जम्मू-कश्मीर के पुंछ और राजौरी में आतंकवाद निरोधक अभियान का 20वां दिन
By भाषा | Updated: October 30, 2021 19:52 IST2021-10-30T19:52:33+5:302021-10-30T19:52:33+5:30

जम्मू-कश्मीर के पुंछ और राजौरी में आतंकवाद निरोधक अभियान का 20वां दिन
जम्मू, 30 अक्टूबर जम्मू-कश्मीर के पुंछ और राजौरी जिले के जंगलों में छिपे आतंकवादियों की धर पकड़ के लिए सुरक्षाबलों की ओर से चलाया जा रहा व्यापक तलाश अभियान शनिवार को 20वें दिन भी जारी रहा। अधिकारियों ने कहा कि यह बीते कई वर्षों में सबसे लंबे समय तक चलने वाला अभियान है। इस अभियान के दौरान अब तक दो अलग-अलग हमलों में नौ सैनिक शहीद हो चुके हैं।
अधिकारियों के मुताबिक मेंढर के भट्टी दरियां के साथ राजौरी जिले के थानामंडी और पुंछ के सुरनकोट के समीप के जंगलों में आतंकवादियों की धर पकड़ के लिए बड़े पैमाने पर चलाया जा रहा तलाश अभियान 11 अक्टूबर को शुरू हुआ था। अभियान शनिवार को 20वें दिन भी जारी रहा।
सुरक्षाबलों के इस अभियान के सिलसिले में पूछताछ के लिए पुलिस रिमांड पर जम्मू की कोट भलवल सेंट्रल जेल से मेंढर ले जाया जा रहा एक पाकिस्तानी आतंकवादी 24 अक्टूबर को मुठभेड़ में मारा गया था। आतंकवादियों को छिपाने के लिए एक ठिकाने की पहचान करने के लिए उसके साथ आए सुरक्षा बलों पर आतंकवादियों ने गोलीबारी शुरू कर दी थी, जिसके बाद हुई मुठभेड़ में वह मारा गया था।
इससे पहले, 11 अक्टूबर और 14 अक्टूबर को सुरनकोट और मेंढर में अलग-अलग घटनाओं में नौ सैन्यकर्मियों की मौत हो चुकी है।
सेना के एक अधिकारी ने कहा कि छिपे हुए आतंकवादियों के बारे में अब तक कुछ भी पता नहीं चल सका है। आतंकवादी खोज दलों के साथ सीधे संपर्क से बच रहे हैं और घने पत्ते, प्राकृतिक गुफाओं और कठिन इलाके का लाभ उठाकर भाग रहे हैं।
सेना के अधिकारी ने कहा कि पूरे जंगल क्षेत्र को कड़ी सुरक्षा घेरे में रखा गया है और आतंकवादियों का सफाया करने के लिए अभियान जारी है।
अधिकारियों ने कहा कि सुरक्षाबलों के अभियान के दौरान सूखी घास में आग लगने के बाद कुछ स्थानों पर जंगल के अंदर से धुंआ उठता देखा गया। हालांकि खोजी दलों ने आग पर काबू पा लिया है।
इस बीच, एहतियातन जम्मू-राजौरी राजमार्ग के साथ मेंढर में भीम्बर गली और जेरा वाली गली के बीच शनिवार को 15वें दिन भी यातायात बाधित रहा।
अधिकारियों ने कहा कि दो महिलाओं सहित 12 से अधिक लोगों को तब पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया, जब यह पता चला कि ये लोग कथित तौर पर आतंकवादियों को सहायता प्रदान कर रहे थे।
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