अक्सर रहती हैं पेट संबंधी समस्याएं? शरीर में फाइबर की कमी है एक कारण, ऐसे करें डायट में शामिल
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Updated: August 23, 2018 09:05 IST2018-08-23T09:05:28+5:302018-08-23T09:05:28+5:30
शरीर में फाइबर की कमी से पेट की कई समस्याएं या गड़बड़ियां पैदा हो जाती हैं। फाइबर भोजन पचाने और आंतों की सफाई रखने में खास भूमिका निभाता है।

अक्सर रहती हैं पेट संबंधी समस्याएं? शरीर में फाइबर की कमी है एक कारण, ऐसे करें डायट में शामिल
शरीर में फाइबर की कमी से कई परेशानियां हो सकती हैं। कब्ज, सुस्त पाचन व वजन बढ़ने जैसी समस्याओं के पीछे एक कारण फाइबर की कमी भी है। आमतौर पर महिलाओं को हर रोज 25 ग्राम फाइबर की सलाह दी जाती है। पुरुषों को इससे अधिक की जरूरत होती है। फाइबर कोलेस्ट्रॉल और रक्त शर्करा की मात्र को भी ठीक रखता है। भोजन नलिका से भोजन को आंतों तक ले जाने और शरीर से बेकार तत्वों को बाहर निकालने में इसकी खास भूमिका होती है। फाइबर युक्त चीजों का नियमित सेवन आंत, छाती व गर्भाशय के कैंसर की आशंका को भी कम करता है।
फाइबर के रूप
फाइबर के दो रूप होते हैं। घुलनशील व अघुनशील। घुलनशील फाइबर वाली चीजें अधिक पानी सोख कर गाढ़े तरल का रूप ले लेती हैं। ये फाइबर पेट में शर्करा कोलेस्ट्रॉल व वसा को अपने साथ लेते हुए पाचन तंत्र में नीचे लाते हैं। इन्हें पचने में अधिक समय लगता है, इसलिए देर तक पेट भरा महसूस होता है। अघुलनशील फाइबर के स्नेत पानी कम सोखते हैं और पचते नहीं हैं। ये आंतों में मौजूद अपशिष्ट को नीचे ले जाते हुए उन्हें शरीर से बाहर करने में सहायता करते हैं। दोनों ही तरह के फाइबर हमारे शरीर के लिए जरूरी होते हैं।
इन समस्याओं में लें फाइबर
वजन कम करना हो: इस लिहाज से दोनों तरह के फाइबर जरूरी हैं। घुलनशील फाइबर मैटाबॉलिक दर व पाचन-तंत्र को ठीक रखता है। अघुलनशील फाइबर आंतों में से अपशिष्ट बाहर करने और कब्ज रोकने में सहायक है। फाइबर युक्त चीजों को पचाने में शरीर को ज्यादा कैलरी की जरूरत पड़ती है। यही वजह है कि वजन कम करने के इच्छुकों को हर रोज 35 से 50 ग्राम फाइबर लेने की सलाह दी जाती है।
कब्ज व डायरिया: कब्ज होने पर अघुलनशील फाइबर वाली चीजें लेनी चाहिए। बेहतर होगा कि ऐसी चीजें खाएं, जिसमें दोनों तरह के फाइबर होते हैं। डायरिया में घुलनशील फाइबर की चीजें लें। ये पाचन प्रक्रिया धीमा करते हैं।
फाइबर के अच्छे स्नेत:
- फली, सेम, मसूर की दाल और बींस
- ईसबगोल की भूसी, शकरकंद व भिंडी
- अलसी के बीज में घुलनशील व अघुलनशील दोनों तरह के फाइबर होते हैं
- हरी पत्तेदार सब्जियों में पालक-बछुआ शलगम व चुकंदर के पत्ते और ब्रोकली में भरपूर फाइबर होता है। सेब व नाशपाति, बब्बूगोसा में भी भरपूर फाइबर होता है
- साबुत अनाज, जई व मक्के की भुसी व मेवे में फाइबर होता है। किशमिश में दोनों तरह के फाइबर होते हैं
- ज्योत्स्ना