लाइव न्यूज़ :

वी के सिंह के पैतृक गांव में दो सप्ताह में 30 व्यक्तियों की मौत : सरपंच

By भाषा | Updated: May 16, 2021 19:12 IST

Open in App

भिवानी (हरियाणा), 16 मई जिले में केंद्रीय मंत्री वी के सिंह के पैतृक गांव बापोड़ा में पिछले दो हफ्तों में 30 से अधिक लोगों की मौत हो गई है।

यह जानकारी गांव के सरपंच ने रविवार को दी।

असामान्य रूप से इतनी अधिक संख्या में हुई मौतों ने यह चिंता उत्पन्न कर दी है कि इसका कारण कोविड​​​​-19 महामारी हो सकती है।

बापोड़ा के ग्राम प्रधान नरेश ने कहा कि इनमें से कई लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण के लक्षण थे लेकिन उनमें से केवल तीन ही जांच में संक्रमित पाए गए थे।

उन्होंने कहा, ‘‘पिछले दो हफ्तों के दौरान गांव में 30 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। उनमें से कई बुजुर्ग थे, मरने वालों में से केवल तीन की ही जांच रिपोर्ट में कोविड​​​​-19 की पुष्टि हुई थी।’’

भिवानी के उपायुक्त जयबीर सिंह आर्य ने पीटीआई-भाषा को फोन पर बताया कि गांव के सभी निवासियों की जांच की गई है।

रविवार को गांव का दौरा करने वाले अधिकारी ने यह भी बताया कि गांव में एक एंबुलेंस भी तैनात कर दी गई है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमने गांव में एक पृथक-वास केंद्र स्थापित किया है और आपातकालीन उपयोग के लिए एक एंबुलेंस भी तैनात की है। यहां टीकाकरण केंद्र भी स्थापित किए गए हैं।’’

अधिकारी ने कहा, ‘‘पूरे गांव को सैनिटाइज किया गया है।’’

सरपंच नरेश ने कहा कि बापोड़ा गांव की आबादी 20 हजार से ज्यादा है।

मौतों पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें (मरने वाले लोगों) बुखार और खांसी जैसे लक्षण थे, लेकिन उन्होंने जांच नहीं कराई। इसलिए, उनकी मौत के पीछे का असली कारण अज्ञात है।’’

उन्होंने कहा कि कई ग्रामीण कोविड​​​-19 जांच नहीं कराना चाहते।

ग्राम प्रधान ने कहा कि हालांकि, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए गांव में जांच और स्क्रीनिंग तेज कर दी है।

उन्होंने कहा, "पिछले कुछ दिनों के दौरान 150 से अधिक लोगों की जांच की गई और केवल एक ही व्यक्ति संक्रमित पाया गया।’’

नरेश ने कहा कि राज्य सरकार टीकाकरण शिविर भी लगा रही है और हाल में लगाए गए एक शिविर को ग्रामीणों से अच्छी प्रतिक्रिया मिली।

सरपंच ने कहा कि बापोड़ा को ‘‘फौजियों के गांव’’ के रूप में भी जाना जाता है और यह केंद्रीय मंत्री जनरल वी के सिंह का पैतृक गांव भी है।

बापोड़ा एकमात्र ऐसा गांव नहीं है जहां संदिग्ध कोविड-19 के कारण इतनी अधिक संख्या में मौतें हुई हैं।

पिछले महीने रोहतक के टिटोली गांव में 21 लोगों की मौत हुई थी, लेकिन अधिकारियों ने कहा कि इनमें से केवल चार की मौत संक्रमण के कारण होने की पुष्टि हुई।

हाल के सप्ताहों में भिवानी के मुंधल खुर्द और मुंधल कलां गांवों में भी लगभग 40 मौतें होने की खबरें आई थीं।

इस तरह की घटनाओं पर विपक्ष ने मांग की थी कि ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड-19 जांच बढ़ाई जानी चाहिए।

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड-19 की समस्या से निपटने के लिए एक कार्यबल गठित करने की मांग की थी।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

भारतParliament Winter Session: मतदाता सूची नई हो या पुरानी, आपका हारना तय?, अमित शाह का विपक्ष पर तंज, वीडियो

भारत6 साल में 30 लाख से ज़्यादा लोगों को कुत्तों ने काटा, हर दिन 1,369 केस?, उपमुख्यमंत्री शिंदे ने कहा- साल 2021 से 2023 के बीच रेबीज से 30 लोगों की मौत

भारतबजरंग दल को बैन करो?, कांग्रेस विधायक हरिप्रसाद ने कहा- कांग्रेस कार्यकर्ता की हत्या और कई आपराधिक घटनाओं में शामिल

क्रिकेटNew Zealand vs West Indies, 2nd Test: कंधे में चोट लगने से पहले कमाल की गेंदबाजी, 32 रन देकर 4 विकेट, 205 पर ढेर वेस्टइंडीज, 181 रन पीछे न्यूजीलैंड, हाथ में 10 विकेट

कारोबारयूपी के सिर्फ 25 जिलों में कृषि विकास अधिकारी तैनात?, सपा सांसद प्रिया सरोज ने संसद में पूछे सवाल

भारत अधिक खबरें

भारतवीर सावरकर के नाम पर दिए जाने वाले किसी भी पुरस्कार को स्वीकार नहीं करूंगा?, कांग्रेस सांसद शशि थरूर बोले- मेरी सहमति के बिना मेरे नाम की घोषणा करना गैरजिम्मेदाराना

भारतVIDEO: ये अनपढ़ है… लोकसभा में भड़के अखिलेश यादव, देखें वायरल वीडियो

भारतMP: मंत्री प्रतिमा बागरी के इस्तीफे की मांग को लेकर कांग्रेस का प्रदर्शन, नाम पट्ट पर पोती कालिख

भारतआखिर हो क्या रहा है?, सदन से गायब हैं मंत्री, विधायक भास्कर जाधव ने कहा-आजकल तो कुछ भी सूचित नहीं किया जाता

भारतIndiGo Crisis: दिल्ली हाईकोर्ट ने इंडिगो संकट पर केंद्र सरकार को लगाई फटकार, पूछा- "ऐसी स्थिति कैसे हुई"