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इंसाकॉग ने कहा-डेल्टा के उप-स्वरूपों-एवाई.1, एवाई.2 के डेल्टा से अधिक संक्रामक होने की संभावना नहीं

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: July 14, 2021 22:01 IST

इंसाकॉग ने कहा, ‘‘न तो एवाई.1 के और न ही एवाई.2 के डेल्टा से अधिक संक्रामक होने की संभावना है। भारत में जून से वे उपलब्ध अनुक्रमणों में लगातार एक प्रतिशत से भी कम बने हुए हैं।’’

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ठळक मुद्दे एवाई.3 को डेल्टा के नए उप-स्परूप के रूप में चिह्नित किया गया है।कोविड-19 टीकों की खुराक की कुल संख्या 39 करोड़ के पार हो चुकी है।18 से 44 साल के आयुवर्ग के 13,82,467 लोगों को पहली खुराक दी गयी और 1,57,660 लोगों ने दूसरी खुराक लगवाई।

नई दिल्लीः भारतीय सार्स-कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (इंसाकॉग) ने कहा है कि कोरोना वायरस के डेल्टा स्वरूप के उप-स्वरूपों एवाई.1, एवाई.2 के डेल्टा से अधिक संक्रामक होने की संभावना नहीं है।

 

इसने हालिया बुलेटिन में यह भी कहा कि एवाई.3 को डेल्टा के नए उप-स्परूप के रूप में चिह्नित किया गया है। बुलेटिन में कहा गया कि इस उत्परिवर्तन के बारे में कोई महत्वपूर्ण सामग्री नहीं है, लेकिन इंसाकॉग इसपर लगातार नजर रखेगा। इंसाकॉग ने कहा, ‘‘न तो एवाई.1 के और न ही एवाई.2 के डेल्टा से अधिक संक्रामक होने की संभावना है। भारत में जून से वे उपलब्ध अनुक्रमणों में लगातार एक प्रतिशत से भी कम बने हुए हैं।’’

भारत में अभी तक कोविड टीकों की 39 करोड़ से अधिक खुराक लगाई गयीं: स्वास्थ्य मंत्रालय

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि भारत में अभी तक लगाई गयीं कोविड-19 टीकों की खुराक की कुल संख्या 39 करोड़ के पार हो चुकी है। शाम सात बजे तक के आंकड़ों के अनुसार बुधवार को 32.10 लाख से अधिक खुराक लगाई गयीं। मंत्रालय ने बताया कि बुधवार को 18 से 44 साल के आयुवर्ग के 13,82,467 लोगों को पहली खुराक दी गयी और 1,57,660 लोगों ने दूसरी खुराक लगवाई।

देश में टीकाकरण के तीसरे चरण की शुरुआत से 18-44 साल के आयुवर्ग में कुल 11,78,70,724 लोगों को पहली खुराक लगाई जा चुकी है और 41,92,141 लोग दूसरी खुराक लगवा चुके हैं। मंत्रालय के अनुसार, आठ राज्यों- उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, बिहार, गुजरात, कर्नाटक और महाराष्ट्र में 18 से 44 साल की आयु के 50 लाख से अधिक लोगों को कोविड-19 टीके की पहली खुराक लगाई जा चुकी है।

वहीं, आंध्र प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, दिल्ली, हरियाणा, झारखंड, केरल, तेलंगाना, हिमाचल प्रदेश, ओडिशा, पंजाब, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल में 18-44 साल के 10 लाख से अधिक लोग कोविड टीके की पहली खुराक लगवा चुके हैं।

कोविड-19 की तीसरी लहर का खतरा अब अधिक वास्तविक लग रहा है : रिपोर्ट

देश में हालांकि कोविड-19 की दूसरी लहर का असर अब कम होता दिख रहा है, डेल्टा वेरिएंट की बढ़ती मौजूदगी और कोरोना वायरस में हो रहे बदलावों से तीसरी लहर का खतरा वास्तविक लग रहा है। एक विदेशी ब्रोकरेज कंपनी ने अपनी रिपोर्ट में यह कहा है।

यूबीएस सिक्योरिटीज इंडिया की मुख्य अर्थशास्त्री तन्वी गुप्ता जैन ने कहा कि खतरा असली है और बढ़ रहा है क्योंकि पूर्व में रोजाना दी जा रही टीके की 40 लाख खुराक से इस समय यह संख्या घटकर 34 लाख हो गयी है। करीब 45 प्रतिशत संक्रमण के मामले ग्रामीण इलाकों में दर्ज किए जा रहे हैं।

रिपोर्ट में कहा गया कि दूसरी तरफ कई राज्यों में आवाजाही प्रतिबंधों में धीरे-धीरे ढील देने के साथ 12 जुलाई तक लगातार सातवें हफ्ते आर्थिक गतिविधि में सुधार हुआ है। तन्वी ने बुधवार को कहा कि देश भले ही दूसरी लहर को पीछे छोड़ चुका है, तीसरी लहर का खतरा बढ़ गया है।

डेल्टा वेरिएंट की मौजूदगी और कोरोना विषाणु में हो रहे बदलावों से तीसरी लहर का खतरा वास्तविक लग रहा है। उन्होंने कहा कि रोजाना दर्ज किए जाने वाले मामलों में कमी आयी है लेकिन सक्रिय मामलों में होने वाली कमी धीरे-धीरे घटती जा रही है। 

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