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लॉकडाउन के चलते नेपाल में फंसे झारखंड के 26 प्रवासी मजदूर भारत पहुंचे, दुमका के लिए रवाना हुए

By भाषा | Updated: May 22, 2021 15:31 IST

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दुमका, 22 मई लॉकडाउन के चलते नेपाल में फंसे झारखंड के 26 प्रवासी मजदूर शनिवार को भारत पहुंच गए जोकि बस में सवार होकर दुमका के लिए रवाना हो चुके हैं।

भारत आने के बाद की गई रैपिड एंटीजेन जांच में पांच श्रमिकों में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई है और अब शाम करीब छह बजे तक सभी के दुमका पहुंचने की उम्मीद है, जिसके बाद उनकी आरटीपीसीआर जांच की जायेगी।

इन 26 श्रमिकों को नेपाल की सीमा से लेकर शनिवार को सुबह साढ़े दस बजे झारखंड के दुमका के लिए रवाना हुए दंडाधिकारी राकेश कुमार ने ‘पीटीआई भाषा’ को बताया कि भारत की सीमा में पहुंचने पर झारखंड के श्रमिकों की रैपिड एंटीजेन जांच गई, जिसमें पांच श्रमिकों को कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया।

राकेश कुमार ने बताया कि अब सभी श्रमिकों की दुमका पहुंचने पर एक बार फिर आरटीपीसीआर जांच की जायेगी।

उन्होंने बताया कि सभी श्रमिकों के साथ वह शाम छह बजे तक दुमका पहुंच जायेंगे।

इससे पूर्व शुक्रवार की शाम झारखंड सरकार के प्रवक्ता ने बताया था कि नेपाल में भारतीय दूतावास की पहल पर नेपाल के सिंधुपालचक जिले के गौरी गांव में फंसे झारखंड के दुमका और आसपास के रहने वाले 26 प्रवासी मजदूरों को भारत वापस लाने की व्यवस्था कर दी गयी थी और नेपाल की सीमा से इन प्रवासी मजदूरों को लेने के लिए दुमका से एक बस और एंबुलेंस तथा चिकित्सक रवाना कर दिये गये थे।

राज्य सरकार के अधिकारियों ने दावा किया कि मुख्यमंत्री की पहल पर सरकार ने नेपाल में काम करने वाले 26 प्रवासी मजदूरों की सकुशल वापसी के लिए तेजी से कार्रवाई की।

इस संबंध में नेपाल सरकार के सक्षम पदाधिकारियों से राज्य सरकार ने बात की, जिसके बाद नेपाल में काम कर रहे प्रवासी मजदूरों की वापसी संभव हुई।

नेपाल गए इन मजदूरों ने सरकार से वतन वापस आने की इच्छा जताई थी। उन्होंने कहा था कि वे बीमार हैं और वापस आना चाहते हैं, लेकिन नेपाल में लॉकडाउन के चलते आने के कोई संसाधन उपलब्ध नहीं थे।

दुमका जिला प्रशासन द्वारा मजदूरों को वापस लाने के लिए वाहन नेपाल भेजा गया। बस की रवानगी से पूर्व ही नेपाल सरकार की स्वीकृति प्राप्त कर ली गई थी।

राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि नेपाल से वापस आने वाले मजदूरों को दुमका के इंडोर स्टेडियम में लाया जाएगा जहां उनके स्वास्थ्य की जांच की जाएगी फिर उन्हें उनके गंतव्य तक भेजा जाएगा।

उन्होंने कहा कि आवश्यक होने पर कोरोना पीड़ित श्रमिकों के पृथक-वास का प्रबंध भी प्रशासन करेगा।

इससे पूर्व बृहस्पतिवार को झारखंड के 26 मजदूर नेपाल के सिंधुपालचक जिले के गौरी गांव में फंस गये थे और वहां से उन्होंने एक वीडियो संदेश भेजकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से स्वदेश लाये जाने की अपील की थी।

सभी मजदूर लगभग ढाई माह पूर्व एक ठेकेदार के साथ नेपाल के गौरी गांव में एल एंड टी कंपनी द्वारा बनाये जा रही एक जलविद्युत परियोजना में काम करने गये थे।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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