शरीर में गांठ होना आम समस्या है। से आम भाषा में चर्बी की गांठ या फिर लिपोमा भी बोला जाता है। अधिकांश गांठ और सूजन हानिरहित होती है। हालांकि शरीर में कोई पीड़ादायक गांठ अथवा सूजन अचानक ही पैदा हो जाए, तो वह किसी चोट अथवा संक्रमण का संकेत हो सकती है।
अगर गांठ के आस-पास की त्वचा लाल और गरम है तो यह एक संक्रमण हो सकता है। इसकी देखभाल करने के तरीके पर आपका डॉक्टर परामर्श दे सकता है। अगर यह गांठ ऐसी जगह हो, जो सभी को नजर आए, तो और बुरा लगता है।
इस तरह की गांठ चेहरा, गर्दन अथवा गला, स्तन, पेट-जांघ जोड़ का क्षेत्र, अंडकोष, गुदा, हाथ, कलाई अथवा उंगली, कंधे, पीठ, छाती अथवा बाजू पर हो सकती है। अगर आपको किसी हिस्से पर गांठ हो जाती है तो आपको कुछ घरेलू उपाय अपना सकते हैं।
नींबू गांठ होने और इसे बढ़ावा देने के लिए शरीर की सूजन जिम्मेदार हो सकती है। वहीं, नींबू में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं। इससे चर्बी की गांठ को दूर किया जा सकता है। इसलिए, ऐसा कहा जा सकता है कि नींबू के उपयोग से सूजन को कम कर चर्बी की गांठ की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।
सेब का सिरकालिपोमा का इलाज सेब के सिरके से भी किया जा सकता है। दरअसल, सेब के सिरके का इस्तेमाल करने से शरीर को डिटॉक्सीफाई किया जा सकता है। साथ ही इम्यून सिस्टम बेहतर होता है और रक्त संचार भी ठीक हो सकता है। इससे गांठ से राहत मिल सकती है। यहां हम स्पष्ट कर दें कि इस विषय में सेब के सिरके पर ज्यादा वैज्ञानिक अध्ययन नहीं हुआ है।
हल्दीचर्बी के गांठ का इलाज हल्दी से भी किया जा सकता है। हल्दी में कई तरह के औषधि गुण होते हैं। इनमें से एंटीसेप्टिक, एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीमाइक्रोबियल मुख्य होते हैं। ये गुण सूजन को कम करने और बैक्टीरिया को दूर करने का काम करते हैं। इससे गांठ की समस्या से छुटकारा मिल सकता है।
कचनार की ताजा और सूखी छालशरीर के किसी हिस्से पर बनी गांठ को हटाने के लिए सबसे कारगर तरीकों में से एक है कचनार की ताजा और सूखी छाल। इसके लिए आपको करना ये है कि एक गिलास पानी और एक चम्मच गोरखमुंडी (पिसी हुई) को कचनार के साथ-साथ कूट लें।
उसके बाद कुटी हुई कचनार को पानी में लगभग दो मिनट तक के लिए उबालें। जब आपका यह मिश्रण अच्छी तरह से उबल जाए तब इसमें गोरखमुंडी मिला दें और फिर एक मिनट तक इसे उबालें। अब इस पानी को छानें और दिन में दो बार इस पानी का सेवन करें। नियमित रूप से करीब 25 दिन तक ऐसा करने से गांठ निकल सकती है।
मदार का दूधशरीर के किसी हिस्से पर लिपोमा या फिर गांठ को ठीक करने के लिए मदार का दूध बेहद फायदेमंद है। इसके लिए आपको करना ये है कि मदार के दूध में मिट्टी को मिलाएं और फिर इस दूध का लेप प्रभावित हिस्से पर उभरी गांठ पर लगाएं। नियमित रूप से ऐसा करने से आपको दर्द के साथ-साथ इसे हटाने में भी मदद मिलेगी।
क्रौंच के बीजक्रौंच के बीज को घिस कर दो तीन बार लेप करने तथा गोरखमुण्डी के पत्तों का आठ-आठ तोला रस रोज पीने से गण्डमाला में लाभ होता है। तथा कफवर्धक पदार्थ न खायें।
गिलोयअगर शरीर में बहुत अधिक गांठे है तो शिला सिंदूर 4 ग्राम, प्रभाल पिष्टी 10 ग्राम के साथ मोती और गिलोय मिलाकर सात पूड़िया बना लें। इसे सुबह-शाम खिलाएं। इससे 99 प्रतिशत तक गांठ से निजात मिल जाता है। एक से तीन माह में लाभ मिल सकता है।
आटे और शहद का लेप आप अगर चर्बी की गांठ से छुटकारा पाने चाहते हैं, तो आप घर में आटे और शहद को एक समान मात्रा में मिलाकर एक लेप बना लें और उसे गांठ वाली जगह पर 2-3 घंटे के लिए लगाकर छोड़ दें। आप चाहें, तो लेप पर कोई नैपकीन भी लगा सकती हैं जिससे लेप आपके कपड़ों पर न लगे।