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दुनिया के 8 सबसे खतरनाक वायरस, भारत में 5 का ज्यादा प्रकोप, जानें लक्षण, बचने के उपाय

By उस्मान | Updated: November 6, 2019 13:43 IST

यह वायरस इतने खतरनाक हैं कि सही समय पर इलाज नहीं मिलने से मरीज की मौत होनी निश्चित है।

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इबोला, जीका, रेबीज, हेपेटाइटिस, रूबेला जैसे खतरनाक वायरस के बारे में आप जानते ही होंगे लेकिन क्या आपको पता है कि दुनिया में इस तरह के कई और वायरस भी हैं। यह वायरस इतने खतरनाक हैं कि सही समय पर इलाज नहीं मिलने से मरीज की मौत होनी निश्चित है। कुछ वायरस तो ऐसे हैं, जिनकी मृत्यु दर 90 प्रतिशत तक है। हम आपको इन वायरस की जानकारी दे रहे हैं, ताकि आपको इनसे बचने और इलाज कराने में आसानी हो सके।  

1) जीका वायरस

जीका वायरस एडीज, एजिप्टी और अन्य मच्छरों से फैलता है। यही मच्छर चिकनगुनिया और डेंगू वायरस के भी वाहक होते हैं। अगर मच्छर ने किसी व्यक्ति को काट लिया और फिर आपको भी काट लिया, तो आपको जीका वायरस हो सकता है। इस वायरस से संक्रमित होने पर व्यक्ति को बुखार, जोड़ों व मसल्स में दर्द, त्वचा पर दाने, लाल आंखे व सिरदर्द जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं। ध्यान रखें कि इसके के लक्षण 2 से 3 दिन में ही नजर आ जाएंगे।

2) हंटावायरस

हंटावायरस कई प्रकार के विषाणुओं से मिलकर बना है। इसका नाम एक नदी के नाम पर रखा गया है, जहां अमेरिकी सैनिकों को पहली बार 1950 में कोरियाई युद्ध के दौरान हंटावायरस से संक्रमित होने के बारे में पता चला था। इसके लक्षणों में फेफड़े की बीमारी, बुखार और किडनी फेलियर शामिल हैं।

3) निपाह वायरस

यह भयंकर वायरस इंसान और जानवर दोनों में होता है और दोनों के लिए ही जानलेवा है। भारत में इसका पहला मरीज केरल में मिला था और यह वायरस चमगादड़ के जरिये यहां आया था। इस वायरस की चपेट में आने के बाद व्यक्ति को बहुत तेज दिमागी बुखार और बहुत ही भयंकर सिर दर्द होता है।

4) इबोला वायरस

इबोला वायरस पांच तरह का होता है, प्रत्येक का नाम अफ्रीका के पांच क्षेत्रों ज़ैरे, सूडान, ताई वन, बुंडिबुग्यो और रेस्टन के नाम पर रखा गया है। ज़ैरे इबोला वायरस सबसे घातक है, जिसकी मृत्यु दर 90 प्रतिशत है। यह वर्तमान में गिनी, सिएरा लियोन और लाइबेरिया और उससे आगे तक फैला हुआ है। वैज्ञानिकों का कहना है कि ज़ैरे इबोला वायरस फ्लाइंग फॉक्स के कारण आया। 

5) मारबर्ग

यह वायरस भी काफी हद तक इबोला वायरस की तरह ही है। पहले यह जानवरों में रहता है और जानवरों से इंसानों में फैलता है। मारबर्ग वायरस से संक्रमित व्यक्ति को बुखार, ठंड लगना, व सिरदर्द होता है। करीब पांच दिन बाद व्यक्ति को मतली, उल्टी, सीने में दर्द, गले में खराश, पेट में दर्द व दस्त की समस्या भी हो सकती है।

6) एच1एन1 वायरस

स्वाइन फ्लू श्वसन तंत्र से जुड़ी बीमारी है, जो ए टाइप के इनफ्लुएंजा वायरस से होती है। स्वाइन फ्लू का कारण एच1एन1 वायरस है। इसकी शुरुआत सुअरों से हुई थी। इसके लक्षणों में बुखार, खांसी, गले में खराश, ठंड लगना, कमजोरी और शरीर में दर्द आदि हैं। इससे बचने के लिए साफसफाई पर ध्यान देने की विशेष जरूरत होती है।

7) बर्ड फ्लू

बर्ड फ्लू एक खतरनाक वायरस है जिसकी मृत्यु दर 70 प्रतिशत है। लेकिन एच5एन1 के संपर्क में आने का खतरा कम ही होता है। आप केवल पोल्ट्री के साथ सीधे संपर्क के माध्यम से ही संक्रमित हो सकते हैं। यह कहा जाता है कि एशिया में लोग अक्सर चिकन के संपर्क में रहते हैं इसलिए यहां बर्ड फ्लू के मामले अधिक होते हैं।

8) लस्सा वायरस

नाइजीरिया की एक नर्स पहली बार लसा वायरस से संक्रमित हुई थी। यह वायरस कृन्तकों के द्वारा फैलता है। इसके मामले स्थानिक हो सकते हैं- जैसे कि पश्चिमी अफ्रीका और यह यहां कभी भी हो सकता है। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि अफ्रीका में लगभग 15 फीसदी कृन्तक वायरस है। 

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