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खुशखबरी! मलेरिया से अब नहीं होगी कोई मौत, इस देश में शुरू हुआ मलेरिया का पहला टीका, जानें कब आएगा भारत

By उस्मान | Updated: April 23, 2019 17:21 IST

Malaria prevention tips in Hindi: डब्ल्यूएचओ का कहना है कि परीक्षण में पाया गया कि जिन बच्चों को इस वैक्सीन की खुराक मिली, उनमें मलेरिया और गंभीर मलेरिया विकसित होने की संभावना कम थी। यह दुनिया की पहली ऐसी मलेरिया वैक्सीन है जो छोटे बच्चों में मलेरिया के खिलाफ आंशिक सुरक्षा प्रदान करने की क्षमता है।

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अफ्रीकी देश मलावी में दुनिया की पहली मलेरिया वैक्सीन तैयार हो गई है। इस वैक्सीन का नाम RTS,S है। यह बच्चों के इम्युनिटी सिस्टम को मजबूत करेगी जिससे मलेरिया वाले मच्छरों का उन पर कोई असर नहीं होगा। मलेरिया प्रभावी इस टीके को सात देशों में 15,000 लोगों पर पांच साल के क्लिनिकल परीक्षण करके तैयार किया गया है और इस पर अब तक लगभग एक बिलियन डॉलर से अधिक खर्च हो गए हैं।

RTS,S क्या है (what is RTS,S)

यह खुराक प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम (Plasmodium falciparum) के खिलाफ काम करती है, जो दुनिया भर में सबसे घातक मलेरिया परजीवी है और अफ्रीका में सबसे ज्यादा प्रचलित है। मलेरिया के लिए मौजूद टीकों की तुलना में यह टीका तीन चरणों में तैयार किया गया है और प्रभावी पाया गया है। 

डब्ल्यूएचओ का कहना है कि परीक्षण में पाया गया कि जिन बच्चों को इस वैक्सीन की खुराक मिली, उनमें मलेरिया और गंभीर मलेरिया विकसित होने की संभावना कम थी। यह दुनिया की पहली ऐसी मलेरिया वैक्सीन है जिसमें छोटे बच्चों में मलेरिया के खिलाफ आंशिक सुरक्षा प्रदान करने की क्षमता है।

एक अध्ययन से पता चला है कि यह टीका बच्चों में मलेरिया के दस में से चार मामलों को रोकता है। कुल मिलाकर, टीका प्राप्त करने वाले बच्चों में गंभीर मलेरिया के 29 प्रतिशत कम मामले थे।

डब्ल्यूएचओ के अनुसार, यह टीका ऐसे समय में तैयार किया गया है जब पूरी दुनिया जानलेवा मलेरिया से ग्रस्त है। इससे सभी देशों को मलेरिया के खिलाफ लड़ने में मदद मिलेगी। 

शोधकर्ता टिसुंगने मवालो के अनुसार, मलेरिया संक्रमित मादा एनोफिलीज मच्छरों के काटने से लोगों में फैलता है। मलेरिया इतनी गंभीर बीमारी है, जो बच्चे को 24 घंटे से कम समय में खत्म कर सकती है। यहां तक कि अगर बच्चा जीवित रहता है, तो मलेरिया हर अंग को प्रभावित कर सकता है, जिससे मस्तिष्क की क्षति या यहां तक कि गुर्दे की समस्याएं हो सकती हैं। यही वजह है कि रोकथाम उपचार से बेहतर है।

डब्ल्यूएचओ की मलेरिया पर नवीनतम रिपोर्ट से पता चला कि 2017 में मलेरिया के मामलों की संख्या 219 मिलियन तक पहुंच गई, जबकि 2016 में यह संख्या सिर्फ 2 मिलियन थी।

भारत कब आएगा

डब्लूएचओ के अनुसार, अफ्रीका में हर साल मलेरिया के कारण 250,000 से अधिक बच्चों की मौत होती है। फिलहाल यह टीका 5 महीने से 2 साल तक के बच्चों को लगाया जाएगा। यह टीका तीनों देशों (मलावी, केन्या और घाना) में 2022 के अंत तक लगभग 360,000 बच्चों तक पहुंचेगा। 

डब्ल्यूएचओ की वर्ल्ड मलेरिया रिपोर्ट 2018 के अनुसार, भारत में मलेरिया के मामलों में 2016 की तुलना में 2017 में 24 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। हालांकि, 1.25 बिलियन भारतीयों को मलेरिया का खतरा बना हुआ है। भारत ने 2027 तक मलेरिया मुक्त होने और 2030 तक इस बीमारी को खत्म करने का लक्ष्य रखा है।

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