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अठारह से 45 साल के 59 करोड़ लोगों को टीके लगाने के लिये 122 करोड़ खुराकों की जरूरत होगी: केन्द्र

By भाषा | Updated: May 2, 2021 16:01 IST

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नयी दिल्ली, दो मई केन्द्र ने उच्चतम न्यायालय को बताया है कि 18 से 45 आयुवर्ग के 59 करोड़ लोगों को कोविड-19 के टीके लगाने के लिये 122 करोड़ खुराकों की जरूरत होगी।

शीर्ष अदालत में दाखिल एक हलफनामे में केन्द्र ने कहा कि टीकाकरण सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है और उपलब्ध संसाधनों तथा टीकों की उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए कम से कम समय में 100 प्रतिशत लोगों को टीका लगाने के प्रयास जारी हैं।

केन्द्र ने कहा, ''भारत में लगाए जा रहे कोवैक्सीन और कोविशील्ड दोनों टीके फिलहाल सीमित मात्रा में उपलब्ध हैं, लिहाजा सर्वोत्तम वैज्ञानिक तरीके से टीकाकरण को प्राथमिकता देना सरकार के लिये लाजमी हो गया है। टीकाकरण के मामले में पहली प्राथमिकता स्वास्थ्यकर्मी हैं।

केन्द्र के अनुसार, ''2021 के मध्य में देश में 18 से 45 वर्ष के लोगों की अनुमानित आबादी करीब 59 करोड़ है। इस आबादी के टीकाकरण के लिये 122 करोड़ खुराकों की आवश्यकता होगी।''

हलफनामे में कहा गया है कि केन्द्र सरकार कोविशील्ड और कोवैक्सीन टीकों के अलावा अन्य टीकों की खरीद के लिये पहले ही आवश्यक कदम उठा चुकी है। सरकार ने दूसरे देशों में मंजूरी पा चुके कोविड-19 के टीकों को उत्पादन के लिये आपात मंजूरी देने की प्रक्रिया तेज कर दी है।

सरकार ने अदालत को बताया कि वह रूस में हुए अध्ययन / क्लीनिकिल परीक्षणों तथा दूसरे चरण के डाटा से जुड़े अन्य देशों के आंकड़ों और डॉक्टर रेड्डीज की प्रयोगशालाओं द्वारा भारत में किए गए तृतीय परीक्षण के आधार पर रूस के स्पूतनिक वी टीके के सीमित उपयोग के लिए पहले ही लाइसेंस दे चुकी है।

केन्द्र ने कहा कि अनुमान के अनुसार स्थानीय रूप से निर्मित स्पूतनिक वी टीके की उपलब्धता जुलाई से शुरू होगी। उम्मीद है कि जुलाई में 40 लाख लोगों के लिये इन टीकों की 80 लाख जबकि अगस्त में 80 लाख लोगों के लिये 1 करोड़ 60 लाख खुराकें उपलब्ध होंगी।

सरकार ने कहा , “भारत सरकार 2020 के मध्य से फाइजर, मॉडर्ना और जे एंड जे के साथ निरंतर संपर्क में है, ताकि इन कंपनियों को भारत में अपने स्थानीय सहयोगियों के माध्यम से अपने-अपने टीकों के विकास/ आपूर्ति / निर्माण के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।''

शीर्ष अदालत ने कोविड-19 मामलों में अचानक वृद्धि से उपजे हालात पर 22 अप्रैल को संज्ञान लेते हुए कहा था कि केन्द्र सरकार से ऑक्सीजन वितरण और आवश्यक सेवाओं की आपूर्ति के लिये राष्ट्रीय नीति बनाने की उम्मीद की जाती है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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