'कांग्रेस के 150 सांसदों को रूस से धन मिला, ये USSR के एजेंट के रूप में कर रहे थे काम': भाजपा सांसद निशिकांत दुबे का बड़ा आरोप
By रुस्तम राणा | Updated: June 30, 2025 09:58 IST2025-06-30T09:53:02+5:302025-06-30T09:58:54+5:30
निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया कि दिवंगत कांग्रेस नेता एचकेएल भगत के नेतृत्व में 150 से अधिक कांग्रेस सांसदों को सोवियत संघ द्वारा "वित्त पोषित" किया गया था, जो रूस के "एजेंट" के रूप में काम करते थे।

निशिकांत दुबे, भारतीय जनता पार्टी के सांसद
नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी के सांसद निशिकांत दुबे ने सोमवार को अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए द्वारा 2011 में जारी किए गए एक दस्तावेज को शेयर कर कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा। निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया कि दिवंगत कांग्रेस नेता एचकेएल भगत के नेतृत्व में 150 से अधिक कांग्रेस सांसदों को सोवियत संघ द्वारा "वित्त पोषित" किया गया था, जो रूस के "एजेंट" के रूप में काम करते थे।
निशिकांत दुबे ने अपने 'एक्स' पोस्ट में 'कांग्रेस, करप्शन और गुलामी' नामक शीर्षक के साथ लिखा, "यह अवर्गीकृत गुप्त दस्तावेज 2011 में सीआईए द्वारा जारी किया गया था। इसके अनुसार, दिवंगत कांग्रेस नेता एचकेएल भगत के नेतृत्व में 150 से अधिक कांग्रेस सांसदों को सोवियत रूस द्वारा वित्त पोषित किया गया था, जो रूस के एजेंट के रूप में काम कर रहे थे?"
भाजपा सांसद ने कहा कि पत्रकारों का एक समूह उनका "एजेंट" था। निशिकांत दुबे ने दावा किया कि उन्होंने जो दस्तावेज साझा किया है, उसमें रूस द्वारा प्रकाशित 16,000 समाचार लेखों की सूची है। उन्होंने आगे आरोप लगाया कि कांग्रेस के शासन के दौरान, रूसी खुफिया एजेंसी के 1100 लोग भारत में थे और उन्होंने नौकरशाहों, व्यापारिक संगठनों, कम्युनिस्ट पार्टियों और राय निर्माताओं को अपनी "जेब" में रखा।
कांग्रेस,करप्सन और ग़ुलामी
— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) June 30, 2025
1. यह अवर्गीकृत गुप्त दस्तावेज CIA का 2011 में जारी हुआ
2. इसके अनुसार स्वर्गीय कांग्रेस के बड़े नेता HKL भगत के नेतृत्व में 150 से ज़्यादा कॉंग्रेस के सांसद सोवियत रुस के पैसे पर पलते थे,रुस के लिए दलाली करते थे?
3. पत्रकारों के समूह उनके दलाल थे तथा… pic.twitter.com/ozKx9nPUCe
निशिकांत दुबे ने आगे आरोप लगाया कि कांग्रेस उम्मीदवार सुभद्रा जोशी ने सोवियत संघ के शासन के दौरान चुनाव के नाम पर जर्मन सरकार से 5 लाख रुपये लिए और हारने के बाद इंडो-जर्मन फोरम की अध्यक्ष बन गईं। पोस्ट के अंत में भाजपा सांसद ने पूछा, "क्या यह देश था या गुलामों, एजेंटों और बिचौलियों की कठपुतली? कांग्रेस को जवाब देना चाहिए, क्या आज इस पर जांच होनी चाहिए या नहीं?"