World Obesity Day 2025: भारत के करोड़ लोगों पर मंडरा रहा खतरा?, परिवार में बीमारी तेजी से पसार रहा पैर!, 'खाते-पीते घर का' शेखी बघारने से बचिए, खाने से पहले सोचिए?

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: March 5, 2025 05:13 IST2025-03-05T05:13:42+5:302025-03-05T05:13:42+5:30

World Obesity Day 2025:राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस)-5 (2019-21) के अनुसार , 24 प्रतिशत भारतीय महिलाएं और 23 प्रतिशत भारतीय पुरुष अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त हैं।

World Obesity Day 2025 march 4 crore people india danger disease obesity doctors disease but root heart disease, blood pressure, hypertension, type-2 diabetes | World Obesity Day 2025: भारत के करोड़ लोगों पर मंडरा रहा खतरा?, परिवार में बीमारी तेजी से पसार रहा पैर!, 'खाते-पीते घर का' शेखी बघारने से बचिए, खाने से पहले सोचिए?

सांकेतिक फोटो

HighlightsWorld Obesity Day 2025:78.5 प्रतिशत लोग अब भी खुद को सामान्य वजन वाला मानते हैं।World Obesity Day 2025: बीमारियों से रिश्ता 'आग और घी' जैसा है।World Obesity Day 2025: स्तन, पेट, कोलन और किडनी कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता है।

नई दिल्लीः भारतीय परिवारों में चुपके से एक ऐसी बीमारी तेजी से अपने पैर पसार रही है, जिसे सामान्यतः लोग नजर अंदाज कर देते हैं या इसे लेकर 'खाते-पीते घर का' जैसी शेखी बघारते हैं। यह बीमारी है मोटापा (ओबेसिटी)। चिकित्सकों के अनुसार मोटापा महज एक रोग नहीं, बल्कि हृदय रोग, रक्तचाप, हाइपरटेंशन, टाइप-टू मधुमेह जैसी कई बीमारियों की जड़ है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस)-5 (2019-21) के अनुसार , 24 प्रतिशत भारतीय महिलाएं और 23 प्रतिशत भारतीय पुरुष अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त हैं।

एनएफएचएस-5 के अनुसार दिल्ली-एनसीआर में 80.7 प्रतिशत लोग मोटापे के शिकार हैं, लेकिन 78.5 प्रतिशत लोग अब भी खुद को सामान्य वजन वाला मानते हैं। विश्व मोटापा दिवस पर विशेष बातचीत में मिनिमल एक्सेस स्मार्ट सर्जरी हॉस्पिटल (मैश) के सर्जन डॉ. सचिन अंबेकर ने कहा, '' मोटापा केवल एक सौंदर्य से जुड़ी समस्या नहीं है, बल्कि गंभीर चिकित्सकीय स्थिति है,क्योंकि यह (मोटापा) केवल शरीर की बनावट को प्रभावित नहीं करता है, बल्कि इसका बीमारियों से रिश्ता 'आग और घी' जैसा है।''

मोटापा कम करने में कारगर मिनिमल एक्सेस सर्जरी विशेषज्ञ डॉ. अंबेकर ने कहा, ''मोटापा न केवल हृदय रोग, हाई ब्लड प्रेशर, टाइप-2 मधुमेह, बांझपन और ऑस्टियोआर्थराइटिस जैसी बीमारियों का कारण बन सकता है, बल्कि इससे स्तन, पेट, कोलन और किडनी कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता है।

यह मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर डालता है, जिससे तनाव और एंग्जायटी (उद्विग्नता) जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।'' अंबेकर ने कहा कि भारत में मोटापे की दर कोविड-19 महामारी के बाद तेज़ी से बढ़ी है और इसका सबसे बड़ा कारण इस दौरान मोबाइल, लैपटॉप और टीवी पर बढ़ा 'स्क्रीन' टाइम और एक क्लिक पर घर पर उपलब्ध 'फूड' जैसे जीवन शैली से जुड़े बदलाव हैं।

तनाव और नींद की कमी भी इन कारणों में शामिल हैं। डॉ. अंबेकर ने कहा कि ओवरवेट (अधिक वजन) ओबेसिटी (मोटापे) का पहला चरण है। अगर इसी अवस्था में व्यक्ति सजग हो जाए तो वह खुद को मोटापे की चपेट में आने से बचा सकता है। इसके लिए जरूरी है कि वह अपने बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) पर नजर रखे।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के दिशानिर्देशों के अनुसार सामान्य बीएमआई 18.5 और 24.9 के बीच होती है। बीएमआई की गणना किसी व्यक्ति के किलोग्राम में वजन को मीटर वर्ग में उसकी ऊंचाई (किलोग्राम/मी²) से विभाजित करके की जाती है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश की पूर्व कैंसर आहार विशेषज्ञ डॉ. अनु अग्रवाल ने कहा कि मोटापा जीवनशैली से जुड़ा रोग है।

जिससे छोटे-छोटे उपायों को दैनिक जीवन में अपनाकर बचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि इन उपायों में संतुलित और समय पर भोजन और दैनिक व्यायाम सबसे उपयोगी हैं। डॉ अग्रवाल ने कहा, ''सुबह का नाश्ता, दोपहर और रात के भोजन का समय निर्धारित करें और इनके बीच कभी भी चार से पांच घंटे से अधिक का अंतराल नहीं होना चाहिए।''

उन्होंने कहा कि सुबह का नाश्ता जरूर करना चाहिए क्योंकि जब हम इसे 'स्किप' करते हैं तो दोपहर में अधिक खाते हैं जो वजन बढ़ने का कारण बनता हैं। डॉ. अग्रवाल ने कहा, '' भोजन में जंकफूड और प्रोस्सेड फूड के बजाय पारंपरिक भोजन दाल, सब्जी, चपाती और चावल लेना चाहिए।

श्रीअन्न रागी, ज्वार और बाजारा को अपने अहार में शामिल करना चाहिए।'' डॉ. अग्रवाल ने कहा कि मोटापे से बचने के लिए खुद को शारीरिक रूप से सक्रिय बनाये रखना बेहद जरूरी है और इसके लिए प्रतिदिन 30 मिनट व्यायाम या कम से कम 10 हजार कदम चलें। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी हाल में 'मन की बात' कार्यक्रम में देश में मोटापा की बढ़ती समस्या पर चिंता जताते हुए इस चुनौती से निपटने के लिए जीवनशैली में बदलाव पर जोर दिया था। प्रधानमंत्री ने कहा था कि खाद्य तेल के उपभोग में 10 फीसदी की कटौती जैसे छोटे-छोटे प्रयास बेहद कारगर हो सकते हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने भोजन में तेल में 10 फीसदी की कमी को लेकर एक अभियान की शुरुआत करते हुए उद्योगपति आनंद महिंद्रा, ओलंपियन मनु भाकर और जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला समेत दस लोगों को 'चैलेंज' भी दिया।

 

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