बॉलीवुड अदाकारा और भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली की पत्नी अनुष्का शर्मा की नई फिल्म 'सुई धागा' जल्द ही रिलीज होने वाली है। इन दिनों वो अपने को-स्टार वरुण धवन के साथ इस फिल्म के प्रमोशन में लगी हुई हैं जिसके चलते उन्हें खूब भागदौड़ करनी पड़ रही है। इस बीच खबर आई है कि उनका स्वास्थ्य खराब है। बताया जा रहा है कि अनुष्का शर्मा इन दिनों बल्जिंग डिस्क (Bulging Disc) नाम की बीमारी से परेशान हैं। असल में बल्जिंग डिस्क रीढ़ की हड्डियों से संबंधी रोग है जिसे हर्नियेटेड डिस्क (Herniated Disc) भी कहा जाता है। डॉक्टर्स ने उन्हें 3-4 हफ्तों के लिए बेड रेस्ट की सलाह दी है। दिल्ली स्थित मोंगा हॉस्पिटल में आर्थोपेडिक सुरेश गर्ग आपको इस बीमारी के कारण और लक्षणों की जानकारी दे रहे हैं।
बल्जिंग डिस्क क्या है?डॉक्टर के अनुसार, बल्जिंग डिस्क को हर्नियेटेड डिस्क भी कहते हैं। रीढ़ की हड्डी से जुड़ी ये बीमारी आजकल आम है। बल्जिंग डिस्क के कारण शरीर में तेज दर्द होता है। लंबे समय तक बैठे रहने से इस बीमारी का खतरा ज्यादा होता है। इसी कारण आजकल डेस्क जॉब वाले लोगों में ये बीमारी आम हो गई है। बल्जिंग डिस्क के कारण हिप्स और जांघों में सबसे ज्यादा दर्द होता है। ये बीमारी शरीर के नर्वस सिस्टम को प्रभावित करती है। लोअर बैक में हर्नियेटेड डिस्क की समस्या होने पर हिप्स और जांघों में दर्द होता है। गर्दन में हर्नियेटेड डिस्क की समस्या होने पर कंधों और हाथों में इसका दर्द होता है।
बल्जिंग डिस्क के कारण (Causes of Bulging Discs)डॉक्टर्स के अनुसार, दफ्तर में बैठ कर काम करने वाले, कम शारीरिक व्यायाम करने वाले लोगों में यह रोग जल्दी फैल जाता है। वास्तव में यह समस्या लंबे समय तक बैठे रहने से होती है। इसके कारण कूल्हों और जांघों में दर्द होने लगता है। बल्जिंग डिस्क शरीर के नर्वस सिस्टम पर असर करती है।
बल्जिंग डिस्क के लक्षण (Symptoms of Bulging Disc)- शरीर के अंगों को हिलाते समय दर्द महसूस होना- बिना कारण शरीर में दर्द रहना- शरीर का कुछ हिस्सा सुन्न पड़ जाना- हमेशा हाथ और पैरों में दर्द महसूस होना- चलने-फिरने में परेशानी होना- मांसपेशियों में बिना कारण कमजोरी आना
क्या है बल्जिंग डिस्क का इलाज (Bulging DiscTreatments ) डॉक्टर्स के अनुसार, इस बीमारी में आराम बहुत जरूरी है। हालांकि इसका इलाज फीजियोथेरेपी द्वारा किया जा सकता है। लेकिन दर्द ज्यादा होने की स्थिति में डॉक्टर सर्जरी की भी सलाह दे सकते हैं। नियमित रूप से एक्सरसाइज या वॉकिंग, स्विमिंग आदि से इस रोग की संभावना को कम किया जा सकता है। इसके अलावा बल्जिंग डिस्क से बचाव के लिए आपको किसी एक पोजीशन में देर तक बैठने से बचना चाहिए। अगर आपका वजन बढ़ा हुआ है, तो वजन घटाना जरूरी है क्योंकि मोटापे के कारण भी ये समस्या हो सकती है।