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महाशिवरात्रि :  भोलेनाथ को पसंद है बेलपत्र और धतूरा, जानें इन औषधीय जड़ी बूटियों के 10 चौंकाने वाले फायदे

By उस्मान | Updated: March 11, 2021 10:21 IST

आयुर्वेद के अनुसार कई औषधीय गुणों से भरे हैं ये दनों चीजें

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ठळक मुद्देआयुर्वेद के अनुसार कई औषधीय गुणों से भरे हैं ये दनों चीजें डॉक्टर की सलाह पर करें इस्तेमाल, होगा फायदाधतूरा का दवाओं में होता है इस्तेमाल

 

देश में आज भगवान शिवजी का महापर्व महाशिवरात्रि मनाया जा रहा है। भोलेनाथ को खुश करने के लिए पूजा के दौरान भक्त उनकी हर पसंदीदा चीज को चढ़ाते हैं।  वैसे तो बाबा को बहुत सी चीजें प्रिय हैं लेकिन उन्हें सबसे ज्यादा धतूरा और बेलपत्र पसंद है। 

धतूरा और बेलपत्र केवल पूजा की सामग्री नहीं हैं बल्कि ये ऐसी जड़ी बूटियां हैं, जो कई रोगों में लाभदायक हैं। धतूरा का इस्तेमाल कई दवाईयों के बनाने के दौरान किया जाता है। औषधि गुणों की खान माने जाने वाले धतूरा की जड़, फल, फूल, पत्ते भी औषधि गुणों से युक्त होते हैं।

धतूरा के फायदेदर्द में राहतदर्द से रहत पाने के लिए धतूरे के रस को तिल के तेल में मिलकर गर्म कर लें और दर्द वाली जगह पर इस तेल की मालिश करें। ऐसा करने से आपको कुछ दिनों में फर्क महसूस हो सकता है। 

बालों की समस्याओं मेंधतूरे का प्रयोग बालों की समस्याओं में राहत पाने के लिए किया जा सकता है। इसके रस को सिर पर मलने से न केवल डैंड्रफ खत्म हो सकती है बल्कि सिर की जुएं से भी राहत मिलती है। इसके लिए सरसों के तेल में धतूरे के पत्तों का रस मिलाकर इस्तेमाल करें। 

बवासीर के ल‍िएबवासीर के इलाज के तौर पर भी धतूरे का इस्तेमाल किया जाता है। इसके लिए धतूरे के फूल और पत्तों को जलाकर इसके धुएं से बवासीर के मस्सों की सिकाई करने से भी फायदा होता है। 

बुखार से दिलाता है राहत बुखार या कफ होने की स्थिति में लगभग 125 -250 मिलीग्राम धतूरे के बीज लेकर इसे जलाकर राख बना लें और इस राख को मरीज को दें। इससे बुखार या कफ गायब हो जाएगा।

जोड़ों के दर्द के लिएनियमित रूप से धतूरे के रस और तिल के तेल की मालिश करने से जोड़ों की समस्या और गठिया जैसी समस्याओं से न केवल काफी हद तक निजात पाई जा सकती है बल्कि इस रोग को पूरी तरह से मिटाया भी जा सकता है

बेलपत्र के फायदे बेल के पत्ते एंटीऑक्सीडेंट और पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। यह प्रोटीन और खनिजों का भंडार होता है। यह विटामिन ए, विटामिन सी, राइबोफ्लेविन, कैल्शियम, पोटेशियम, फाइबर, विटामिन बी 1, बी 6, बी 12 का भी बेहतर स्रोत है। 

आयुर्वेद के अनुसार, मानव शरीर में वात, पित्त और कफ तीन दोष होते हैं। जब इनमें से कोई एक दोष शरीर में असंतुलित हो जाता है, तो कुछ विकार उत्पन्न होते हैं। बेलन इन दोषों को नियंत्रित करने में प्रभावी है।

डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और दिल से जुड़ी बीमारियों को खत्म करने में बेल बहुत फायदेमंद है। अपच और अपच से पीड़ित लोगों के लिए बेल अच्छा है। पेट साफ करने के लिए बेल बहुत प्रभावी है। इसके रेचक गुणों के कारण, पाचन तंत्र दुरुस्त रहता है। 

बेल के पत्ते एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं। इस पेस्ट को चेहरे पर लगाने से त्वचा चिकनी बनती है। अगर चेहरे पर धब्बे हैं, अगर पसीने के कारण बदबू आ रही है, तो बेल का फेस पैक इन सभी समस्याओं से छुटकारा दिलाने में मदद करता है। बेल के पत्तों का रस पीने या इसके पत्तों को खाने से बालों के झड़ने की समस्या भी दूर होती है और बाल चमकदार और घने भी बनते हैं।

खासकर गर्मियों में बेल फ्रूट सिरप पीने से शरीर का तापमान नियंत्रित रहता है।गर्मियों में इसका सेवन किया जाए तो इससे गर्मी से संबंधित बीमारियों से छुटकारा मिलेगा।  

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