर्डेम) और मनोहर अजगांवकर (पेरनेम) भी इसी अवधि के दौरान भाजपा में शामिल हो गए थे। सालिगांव से गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी) के विधायक जयेश सालगांवकर भी भाजपा में शामिल हो गए थे। हाल में गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री तथा पोंडा से कांग्रेस विधायक रवि नाइक सत्तारूढ़ भगवा पार्टी में शामिल हुए।

 एक अन्य पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस नेता लुइजिन्हो फलेरियो (नावेलिम) ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) का दामन थामा और वह 14 फरवरी के विधानसभा चुनावों में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। साल 2017 में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के टिकट पर जीतने वाले पूर्व मुख्यमंत्री चर्चिल अलेमाओ ने भी हाल में टीएमसी का रुख किया। 

साल 2017 के चुनावों में, कांग्रेस 40 सदस्यीय सदन में 17 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी, लेकिन सरकार नहीं बना सकी, क्योंकि 13 सीटें जीतने वाली भाजपा ने कुछ निर्दलीय विधायकों और क्षेत्रीय दलों के साथ गठबंधन कर सरकार बना ली थी। 

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