भारत में रविवार (27 दिसंबर) तक संक्रमण के कुल मामले करीब 1 करोड़ 2 लाख हो गए हैं। इसके साथ ही अब तक 97 लाख से ज्यादा लोगों के ठीक होने से राष्ट्रीय स्तर पर मरीजों के ठीक होने की दर बढ़कर 95.82 प्रतिशत हो गई है।
फेफड़ों का सिटी स्कैन करवाना बेहद जरूरी
भले ही 95 प्रतिशत से ज्यादा लोग देश में इस संक्रमण से उबर चुके हैं, लेकिन ऐसे लोगों को एहतियात रखना बेहद जरूरी है। डॉक्टरों के मुताबिक जो लोग कोरोना से ठीक हो चुके हैं उन्हें फेफड़ों का सिटी स्कैन करवाना बेहद जरूरी है, ताकि समय रहते किसी अन्य परेशानी का पता चल सके।
कम से कम 3 महीनों तक रखें खास ख्याल
इस महामारी से उबर चुके लोगों को 3 महीने तक अपना खास ख्याल रखना चाहिए। डॉक्टर सलाह देते हैं कि इस दौरान उन्हें अधिक से अधिक विटामिन सी और डी से भरपूर चीजों का सेवन करना चाहिए, ताकि इम्युनिटी मजबूत हो।
कोरोना मुक्त होने के बाद यह ना समझें कि आप इस बीमारी की चपेट में फिर से नहीं आ सकते। आपको फिर भी सतर्क रहना जरूरी है। मास्क और हैंड सैनिटाइजर के इस्तेमाल के अलावा ऐसे लोगों को ये टेस्ट भी जरूर कराने चाहिए...
डी-डिमर टेस्ट (D-Dimer Test):
शोधों के मुताबिक कोरोना वायरस शरीर में खून को चिपचिपा कर कई जगह क्लॉट्स बनाने लगता है और इस कारण मरीज को थ्रांबोसिस की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
इस टेस्ट में खून के ब्लॉकेज या खून के गाढ़े होने का पता लगता है, जो लोग पहले से हाई कोलेस्ट्रॉल, बीपी या डायबिटीज की समस्या से जूझ रहे हैं, उन्हें खासतौर से इस टेस्ट को करवाने के लिए कहा जाता है।
लिवर और किडनी की जांच (LFT, KFT Test):
कोरोना वायरस डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से पीड़ित लोगों को ज्यादा परेशानी में डाल सकता है, इसलिए अधिकतर मामलों में डॉक्टर कोरोना के मरीजों को किडनी और लिवर की जांच के लिए कह सकते हैं।