कोरोना से जीती, भूख से हारी: लॉकडाउन में 100 किलोमीटर पैदल चली 12 साल की बच्ची, घर पहुंचने से 11 किमी पहले तोड़ा दम

By पल्लवी कुमारी | Updated: April 21, 2020 09:05 IST2020-04-21T09:05:53+5:302020-04-21T09:05:53+5:30

12 साल की मृत बच्ची अपने माता-पिता की इकलौती संतान थी। शनिवार (18 अप्रैल) को तेलंगाना से मजदूरों का एक दल पैदल बीजापुर आ रहा था। दल जब जिले के भंडारपाल गांव के करीब था तब 12 वर्षीय बच्ची जमलो मड़कम की मौत हो गई।

12 year old girl died due to walk 100 km in lockdown she dies just short of Bijapur home | कोरोना से जीती, भूख से हारी: लॉकडाउन में 100 किलोमीटर पैदल चली 12 साल की बच्ची, घर पहुंचने से 11 किमी पहले तोड़ा दम

प्रतीकात्मक तस्वीर

Highlightsबच्ची की मौत की वजह भूख और डिहाइड्रेशन बताया जा रहा है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बच्ची जमलो मड़कम के परिवार को 1 लाख रुपये देने की घोषणा की है। 

बीजापुर:  छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में लॉकडाउन के दौरान तेलंगाना से वापस आते वक्त एक 12 साल की बच्ची की मौत हो गई। बीजापुर लौटते समय एक सौ किलोमीटर पैदल चलने के बाद 12 वर्षीय बालिका की मौत हो गई है। तेलंगाना से लगातार 3 दिनों तक पैदल सफर कर 12 साल की जमलो मड़कम छत्तीसगढ़ के बीजापुर के भंडारपाल गांव के करीब तब ही डिहाइड्रेशन का शिकार होकर मासूम बच्ची की मौत हो गई। बच्ची का परिवार तेलंगाना में मिर्ची के खेत में काम करने गया था। मौत के बाद बच्ची का कोरोना वायरस के संक्रमण का टेस्ट करवाया गया था। बच्ची का कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आया था। रविवार को जांच रिपोर्ट में बताया गया कि बालिका को संक्रमण नहीं है।

बच्ची जमलो मड़कम अपने पिता एंडोरम (32) और माता सुकामाती मडकम (30) की इकलौती संतान थी, यह पहली बार था जब वह काम करने के लिए बाहर गई थी। बच्ची गांव की कुछ महिलाओं के साथ तेलंगाना गई थी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बच्ची जमलो मड़कम के परिवार को 1 लाख रुपये देने की घोषणा की है। 

भूख की वजह से हुई बच्ची की मौत

बीजापुर जिले के अधिकारियों ने सोमवार (20 अप्रैल) को बताया कि शनिवार (18 अप्रैल) को तेलंगाना से मजदूरों का एक दल पैदल बीजापुर आ रहा था। दल जब जिले के भंडारपाल गांव के करीब था तब 12 वर्षीय बच्ची जमलो मड़कम की मौत हो गई। अधिकारियों ने बताया कि जमलो उसके परिजनों और अन्य ग्रामीण इस महीने की 15 तारीख को तेलंगाना के कन्नाईगुड़ा गांव से लगभग 150 किलोमीटर दूर आदेड़ और अन्य गांव के निकले थे। बीजापुर जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बीआर पुजारी ने बताया कि जानकारी मिली है कि समूह ने शनिवार को सुबह भोजन किया और अपनी आगे की यात्रा शुरू की। लगभग 10 बजे बालिका ने पेट दर्द की शिकायत की और बाद में उसकी मृत्यु हो गई। 

पुजारी ने बताया कि जब घटना की जानकारी मिली तब उसके शव को बीजापुर लाया गया और उसका नमूना एकत्र कर उसे कोरोना वायरस संक्रमण की जांच के लिए भेजा गया। रविवार को जांच रिपोर्ट में बताया गया कि बालिका को संक्रमण नहीं है। अधिकारी ने बताया कि बालिका के शव के पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उसकी मौत का कोई सटीक कारण नहीं बताया गया है।

18 अप्रैल की सुबह नहीं खाया था बच्ची ने खाना 

हालांकि ऐसा लग रहा है कि बालिका की मौत इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन से हुई है। बालिका के साथ आ रहे लोगों का कहना है कि उसने शनिवार सुबह खाना नहीं खाया था। उन्होंने कहा कि इस दौरान मांसपेशियों की थकान की संभावना भी है क्योंकि वह बहुत छोटी थी और लगभग एक सौ किलोमीटर पैदल यात्रा की थी। उसके विसरा को सुरक्षित रख लिया गया है तथा उसे जांच के लिए भेजा जाएगा। 

बच्ची के साथ लगभग 15 लोग थे। इनमें कुछ उसके रिश्तेदार भी थे। अधिकारियों ने बताया कि बच्ची की मृत्यु के बाद उसके परिजनों को क्वारंटाइन किया गया था। लेकिन बालिका की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद उन्हें घर जाने और होम क्वारंटाइन में रहने के लिए कहा गया है। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के बाद तेलंगाना और आंध्रप्रदेश से छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र के निवासी घर पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। इसके लिए वह जंगल के रास्ते का इस्तेमाल कर रहे हैं क्योंकि कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए अंतरराज्यीय सड़कों को बंद कर दिया गया है। इधर राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि बालिका की मृत्यु हो जाने पर मुख्यमंत्री सहायता कोष से एक लाख रूपए की आर्थिक सहायता उनके परिवारजनों को उपलब्ध करायी जा रही है। 

Web Title: 12 year old girl died due to walk 100 km in lockdown she dies just short of Bijapur home

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