मुंबई:महाराष्ट्र में बुधवार को कोरोना वायरस के संक्रमण के 117 नये मामले सामने आने के साथ राज्य में कुल संक्रमितों की संख्या 1,135 तक पहुंच गई है।
स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि नये मामलों में 72 अकेले मुंबई के हैं। उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र के विभिन्न हिस्सों में कोरोना वायरस के संक्रमण से आठ लोगों की मौत हुई है जिसके साथ राज्य में संक्रमण से कुल मृतकों की संख्या 72 हो गई है।
अधिकारी ने बताया, ‘‘117 नये मामले बढ़ने से राज्य में अब कुल संक्रमितों की संख्या 1,135 हो गई है। आठ लोगों की मौत के साथ कुल मौतों की संख्या भी 72 हो गई।’’ उन्होंने बताया, ‘‘117 नये मामलों में 72 मुंबई के और 36 मामले पुणे के हैं।’’
महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण के मामले में कोई कमी नहीं हो रहा है। प्रदेश में कोरोना महामारी जारी है। आज बुधवार को प्रदेश में 117 कोरोना पॉजिटिव केस सामने आए हैं। इसके अलावा, प्रदेश में एक दिन में 8 मौतें रिपोर्ट की गई हैं। राज्य में मृत्यु का आंकड़ा बढ़कर 72 हो गया है और कुल पॉजिटिव मामले 1135 हो गए हैं। इस बात की जानकारी महाराष्ट्र सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने दी है।
वहीं, अगर देश की बात करें तो स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक देश में कोरोना वायरस के संक्रमण के मामले बुधवार को बढ़कर 5,274 हो गये जबकि इससे हुयी मौत का आंकड़ा 149 पर पहुंच गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि मंगलवार से कोरोना संक्रमण के 773 मामले सामने आये और इस दौरान 32 लोगों की मौत हुई है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव लव अग्रवाल ने संक्रमण की गति को रोकने के लिये लागू लॉकडाउन को प्रभावी बताते हुये कहा कि संक्रमण को रोकने के लिये राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के सहयोग से स्थानीय लोगों को इस संक्रामक बीमारी के बारे में जागरुक करने तथा चिकित्सा उपायों को प्रभावी बनाने पर जोर दिया जा रहा है।
इसके अलावा, बता दें कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को कुछ सख्त निर्देश दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को कोरोना टेस्ट सरकारी या निजी लैब में मुफ्त करने का निर्देश दिया है।
इसके साथ ही शीर्ष न्यायालय ने केंद्र को कोविड-19 जांच मुफ्त करने के लिए निर्दिष्ट प्रयोगशालाओं को निर्देश जारी करने के लिए कहा है। कोर्ट ने कहा कि कोविड-19 जांच एनएबीएल या डब्ल्यूएचओ (WHO) से मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं से ही कराए जाए। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि यह जरूरी है कि जांच आईसीएमआर (ICMR) द्वारा मंजूरी प्राप्त किसी एजेंसी में ही की जाए।