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2 दिसंबर से शुरू होगा 'मिशन इंद्रधनुष-2', बच्चों को लगेंगे टेटनस, पोलियो, खसरा, तपेदिक के टीके

By उस्मान | Updated: November 29, 2019 10:56 IST

बच्चों को यह सभी टीके लगवाने जरूरी हैं

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ठळक मुद्देदेश के 27 राज्यों के 272 जिलों और बिहार व उत्तर प्रदेश के 652 ब्लॉक होंगे कवरभारत में पाँच वर्ष से कम उम्र के बच्चों में होने वाली मौतों में कमी आ सकती है

इंटेसिफाइड मिशन इंद्रधनुष  (IMI) 2.0 इस साल 2 दिसंबर से शुरू होगा। इस दौरान देश के 27 राज्यों के 272 जिलों और बिहार व उत्तर प्रदेश के 652 ब्लॉक को कवर किया जाएगा। मार्च, 2020 तक पूरा होने वाले इस कार्यक्रम में महिलाओं और बाल विकास मंत्रालय, पंचायती राज, शहरी विकास मंत्रालय, युवा मामलों के मंत्रालय, सहित कई मंत्रालयों का समर्थन किया जाएगा, ताकि टीकों का लाभ सुनिश्चित किया जा सके।

क्या है मिशन इंद्रधनुष अभियान

एनएचपी डॉट गव के अनुसार,  टीकाकरण कार्यक्रम को विस्तारित करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 8 अक्टूबर, 2017 को सघन मिशन इंद्रधनुष (आईएमआई) का शुभारंभ किया। इस कार्यक्रम के माध्यम से, भारत सरकार का लक्ष्य है, कि दो वर्ष से कम आयु के प्रत्येक बच्चे और उन सभी गर्भवती महिलाओं तक पहुंचना है, जो नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के तहत बच गए हैं। मिशन इंद्रधनुष 2.0 के तहत टीकाकरण न होने वाले या फिर आंशिक टीकाकरण वाले बच्चों व गर्भवती महिलाओं को डीपीटी, पोलियो, बीसीजी, पेंटा, एमआर (मीजल्स-रूबेला) रोटा वायरस, टीडी (टिटनेस-डिप्थीरिया) के टीके लगाए जाएंगे। यह अभियान पूरे सप्ताह चलेगा। 

मिशन इंद्रधनुष अभियान का उद्देश्य

इस कार्यक्रम का उद्देश्य पूरे भारत में 90% राष्ट्रीय टीकाकरण कवरेज प्राप्त करने के लक्ष्य को हासिल करने के प्रयासों में वृद्धि करना है। आईएमआई 2.0 की मुख्य विशेषताएं टीकाकरण गतिविधि है, जो सात कार्य दिवसों में चार राउंड में होगी।

मिशन इंद्रधनुष का मुख्य लक्ष्य दो वर्ष तक की उम्र के बच्चों और गर्भवती महिलाओं तक सभी उपलब्ध टीकों से पूर्ण प्रतिरक्षण सुनिश्चित करना है। सरकार ने देश के 28 राज्यों में से 200 उच्च ज़ोखिम से पीड़ित जिलों की पहचान की है, जिनमें आंशिक प्रतिरक्षित और अप्रतिरक्षित बच्चों की संख्या अधिक हैं। इससे पहले पूर्ण प्रतिरक्षण कवरेज में वृद्धि प्रति वर्ष 1% थी, जो कि मिशन इंद्रधनुष के पहले दो चरणों के माध्यम से प्रति वर्ष 6.7% तक बढ़ गयी है। मिशन इंद्रधनुष के चार चरणों का आयोजन अगस्त 2017 तक किया जा चुका हैं तथा 2.53 करोड़ से अधिक बच्चों एवं 68 लाख गर्भवती महिलाओं को टीका लगाया गया है।

मिशन इंद्रधनुष अभियान में शामिल टीके

भारत सरकार, यूआईपी/राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम में नए टीकों जैसे कि रोटावायरस वैक्सीन, आईपीवी, वयस्क जेई वैक्सीन, न्यूमोकोकल संयुग्म वैक्सीन (पीसीवी) और  खसरा-रूबेला (एमआर) वैक्सीन की शुरूआत के माध्यम से टीका निवारणीय रोगों जैसे कि डिप्थीरिया, पर्टुसिस, टेटनस, पोलियो, खसरा, बचपन में होने वाली तपेदिक, हेपेटाइटिस बी, मेनिन्जाइटिस और न्यूमोनिया (हेमोफिलस इन्फ्लूएंजा टाइप बी संक्रमण) का गंभीर रूप, जेई स्थानीय जिले में जापानी एन्सेफलाइटिस (जेई) से मुकाबला करने के लिए टीकाकरण प्रदान कर रही है।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कसी कमर

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री हर्षवर्धन ने हाल ही राज्यों में मिशन इन्द्रधनुष के लिए राज्यों की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि हम सभी को यह सुनिश्चित करने के लिए लक्ष्य बनाना चाहिए कि एक भी बच्चा टीका निवारणीय बीमारियों से नहीं मरे। खासकर जब हमारे पास हमारे नियमित यूनिवर्सल टीकाकरण कार्यक्रम (यूआईपी) के के रूप में टीकों का एक बड़ा कार्यक्रम है। 

उन्होंने कहा कि मिशन इन्द्रधनुष के शुरू होने पर भारत में पाँच वर्ष से कम उम्र के बच्चों में होने वाली मौतों में और ज्यादा कमी आ सकती है और 2030 तक बाल मृत्यु को रोकने के लक्ष्य को पूरा किया जा सकता है ।

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