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फेफड़ों के जानलेवा आघात को रोकने में कारगर हो सकती है विटामिन डी की गोलियां

By भाषा | Updated: January 15, 2019 09:59 IST

विटामिन डी को यूं तो हड्डियों की सेहत के लिए खास तौर पर जाना जाता है लेकिन पूर्व के अध्ययनों में इसे जुकाम, फ्लू और दमा का दौरा रोकने में भी सक्षम बताया गया। साथ ही इसे कुपोषित बच्चों में वजन बढ़ाने एवं मस्तिष्क विकास के लिए भी सहायक बताया गया।

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विटामिन डी युक्त अनुपूरक आहार फेफड़े की बीमारी (सीओपीडी) से पीड़ित मरीजों में जानलेवा आघात के खतरे को कम कर सकता है। एक नये अध्ययन में ऐसा दावा किया गया है। ब्रिटेन की क्वीन मेरी यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन के इस अनुसंधान ने विटामिन डी के स्वास्थ्य लाभों की सूची में एक और फायदा जोड़ दिया है। विटामिन डी का मूल स्रोत सूरज की रोशनी है हालांकि गोलियों, डेयरी उत्पादों, मछली और कुछ फोर्टिफाइड अनाजों से भी इस विटामिन की कमी पूरी की जा सकती है।

विटामिन डी को यूं तो हड्डियों की सेहत के लिए खास तौर पर जाना जाता है लेकिन पूर्व के अध्ययनों में इसे जुकाम, फ्लू और दमा का दौरा रोकने में भी सक्षम बताया गया। साथ ही इसे कुपोषित बच्चों में वजन बढ़ाने एवं मस्तिष्क विकास के लिए भी सहायक बताया गया।

यह भी पढ़ें: इन बीजों को पानी में मिलाकर पीने से गलकर बाहर निकल जाती है किडनी की पथरीअनुसंधान में पाया गया कि विटामिन डी अनुपूरक आहारों के इस्तेमाल से सीओपीडी मरीजों में फेफड़े का दौरा पड़ने की आशंका को 45 प्रतिशत तक घटाया जा सकता है। सीओपीडी मरीजों में विटामिन डी की कमी होती है ।हालांकि जिन मरीजों में विटामिन डी का स्तर अधिक था उनमें कोई खास फायदा नहीं देखा गया। फेफड़े की बीमारियों से होने वाली लगभग सभी मौत फेफड़े का दौरा पड़ने से ही होती हैं। यह अध्ययन थोरेक्स पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।

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