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सेक्स टाइम, पोजीशन और ओरल सेक्स को लेकर क्या कहता है आयुर्वेद

By उस्मान | Updated: September 4, 2018 15:30 IST

बहुत से युवा कामसूत्र और वन नाईट स्टैंड की बात तो करते हैं लेकिन सुरक्षित सेक्स करने के तरीके, सेक्स कैसे किया जाता है और सेक्स करते समय क्या-क्या सावधानी रखनी चाहिए, इन सब बातों की जानकारी नहीं रखते हैं।

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जमाना चाहे जितना मॉडर्न हो गया हो लेकिन लोग आज भी सेक्स को लेकर खुलकर बात नहीं करते हैं। इसका परिणाम यह होता है कि युवाओं को असुरक्षित सेक्स से फैलने वाली कई प्रकार की बीमारियों और गर्भनिरोधक के तरीकों की सही जानकारी नहीं मिल पाती है। बहुत से युवा कामसूत्र और वन नाईट स्टैंड की बात तो करते हैं लेकिन सुरक्षित सेक्स करने के तरीके, सेक्स कैसे किया जाता है और सेक्स करते समय क्या-क्या सावधानी रखनी चाहिए, इन सब बातों की जानकारी नहीं रखते हैं। ऐसा कोई व्यक्ति नहीं है जो यह नहीं चाहता है कि उसकी सेक्स लाइफ हेल्दी और सैटिसफाई हो। आयुर्वेद एक्सपर्ट डॉक्टर राहुल गुप्ता के अनुसार आप कुछ आसान आयुर्वेदिक तरीकों को ध्यान में रखकर अपनी सेक्स लाइफ बेहतर बना सकते हैं।

1) आयुर्वेद के अनुसार, पीरियड्स के दौरान सेक्स संबंध बनाने से बचना चाहिए। हेल्थ एक्सपर्ट मानते हैं कि पीरियड्स के दौरान सेक्स संबंध बनाने से  एंडोमेट्रोसिस का खतरा हो सकता है। यह एक ऐसी स्थिति है जब एंडोमेट्रियल सेल्स गर्भाशय के बाहर बढ़ती हैं। 

2) आयुर्वेद के अनुसार, एक आइडियल सेक्स पोजीशन वह है जब महिला पार्टनर अपने चेहरे को ऊपर की तरफ उठाकर रखती है। 

3) आयुर्वेद के अनुसार, बहुत अधिक वजन या मोटापे से पीड़ित लोगों को सेक्स संबंध बनाने से बचना चाहिए। 

4) आयुर्वेद के अनुसार, आपको तभी सेक्स करना चाहिए जब आपके प्राइवेट पार्ट्स क्लीन और हेल्दी हों। इससे आपको इन्फेक्शन से बचने में मदद मिलती है।

5) आयुर्वेद प्रेगनेंसी और डिलीवरी के तुरंत बाद सेक्स संबंध बनाने के खिलाफ है। सी-सेक्शन के मामले में आपको 5 महीने जबकि नॉर्मल डिलीवरी के मामले में 2-3 महीने के बाद सेक्स संबंध बनाने चाहिए। 

6) आयुर्वेद हिंसक सेक्स का जोरदार विरोध करता है। प्यार करने के मतलब आत्मा को शांत करना है न कि ठेस पहुंचना। सेक्स के दौरान हिंसा बिल्कुल भी स्वस्थ नहीं है।

7) आयुर्वेद के अनुसार, सेक्स के दौरान केवल यौन अंगों के इस्तेमाल में विश्वास रखता है। आयुर्वेद में ओरल सेक्स और एनी तरीकों को पूरी तरह गलत बताया गया है।

8) आयुर्वेद कुछ प्रमुख त्यौहार, विभिन्न ग्रहण, पूर्णिमा या नई चंद्रमा की रातों जैसे प्रमुख महत्व के दिनों में यौन संबंध रखने की प्रथा का समर्थन नहीं करता है।

9) आयुर्वेद के अनुसार, खाली पेट या खाने के तुरंत बाद सेक्स की सलाह नहीं देता है। इससे आपका वात और पित्त में असंतुलन हो सकता है जिससे आपको पाचन समस्याएं, सिरदर्द, गैस्ट्र्रिटिस आदि की समस्या हो सकती है। 

10) आयुर्वेद के अनुसार, तभी सेक्स करें जब दोनों पार्टनर आरामदायक स्थिति में हों ताकि आपको सम्भोग के दौरान चोट न लगे। इसके अलावा अगर आप बीमार या शारीरिक रूप से और मानसिक रूप से फिट नहीं हैं तो सेक्स न करें।

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