सर्दियों का मौसम शुरू हो चुका है। इस मौसम में ठंडी हवाओं, गंदी हवा और विभिन्न संक्रमणों की वजह से सर्दी, खांसी, बंद नाक, जुकाम और साइनस जैसी पीड़ादायक बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। इस मौसम का आपकी नाक पर सबसे ज्यादा असर पड़ता है। इन समस्याओं से राहत पाने के लिए बार-बार दवाओं का सहारा लेना आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है। हम आपको कुछ घरेलू उपचार बता रहे हैं जिनसे आपको बिना किसी साइड इफेक्ट के फायदा हो सकता है।
1) साइनसबदलते मौसम खासकर सर्दियों में साइनस की समस्या काफी बढ़ जाती है। साइनस खोपड़ी में हवा भरी हुई कैविटी होती है, जो सिर को हल्कापन व श्वास वाली हवा लाने में मदद करती है। अगर इन छेदों में बलगम भर जाती है तो सांस लेने में दिक्कत होने लगती है। इस समस्या को ही आम बोलचाल में साइनस कहा जाता है। साइनस के लक्षणों में सिरदर्द, बुखार, बेचैनी, आंखों में दर्द, दांतों में दर्द, सूंघने और स्वाद की शक्ति कमजोर होना आदि शामिल हैं।
साइनस के लिए घरेलू उपचारअगर आप साइनस से पीड़ित हैं, तो आपको रोजाना सुबह-शाम गर्म पानी की भाप लेनी चाहिए। इससे चेहरे और नाक के आसपास की स्किन को नाम रखने में मदद मिलती है। भाप लेने का दोसरा तरीका यह है कि आप तौलिए को गर्म पानी में भिगोकर चेहरे को थोड़ी देर ढक सकते हैं। इस उपाय को आप 5 से 10 मिनट तक ट्राई कर सकते हैं।
2) बंद नाकसर्दियों में ठंडी हवा और धूल-कण की वजह से नाक बंद हो जाती हैं। इसके अलावा बलगम का उत्पादन ज्यादा होने से भी नाक बंद होने का खतरा होता है। यह तब होता है जब नेसल कैविटी सूजने लगती है और फिर इसकी वजह से बलगम उतपन्न होने लगता है। परिणामस्वरूप इसकी वजह से सांस लेना मुश्किल हो जाता है। यह समस्या जुकाम, फ्लू और एलर्जी से जुड़ी होती है।
बंद नाक का घरेलू उपचारनाक बंद होने पर आपको नारियल के तेल को उंगली में लगाकर नाक में अंदर तक लगाना चाहिए और फिर गहरी सांस लें। डॉपर की मदद से भी आप नारियल तेल की कुछ बूंदे नाक में डाल सकते हैं। ध्यान रहे कि नारियल का तेल पिघला हुआ हो। नारियल तेल में कपूर डालकर सूंघने से बंद नाक जल्द खुल जाती है।
3) नजला जुकाम नजला-जुकाम एक बहुत ही आम और हमेशा परेशान करने वाला रोग है। वास्तव में यह रोग नहीं, शरीर की एक सांवेदनिक प्रतिक्रिया है, जो मौसम बदलने, नाक में धूल कण जाने आदि से उत्पन्न होती है। पूरे विश्व के लोग कभी न कभी, इसके शिकार होते ही हैं। वास्तव में यह रोग नहीं, शरीर की एक सांवेदनिक प्रतिक्रिया है, जो मौसम बदलने, नाक में धूल कण जाने आदि से उत्पन्न होती है।
नजला जुकाम का घरेलू उपचारइसके लिए आपको अदरक और तुलसी को एक गिलास पानी में उबाल लें। उसमें 5 से 6 पत्ते तुलसी के डालने हैं।उसके बाद उसमें अदरक कूटकर डाल दें। एक टुकड़ा अदरक का और उस पानी को उबाल लें। इस पानी का दिनभर सेवन करें। यह जुखाम का बहुत ही असरदार इलाज है।
4) नाक की एलर्जीजब सांस लेते समय नाक में धूल, कण और अन्य पदार्थ प्रवेश करते हैं, तो इम्युनिटी इनके प्रति प्रक्रिया व्यक्त करती है और वो एलर्जी के रूप में सामने आती है। इसके लक्षणों में लगातार छींक आना, नाक से पानी आना, नाक में खुजली, गले में खराश, हल्का बुखार आदि शामिल हैं। बदलता मौसम, नमी, परदूषण आदि की वजह से यह समस्या होती है।
नाक की एलर्जी का घरेलू इलाजएक गिलास पानी में अदरक और तुलसी के पत्तों को उबाल लें। इसे ताबा तक उबालें, जब तक पानी आधा नहीं रह जाता। बाद में इस पानी को पी लें। नाक की एलर्जी का असरदार इलाज है।
5) टॉन्सिल्स टोन्सिल जीभ के पीछे की भाग से सटा हुआ होता है। यह गले में जहां पर नाक का छिद्र और मुख का छिद्र मिलता है, ठीक वहीं पर जीभ के पिछले भाग से जुड़ा हुआ होता है। सर्दियों में टॉन्सिल्स इन्फेक्शन का अधिक खतरा होता है। बार-बार गला खराब होना, गले में सूजन होना, दर्द होना, बार−बार बुखार आना आदि इसके लक्षण हैं।
टॉन्सिल्स का घरेलू इलाजटॉन्सिल्स की समस्या से राहत पाने के लिए आप नमक के गर्म पानी के गरारे कर सकते हैं। इसके अलावा आप शहद और दालचीनी के मिश्रण का सेवन भी कर सकते हैं। इन दोनों चीजों में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं। दिन में कम से कम तीन बार इसका सेवन करें।