राजस्थान में कोटा के जेके लोन अस्पताल में बच्चों को मरने का सिलसिला थमा भी नहीं था कि गुजरात से भी ऐसी ही खबर सामने आई है। गुजरात के राजकोट सिविल अस्पताल में दिसंबर के महीने में 111 बच्चों की मौत हो गई। इसी बीच रविवार को सीएम विजय रुपानी का वीडियो सामने आया है, इसमें जब मीडियाकर्मी सीएमरुपानी से कोटा में बच्चों की मौत पर सवाल किया तो वह बिना कुछ बोले वहां से चले गए। बता दें कि कोटा के अस्पताल में शिशु मौत की संख्या में कोई कमी नहीं हो रही है। आज यह आंकड़ा बढ़कर 107 के करीब पहुंच गया है। राजकोट सिविल अस्पताल में दिसंबर के महीने में 111 बच्चों की मौत हो गई।
बच्चों की मौत को लेकर राजस्थान सरकार स्मृति ईरानी ने उठाए सवाल
कोटा अस्पताल में बीते दिसंबर महीने में सौ से अधिक बच्चों की मौत को लेकर शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि पिछले साल 900 से अधिक मौत होने के बाद भी राजस्थान सरकार नहीं चेती। महिला एवं बाल विकास मंत्री ने कहा कि यह मामला स्वास्थ्य मंत्रालय से जुड़ा हुआ है और राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग इसकी रिपोर्ट मंत्रालय को सौंपेगा।
उन्होंने कहा कि इस मामले में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की टिपण्णी से वह आहत हैं। ईरानी ने कहा, ‘‘वर्तमान में राजस्थान के मुख्यमंत्री की ओर से जिस तरह के वाक्य मैं सुन रही हूं, उससे एक मां और भारतीय होने के कारण दुखी हूं। राजस्थान सरकार ने इतनी मौतों के बावजूद कोई कार्रवाई इसलिए नहीं की क्योंकि मरने वाले बच्चे गरीब थे।" राज्य के अधिकारियों द्वारा बताए गए आंकड़ों के अनुसार जे के लोन सरकारी अस्पताल में वर्ष 2019 में 963 बच्चों की मौत हुई थी, जबकि इसके पिछले वर्ष में यह आंकड़ा 1000 से ऊपर पहुंच गया था।