National Mission Sickle Cell Anaemia: राष्ट्रीय मिशन सिकल सेल एनीमिया क्या है? मोदी सरकार ने बीमारी को खत्म करने की योजना बनाई, कल 278 जिलों में लागू करेंगे पीएम मोदी, जानें
By सतीश कुमार सिंह | Updated: June 30, 2023 15:38 IST2023-06-30T15:36:49+5:302023-06-30T15:38:04+5:30
National Mission Sickle Cell Anaemia: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक जुलाई को मध्य प्रदेश का दौरा करेंगे जहां वह ‘राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन’ की शुरुआत करेंगे।

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National Mission Sickle Cell Anaemia: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ‘राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन’ का शुभारंभ करने जा रहे हैं। यह एक ऐसी बीमारी है, जिसने देश के 17 राज्यों में रहने वाली 7 करोड़ से ज्यादा आदिवासी आबादी को अपना शिकार बना लिया है।
यह मिशन देश के गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्य प्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, असम, उत्तर प्रदेश, केरल, बिहार और उत्तराखंड के 278 जिलों में लागू किया जाएगा। अलग-अलग जिलों में आपको इस खतरनाक बीमारी से पीड़ित हजारों लोग मिल जाएंगे।
राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन क्या हैः
सिकल सेल एनीमिया मिशन क्या है? अगर आपको याद हो तो केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2023 में सिकल सेल एनीमिया को लेकर यह घोषणा की थी। इस दौरान उन्होंने बताया कि हमारी सरकार का लक्ष्य साल 2047 तक इस बीमारी को भारत से खत्म करना है। लोगों को इस बीमारी की स्क्रीनिंग के लिए जागरूक करेंगे।
सिकल सेल एनीमिया क्या है?
सिकल सेल एनीमिया एक आनुवांशिक बीमारी है, जिसका मतलब है कि यह माता-पिता से बच्चों में आसानी से फैल सकता है। यह एक प्रकार का रक्त विकार है, जिसमें लाल रक्त कोशिकाओं का आकार बदल जाता है। वे आमतौर पर इधर-उधर देखते हैं, लेकिन इस बीमारी में वे सी आकार के हो जाते हैं। इससे लाल रक्त कोशिकाएं अपना काम ठीक से नहीं कर पाती हैं और पूरे शरीर में खून की कमी हो जाती है। इसके कारण एनीमिया रोग हो जाता है।
सिकल सेल स्क्रीनिंग क्यों महत्वपूर्ण है?
सिकल सेल एनीमिया की जांच कई कारणों से महत्वपूर्ण है। सबसे पहले तो यह एक आनुवांशिक बीमारी है इसलिए जिन परिवारों में यह बीमारी पहले से है उनमें बाद में यह बीमारी नई पीढ़ी को अपना शिकार बना सकती है। ऐसे में इसकी पहचान शुरुआत में ही कर लेनी चाहिए।
उदाहरण के लिए, स्क्रीनिंग में सिकल सेल और थैलेसीमिया की जांच कराएं। इसके लिए खून की जांच होती है. यह टेस्ट गर्भावस्था के 10 सप्ताह के अंदर ही करवा लें ताकि बच्चे को इस बीमारी से बचाया जा सके। इसके अलावा स्क्रीनिंग के बाद पीड़ितों को अच्छी सुविधाओं के साथ इलाज किया जा सके।
इसमें भी इस कार्ड से लोगों को मदद मिलेगी। इसके अलावा इस कार्ड के जरिए पीड़ितों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। सरकार उन्हें दवा और इलाज के साथ-साथ एनीमिया से बचने के लिए सही आहार भी उपलब्ध कराएगी। इन अनाजों में आयरन-फोर्टिफाइड अनाज होंगे।
सिकल सेल एनीमिया मिशन 2047 की शुरुआत
ऐसे ही सभी लोगों के लिए और एक बड़ी आबादी को इस बीमारी से बचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय स्तर पर सिकल सेल एनीमिया मिशन 2047 की शुरुआत करेंगे। इसकी शुरुआत एमपी के शहडोल से होगी और इसमें केंद्र सरकार, स्वास्थ्य मंत्रालय, जनजातीय कार्य मंत्रालय, आयुष मंत्रालय और राज्यों के प्रतिनिधि वर्चुअली जुड़ेंगे।
वह लाभार्थियों को सिकल सेल जेनेटिक स्टेटस कार्ड भी वितरित करेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने शुक्रवार को एक बयान में यह जानकारी दी। इसके मुताबिक, इस मिशन का उद्देश्य सिकल सेल रोग से, विशेष रूप से जनजातीय आबादी के बीच उत्पन्न स्वास्थ्य चुनौतियों का समाधान करना है। इस सप्ताह यह प्रधानमंत्री मोदी का मध्य प्रदेश का दूसरा दौरा होगा।
उन्होंने मंगलवार को भोपाल स्थित रानी कमलापति रेलवे स्टेशन से पांच वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई थी और फिर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ताओं को संबोधित भी किया था। मध्य प्रदेश में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। केंद्रीय बजट 2023 में राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन की घोषणा की गई थी।
रानी दुर्गावती गौरव यात्रा के समापन के अवसर पर रानी दुर्गावती को श्रद्धांजलि देंगे
पीएमओ ने कहा कि यह मिशन 2047 तक सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या के रूप में सिकल सेल रोग को खत्म करने के लिए सरकार के चल रहे प्रयासों में मील का एक महत्वपूर्ण पत्थर होगा। प्रधानमंत्री इस अवसर पर मध्य प्रदेश में लगभग 3.57 करोड़ आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) कार्ड के वितरण की शुरुआत करेंगे।
कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री रानी दुर्गावती गौरव यात्रा के समापन के अवसर पर रानी दुर्गावती को श्रद्धांजलि देंगे। रानी दुर्गावती की वीरता और बलिदान को लोकप्रिय बनाने के लिए मध्य प्रदेश सरकार द्वारा यात्रा का आयोजन किया जा रहा है। रानी दुर्गावती, 16 वीं शताब्दी के मध्य में गोंडवाना की शासक थीं। उन्हें एक बहादुर, निडर और साहसी योद्धा के रूप में याद किया जाता है।
जिन्होंने मुगलों के खिलाफ स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ी। एक अनूठी पहल के तहत प्रधानमंत्री शहडोल जिले के पकरिया गांव का दौरा करेंगे और जनजातीय समुदाय, स्वयं सहायता समूहों, विभिन्न पंचायत समितियों के नेताओं और ग्राम फुटबॉल क्लबों के कप्तानों के साथ बातचीत करेंगे। प्रधानमंत्री जनजातीय और लोक कलाकारों के सांस्कृतिक कार्यक्रम देखेंगे और गांव में रात्रि भोजन भी करेंगे।