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पेशाब रोग का इलाज : पेशाब रुक-रुक कर आता है, कम भी आता है, एक दिन में कितना पेशाब आना चाहिए ?

By उस्मान | Updated: September 9, 2021 11:02 IST

पेशाब से जुड़े लक्षणों को नजरअंदाज न करें, यह किसी घातक रोग का संकेत हो सकते हैं

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ठळक मुद्दे पेशाब से जुड़े लक्षणों को नजरअंदाज न करें, यह किसी घातक रोग का संकेत हो सकते हैं महिलाओं में यूटीआई है इसका बड़ा कारणरोजाना पर्याप्त मात्रा में पानी पियें

पेशाब में जलन, कम आना, रुक-रुक कर पेशाब आना, पेशाब का रंग बदलना आदि ऐसी समस्याएं हैं जिससे कोई न कोई व्यक्ति परेशान रहता है। इन समस्याओं से राहत पाने के लिए कई मेडिकल इलाज मौजूद हैं लेकिन आप कुछ घरेलू उपचार के जरिये भी इससे राहत पा सकते हैं। हम आपको पेशाब के रोगों से जुड़े कुछ ऐसे ही सवालों के जवाब बता रहे हैं।

पेशाब रुकने के क्या कारण है?

अटकना मूत्रावधारण का अर्थ है बाहर जानेवाली जगह या मूत्रमार्ग में अवरोध के कारण मूत्राशय में पेशाब का इकट्ठा हो जाना। लेकिन गुर्दों द्वारा कम पेशाब बनना या बिलकुल न बनाना गुर्दों के खराब होने की निशानी है। पहली समस्या की प्रक्रिया मूत्राशय संबंधित है लेकिन दूसरी का अर्थ है गुर्दों का फेल होना।

एक दिन में कितना पेशाब आना चाहिए?

विशेषज्ञों के अनुसार हर व्यक्ति को दिन में 6-8 बार यूरिन जाना ही चाहिए। एक हैल्दी व्यक्ति में एक से दो लीटर यूरिन बनता है। यानी दिनभर में 400 एमएल यूरिन। इस मात्रा के मुताबिक, वह व्यक्ति दिन में चार से पांच बार यूरिन जाता है। रात में सोने के बाद एक बार या बिल्कुल नहीं जाता है।

महिलाओं में पेशाब रुकने का क्या कारण है?

मूत्र पथ में संक्रमण (UTI)महिलाओं में एक बड़ी समस्या है। माना जाता है कि वैस्टर्न स्टाइल के टॉयलेट हैं इसका बड़ा कारण हैं। इसके साथ ही अस्वच्छ शौचालयों का इस्तेमाल करने से भी यह रोग होता है। बहुत देर तक पेशाब रोककर रखने की आदत के कारण भी इसका खतरा होता है।

पेशाब रुक जाने पर क्या किया जाए?

पेशाब करने के दौरान होने वाली समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। इसके लिए -सुबह खाली पेट एक गिलास गर्म पानी करना है ध्यान रहे पानी गुनगुन हो। इस पानी में आप एक नींबू निचोड़े और उसमें थोड़ा सा शहद डालें। इसे रोजाना पीने से आपको इस समस्या में राहत मिल सकती है।

इंफेक्शन से बेचने का घरेलू उपाय क्‍या हैं

स्वच्छता का रखें ख्याल यूरीन इंफेक्‍शन की सबसे बड़ी वजह सफाई का अभाव कहा जाता है। पानी ज्यादा पिएं, सूती अंडरगार्मेंट का इस्तेमाल करें, गरम पानी का सेक लें, क्रैनबेरी का जूस पियें, लहसुन का सेवन करें। 

कितना पानी पीना चाहिए?

आपको अपने वजन के हिसाब से पानी पीना चाहिए. मान लें कि वजन 60 किलो है तो इसे 30 से विभाजित करने पर 2 आएगा। यानी 60 किलो के वजन के व्यक्ति को रोजाना 2 लीटर पानी पीना चाहिए। अगर वजन 50 किलो है तो 2.6 लीटर (2 लीटर और 600 मिलीलीटर) पानी पियें। 

टॅग्स :हेल्थ टिप्सघरेलू नुस्खेमेडिकल ट्रीटमेंटMedical and Health
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