नई दिल्लीः केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बड़ा खुलासा किया है। आईसीएमआर ने कहा कि बच्चे वायरस के संक्रमण से कहीं बेहतर निपट सकते हैं। प्राथमिक विद्यालयों को पहले खोलने पर विचार करना विवेकपूर्ण होगा।
सरकार ने कहा कि भारत में छह वर्ष से अधिक आयु की जनसंख्या के 67.6 प्रतिशत हिस्से में जून-जुलाई में आईसीएमआर के नवीनतम राष्ट्रीय सीरो सर्वेक्षण में सार्स-कोवी-2 एंटीबॉडी पाई गई है। एक तिहाई जनसंख्या में सार्स-सीओवी-2 एंटीबॉडी नहीं पाई गई, जिसका मतलब है कि करीब 40 करोड़ लोगों को अब भी कोरोना वायरस संक्रमण का खतरा है।
सर्वेक्षण में शामिल किये गये स्वास्थ्य कर्मियों में 85 प्रतिशत में सार्स-सीओवी-2 के खिलाफ एंटीबॉडी पाई गई, जबकि स्वास्थ्य कर्मियों में 10 प्रतिशत को अब तक टीका नहीं लगा है। भारत में 125 दिन में कोविड-19 के एक दिन में सबसे कम 30,093 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमण के मामले बढ़कर 3,11,74,322 हो गए।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से मंगलवार सुबह आठ बजे जारी किए गए अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, देश में 374 और लोगों की संक्रमण से मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 4,14,482 हो गई, पिछले 111 दिन में सामने आए ये संक्रमण के सबसे कम मामले हैं। वहीं, उपचाराधीन मरीजों की संख्या भी कम होकर 4,06,130 हो गई है, जो पिछले 117 दिन में सबसे कम है।
यह कुल मामलों के 1.30 प्रतिशत हैं। पिछले 24 घंटे में उपचाराधीन मरीजों की संख्या में कुल 15,535 कमी आई है। मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर 97.37 प्रतिशत है। आंकड़ों के अनुसार, अभी तक कुल 44,73,41,133 नमूनों की कोविड-19 संबंधी जांच की गई है, जिनमें से 17,92,336 नमूनों की जांच सोमवार को की गई।
देश में नमूनों के संक्रमित आने की दैनिक दर 1.68 प्रतिशत है। यह पिछले 29 दिनों से लगातार तीन प्रतिशत से कम है। नमूनों में संक्रमण की पुष्टि की साप्ताहिक दर 2.06 प्रतिशत है। अभी तक कुल 3,03,53,710 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं। कोविड-19 से मृत्यु दर 1.33 प्रतिशत है।
देश में अभी तक कोविड-19 रोधी टीकों की कुल 41.18 करोड़ खुराक दी जा चुकी हैं। देश में पिछले साल सात अगस्त को संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त को 30 लाख और पांच सितम्बर को 40 लाख से अधिक हो गई थी।
वहीं, संक्रमण के कुल मामले 16 सितम्बर को 50 लाख, 28 सितम्बर को 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख, 20 नवम्बर को 90 लाख के पार हो गए। देश में 19 दिसम्बर को ये मामले एक करोड़ के पार, चार मई को दो करोड़ के पार और 23 जून को तीन करोड़ के पार चले गए थे।