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दुनिया की सबसे महंगी दवा की कीमत 14 करोड़ रुपये, इस बीमारी का करती है इलाज

By उस्मान | Updated: May 27, 2019 15:57 IST

इस दवा को फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने मंजूरी दी है। अधिकतर बच्चों को होने वाली इस बीमारी के कारण, लक्षण और इलाज के बारे में पूरी जानकारी यहां पढ़ें-

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स्वीटजरलैंड की मशहूर फार्मेसी कंपनी नोवार्टिस (Novartis) को हाल ही में अमेरिका से एक नई जीन थेरेपी की मंजूरी मिली है। बताया जा रहा है कि यह दुनिया की सबसे महंगी दवा हो सकती है। इस दवा की 2.125 मिलियन डॉलर (लगभग 14 करोड़ रुपये) है। इस थेरेपी का नाम जोल्गेंस्मा (Zolgensma) है। इस दवा का स्पाइनल मस्कुलर एट्रॉपी (spinal muscular atrophy) में इस्तेमाल किया जाता है जोकि एक रीढ़ की बीमारी है।

स्पाइनल मस्कुलर एट्रॉपी (spinal muscular atrophy) क्या है?

स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (SMA) एक जेनेटिक मसल-वेस्टिंग डिसऑर्डर है जिसमें रीढ़ की हड्डी में मोटर न्यूरॉन्स की कमी शामिल होती है। यानी इसमें स्पाइनल कॉर्ड की मोटर नर्व सेल्स प्रभावित होती हैं जिससे शरीर की शक्ति खत्म हो जाती है। ऐसा होने से पीड़ित की चलने, बात करने, खाने यहां तक के सांस लेने में भी परेशानी होने लगती है। इतना ही नहीं, कई मामलों में यह बीमारी यह मौत का कारण भी बन सकती है।

यह बीमारी ज्यादातर शिशुओं और बच्चों को प्रभावित करती है जिससे उनका मांसपेशियों का उपयोग करना मुश्किल हो जाता है। इससे बच्चे के दिमाग और और रीढ़ की हड्डी में नर्व सेल्स टूट जाती हैं। ऐसा होने से दिमाग मांसपेशियों को कंट्रोल करने वाले संदेश भेजना बंद कर देता है। 

यह दवा इतनी महंगी क्यों है?

स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी से पीड़ितों के लिए यह दवा एक बार का इलाज है। आपको बता दें कि यह बीमारी बच्चों की मौत का सबसे कॉमन जेनेटिक कारण है, जिससे हर साल 11000 में से एक बच्चा प्रभावित होता है। यह उपचार दो साल से कम उम्र के शिशुओं को उपलब्ध कराया जाएगा, जिनकी जेनेटिक टेस्ट द्वारा या तो तीन प्रकार की बीमारी होने की पुष्टि की जाती है। दवा की कीमतों का मूल्यांकन करने वाले संस्था इंस्टीट्यूट फॉर क्लिनिकल एंड इकोनॉमिक रिव्यू (ICER), के अनुसार, इस इलाज की कीमत 1.5 मिलियन डॉलर (10,43,84,250 रुपये) है। 

इस बीमारी के लिए पहले से से मौजूद दवाएं

इस बीमारी की कई दवाएं मार्केट में आ चुकी हैं जिनका सालाना खर्चा सैकड़ों, हजारों डॉलर रहा लेकिन कुछ ही 1 मिलियन डॉलर से ज्यादा हैं। इससे पहले Spinraza नामक दवा को मंजूरी मिली। इसकी पहली साल की कीमत 750,000 डॉलर (5,20,35,375 रुपये) और इसके बाद सालभर का खर्च 375,000 डालर (2,60,17,687 रुपये) आता है। 

स्पाइनल मस्कुलर एट्रॉपी (spinal muscular atrophy) के कारण

यह एक जेनेटिक डिसऑर्डर है। अगर आपके बच्चे को यह बीमारी है, तो इसका कारण यह है कि उसे एक माता से और एक पिता से टूटे हुए जीन की दो प्रतियां मिली हैं। जब ऐसा होता है, तो उसका शरीर एक विशिष्ट प्रकार का प्रोटीन नहीं बना पाएगा। इसके बिना, मांसपेशियों को नियंत्रित करने वाली कोशिकाएं मर जाती हैं।

यदि आपके बच्चे को आप में से किसी एक से एक दोषपूर्ण जीन मिलता है, तो उसे एसएमए नहीं मिलेगा, लेकिन यह बीमारी का वाहक होगा। जब आपका बच्चा बड़ा हो जाता है, तो वह अपने बच्चे को टूटे हुए जीन को पारित कर सकता है।

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