भारत में पहली एलआईजीओ परियोजना के लिए 225 हेक्टेयर भूमि दी गयी
By भाषा | Updated: November 18, 2021 17:03 IST2021-11-18T17:03:53+5:302021-11-18T17:03:53+5:30

भारत में पहली एलआईजीओ परियोजना के लिए 225 हेक्टेयर भूमि दी गयी
हिंगोली (महाराष्ट्र), 18 नवंबर महाराष्ट्र राजस्व विभाग ने देश में पहली ‘लेजर इंटरफेरोमीटर ग्रेविटेशनल-वेव ऑब्जर्वेटरी’ (एलआईजीओ) स्थापित करने के लिए यहां 225 हेक्टेयर से अधिक भूमि प्राधिकारियों को सौंप दी है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।
अमेरिका में वाशिंगटन के हैनफोर्ड और लुइसियाना के लिविंग्सटॅन में ही ऐसी प्रयोगशालाएं हैं जहां गुरुत्वीय तरंगों का अध्ययन किया जाता है।
केंद्र सरकार ने 2016 में गुरुत्वीय तरंगों पर अध्ययन के लिए एलआईजीओ-इंडिया के विज्ञान प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी दी थी।
एक अधिकारी ने बताया कि परियोजना के लिए भूमि हस्तांतरण, कोविड-19 महामारी के कारण कुछ समय के लिए रोक दिया गया था।
हिंगोली के जिलाधीश जितेंद्र पापलकर ने बुधवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि परियोजना के लिए यहां औंढा नागनाथ शहर के दुधाला में भूमि अधिग्रहण पूरा हो गया है और 225 हेक्टेयर भूमि परियोजना प्राधिकारियों को सौंप दी गयी है।
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