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कोरोना से लड़ने के लिए आ गई है हर्बल चाय, शरीर को अंदर से मजबूत बनाकर बढ़ाती है इम्यूनिटी पावर

By प्रिया कुमारी | Updated: June 24, 2020 17:31 IST

एनआईपीईआर मोहाली ने कोरोनोवायरस संक्रमण के लिए शारीरिक प्रतिरोध को मजबूत करने के लिए एक प्रतिरक्षा बूस्टर हर्बल चाय का निर्माण किया है। ये चाय आपके शरीर के इम्यून को मजबूत करेगा।

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ठळक मुद्देएनआईपीईआर मोहाली ने इम्यून मजबूत करने के लिए चाय का निर्माण किया है। ये चाय आपके शरीर के इम्यून को मजबूत करेगा।

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्यूटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (एनआईपीईआर), मोहाली ने कोरोनो वायरस संक्रमण के लिए शारीरिक प्रतिरोध को मजबूत करने के लिए एक प्रतिरक्षा बूस्टर हर्बल चाय का निर्माण किया है। बाजार में कोरोना के उपचार के लिए फिलहाल कोई दवाई उपलब्ध नहीं हैं। इसलिए शरीर की इम्यून शक्ति बढ़ाने के लिए चाय को बनाया है। हमारा शरीर आसानी से वायरस से लड़ सकें और खुद को सुरक्षित रख सकें। इस बात का ध्यान रखते हुए सएएस नगर में उत्पाद, एनआईपीईआर, मोहाली ने इम्यूनिटी बूस्टर हर्बल चाय विकसित किया है।

इस हर्बल चाय का उद्देश्य शरीर में प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना है ताकि कोविड -19 वायरल संक्रमण के खिलाफ एक निवारक उपाय के रूप में इस्तेमाल किया जा सके। उर्वरक मंत्रालय द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि हर्बल चाय अश्वगंधा, गिलोय, मुलेठी, तुलसी और ग्रीन टी जैसी स्थानीय रूप से उपलब्ध 6 जड़ी-बूटियों का एक मिश्रण है, जिसे सावधानीपूर्वक चयनित अनुपात में मिलाया गया है।  इन जड़ी-बूटियों का लंबे समय से विभिन्न आयुर्वेदिक योगों में उपयोग किया जाता है और ये हैं "जड़ी-बूटियों का चयन आयुर्वेद में RASAYANA अवधारणा पर आधारित था। 

ये जड़ी-बूटियां सेलुलर प्रतिरक्षा स्तर पर कार्य करती हैं और वायरल,जीवाणु रोगों से लड़ने के लिए हमारे शरीर द्वारा उत्पन्न प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को बढ़ाती हैं। जानकारी के मुताबिक यह अधिकतम प्रतिरक्षा-बढ़ाने वाले प्रभाव को प्राप्त करने के लिए एक तरह से तैयार किया गया है। इस बनाए गए चाय को को दिन भर में 3 बार लिया जा सकता है। खास कर ये बात का ध्यान रखा गया है कि किसी बुजुर्ग को कोई नुकसान न हो। यह गले के लिए भी लाभदायक है और शरीर को मौसमी फ्लू की समस्याओं से लड़ने में मदद कर सकता है।

मंत्रालय ने कहा कि ये चाय शरीर के इम्यून को मजबूत बढ़ाता है रोगजनक सूक्ष्म जीवों जैसे बैक्टीरिया, वायरस और किसी भी अन्य प्रकार के विषाक्त उत्पादों को बेअसर और समाप्त करने की क्षमता रखती है।  प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया का मॉड्यूलेशन एंटी-वायरल, एंटी-माइक्रोबियल दवाओं का विकल्प प्रदान कर सकता है।

जड़ी-बूटियों को इम्यूनोमॉड्यूलेटरी गुणों के लिए जाना जाता है जिसका मतलब है विशिष्ट और निरर्थक दोनों तरह की प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाएं पैदा करते हैं। NIPERs मिनीस्ट्री केमिकल एंड फर्टिलाइजर के डिपार्टमेंट के pharmaceutical के अंतर्गत आने वाली संस्था है। इसमें सात इंस्टीट्यूट्स  हैं जो अहमदाबाद, हैदराबाद, हाजीपुर, कोलकाता, गुवाहटी, मोहाली और रायबरेली में हैं।

 

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