प्रसिद्ध टीवी सीरियल उतरन की एक्ट्रेस रश्मि देसाई बीते काफी समय से एक गंभीर बीमारी से जूझ रही हैं। रश्मि लंबे समय से छोटे परदे से गायब थीं। उन्हें हाल फिलहाल में किसी भी पब्लिक इवेंट में भी नहीं देखा गया। मगर कुछ दिन पहले ही सोशल मीडिया पर वे अपने बढ़ते हुए वजन के कारण ट्रोल होने रही थीं जिसके बाद रश्मि ने खुद आगे बढ़कर अपने बढ़ते वजन का कारण बताया।
रश्मि ने बताया कि उन्हें स्किन संबंधी एक गंभीर बीमारी हो गई है जिसका नाम सोरायसिस है। इस बीमारी का इलाज बीते 4 महीने से चल रहा है। रश्मि ने आगे बताया कि बीमारी के कारण उन्हें घर से बाहर निकलने की इजाजत नहीं थी। फिजिकल एक्टिविटीज भी काफी हद तक बंद थीं जिसके चलते ही उनका वजन बढ़ गया।
क्या है सोरायसिस?
सोरायसिस एक क्रॉनिक यानी बार-बार होने वाला ऑटोइम्यून रोग है, जो शरीर के किसी भी हिस्से पर हो सकता है। इसके कारण त्वचा पर लाल और सफेद रंग के धब्बे हो जाते है। ज्यादातर यह समस्या सिर, हाथ-पैर, हथेलियों, पांव के तलवें, कोहनी और घुटने में होती है, जो जल्दी ठीक नहीं होती है। यह रोग जेनेटिक है लेकिन कई कारणों से भी हो सकता है।
सोरायसिस के कारणों में सबसे कॉमन है खराब पर्यावरण। यह बीमारी कभी भी किसी को भी हो सकती है। खराब खानपान और मौसम इस समस्या को बढ़ा सकते हैं। इसलिए इस बीमारी के चलते घर से बाहर निकलने की सलाह दी जाती है। ताकि यह बीमारी बढ़ ना सके। ना ही इसका इन्फेक्शन किसी और को हो सके।
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सोरायसिस के लक्षण:
- लगातार कुछ दिनों तक शरीर पर खुजली होना- त्वचा पर पपड़ी जैसे परत बनना- लाल-धब्बे और चक्ते बनना- इसकी शुरुआत थ्रोट इन्फेक्शन से भी होती है- कोहनी, घुटनों, कमर के पास लाल लाल पपड़ी बनना
सोरायसिस कैसे होता है
सोरायसिस शरीर में धीरे धीरे बढ़ता है। शुरुआते चरण में यह मामूली स्किन इन्फेक्शन जैसा लगता है लेकिन अगर ध्यान ना दिया जाए तो यह काफी बढ़ जाता है। फिर इसका पूर्ण इलाज कर पाना असंभव हो जाता है। सोरायसिस जिस भी हिस्से में होता है वहां सफेद रंग के दाने और उसमें रक्त की बूंदों जैसा आभास होता है। इनपर बेहद खुजली होती है।
सोरायसिस का इलाज
शुरुआती चरण में सोरायसिस को पहचान पाना मुश्किल होता है लेकिन अगर थोड़ा भी आभास हो तो तुरंत स्किन एक्सपर्ट को दिखाना चाहिए। सोरायसिस का कोई भी घरेलू इलाज नहीं है। यह सिर्फ और सिर्फ डॉक्टरी इलाज से संभव है। वह भी अगर समय से किया जाए। नहीं तो डॉक्टर भी इसकी रोकथाम नहीं पर पाते हैं।