नीम एक ऐसी औषधि है, जिसका आयुर्वेदिक मेडिसिन में कई हजार सालों से भी ज्यादा समय से इस्तेमाल हो रहा है। आज के समय में बहुत सी अंग्रेजी दवाइयों में नीम के पत्तों से बन रही हैं। कड़वे नीम में एंटीबायोटिक, एंटीसेप्टिक, एंटीवायरल, एंटीपाइरेटिक, एंटीइंफ्लेमटरी, एंटीअल्सर और एंटीफंगल गुण पाए जाते हैं।
अपने इन गुणों की वजह से नीम बालों की देखभाल, आंखों, कानों के लिए मरहम के रूप में, मलेरिया की रोकथाम, पेट के कीड़ों को दूर रखने, मलेरिया से राहत पाने में सहायक है। नीम के पेड़ की हर एक चीज जैसे पत्ते, टहनी, छाल, बीज, गोंद सभी फायदेमंद होती है। खासकर नीम के बीज बहुत ज्यादा फायदेमंद बताए गए हैं। 1) नीम के बीज किडनी को स्वस्थ रखने में सहायकनीम के पेड़ के सभी हिस्सों का अलग-अलग तरह उपयोग किया जाता है। इसी तरह से नीम के बीज आपकी किडनी संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए सहायक हैं। इसके लिए आप नीम के बीज और पीपल की छाल का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसका काढ़ा बनाकर रोगी को पिलाने से फायदा होता है। ध्यान रहे कि यह उपाय ट्राई करने से पहले आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
2) नीम के बीज के मलेरिया के लिए लाभदायकमलेरिया एक संक्रामक बीमारी है, जो मच्छर के काटने से फैलती है। सही समय पर और पूरा इलाज नहीं कराने से मरीज की मौत भी हो सकती है। नीम के बीज इस बीमारी के लिए फायदेमंद होते हैं। एक्सपर्ट मानते हैं कि पानी में नीम के बीज डालकर गर्म करके इस पानी को यदि दिन में तीन बार मलेरिया से ग्रस्त रोगी को दिया जाए तो मलेरिया दूर हो जाता है।
3) आंख और कान के इन्फेक्शन को करते हैं दूरआप अपने आंख और कान में होने वाले संक्रमण के प्रभाव को कम करने के लिए भी नीम के बीज का उपयोग कर सकते हैं। इसके लिए आप आंख और कान का मरहम बनाने के लिए नीम के बीज के अर्क का उपयोग कर सकते हैं।
4) चर्म रोगों के इलाज के लिए नीम के बीज से निकाला गया तेल प्राचीन समय से त्वचा समस्याओं को दूर करने के लिए उपयोग किया जा रहा है। बहुत से सौंदर्य उत्पादों में नीम के बीजों का उपयोग प्रमुख घटक के रूप में उपयोग किया जाता है। इसके इस्तेमाल से स्किन से जुड़ी कई अन्य समस्याओं से राहत पाई जा सकती है।
5) बवासीर में राहतहर्बल एक्सपर्ट डॉक्टर डीपक के अनुसार, बवासीर जैसे पीड़ादायक रोग के इलाज के लिए नीम के बीज और पत्तों का लेप बनाकर प्रभावित हिस्से पर लगाने से कष्ट कम हो सकता है। बेहतर परिणाम के लिए आपको कम से कम एक हफ्ता इस उपाय को आजमाना चाहिए।