बस्तर में दो वर्षों में सुरक्षा बलों के 28 शिविर स्थापित

By भाषा | Updated: May 28, 2021 20:15 IST2021-05-28T20:15:32+5:302021-05-28T20:15:32+5:30

28 camps of security forces established in Bastar in two years | बस्तर में दो वर्षों में सुरक्षा बलों के 28 शिविर स्थापित

बस्तर में दो वर्षों में सुरक्षा बलों के 28 शिविर स्थापित

रायपुर, 28 मई छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पिछले दो वर्षों के दौरान सुरक्षा बलों के लिए 28 शिविरों की स्थापना की गई है। राज्य सरकार का दावा है कि शिविरों के बनने से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्यों में तेजी आई है।

राज्य के जनसंपर्क विभाग ने शुक्रवार को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि पहले जहां बस्तर के नक्सल प्रभावित पहुंच विहीन क्षेत्रों में पैदल चलना मुश्किल था, अब वहां सड़क है, बिजली है, शिक्षा और स्वास्थ्य की सुविधाएं हैं।

विज्ञप्ति में बताया गया है कि विकास कार्यों को गति देने के लिए बस्तर के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पिछले दो वर्षों में सुरक्षा बलों के 28 शिविर स्थापित किए गए हैं। इन शिविरों की स्थापना से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्यों में तेजी आ पाई है।

सरकारी बयान के अनुसार दिसंबर 2018 से अब तक नक्सल प्रभावित संवेदनशील क्षेत्रों में 21 सड़क बनायी गयी हैं। क्षेत्र के बीजापुर-आवापल्ली-जगरगुंडा मार्ग, नारायणपुर-पल्ली-बारसूर मार्ग, अंतागढ़- बेड़मा मार्ग, चिन्तानपल्ली-नयापारा मार्ग, चिंतलनार-मड़ाई गुड़ा मार्ग, कोंटा-गोल्ला पल्ली मार्ग आदि पर लगभग 700 किमी सड़कों का जाल बिछा कर दूरस्थ क्षेत्रों को जोड़ा जा रहा है।

इसमें कहा गया कि कोरोना संक्रमण के कारण हुए लॉकडाउन के दौरान बस्तर के धुर नक्सल इलाकों में 450 किमी सड़कों का काम पूरा किया गया है। 132 पुल-पुलिया का भी निर्माण कराया गया है। यह सड़कें ऐसे इलाकों में बनी हैं जो नक्सलियों के कब्जे में रहे थे।

इसमें कहा गया कि छोटे पुलों के साथ ही इंद्रावती नदी पर निर्माणाधीन चार बड़े पुलों में से एक छिंदनार के पुल का काम लगभग पूरा हो चुका है। यह पुल जून के आखिरी सप्ताह तक आम जनता के लिए खुल जाएगा। इसके बनने से दंतेवाड़ा की ओर से अबूझमाड़ के जंगलों का रास्ता खुल जाएगा।

सरकारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि बस्तर में नक्सलवाद पर अंकुश लगाने के लिए सुरक्षा-बलों द्वारा प्रभावित क्षेत्रों में शिविर स्थापित किए जाने की जो रणनीति अपनाई गई है, उसने नक्सलवादियों को अब एक छोटे से दायरे में समेट कर रखा दिया है। इनमें से ज्यादातर शिविर ऐसे दुर्गम इलाकों में स्थापित किए गए हैं, जहां नक्सलवादियों के खौफ के कारण विकास नहीं पहुंच पा रहा था।

बस्तर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने बताया कि नए शिविरों की स्थापना से आदिवासियों के जीवन में बदलाव आया है। इंद्रावती नदी पर चार पुल बनाए जा रहे हैं। आजादी के बाद से अब तक इंद्रावती नदी पर 200 किलोमीटर में सिर्फ तीन पुल थे, जो अगले वर्ष तक सात हो जाएंगे।

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Web Title: 28 camps of security forces established in Bastar in two years

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