हिन्दू धर्म में पीपल के पेड़ को पवित्र माना गया है। पीपल का पेड़ औषधीय गुणों का भंडार है। यही वजह है कि पीपल के पेड़ की पूजा भी होती है। कहा जाता है कि जिस तरह देवताओं में अनेक गुण होते हैं, उसी तरह पीपल का पेड़ भी अपने भीतर अनगिनत स्वास्थ्यवर्धक गुण छिपाए रखता है। बस जरूरत है उन गुणों और पीपल के पत्तों, फल, छाल आदि के इस्तेमाल के तरीकों को समझने की।
आयुर्वेद विज्ञान के अनुसार, पीपल पेड़ के हर हिस्से- पत्ती, छाल, अंकुर, बीज और फल के कई औषधीय लाभ हैं। पीपल के पेड़ के पत्तों में ग्लूकोज, एस्टेरियोड और मेनोस, फेनोलिक होता है, जबकि इसकी छाल विटामिन के, टैनिन और फेटोस्टेरोलिन से भरपूर होती है। इसका उपयोग कई बीमारियों और रोगों के इलाज के लिए किया जाता है जिसमें अस्थमा और त्वचा रोगों से लेकर गुर्दे और विभिन्न रक्त संबंधी समस्याएं शामिल हैं।
1) पीलिया के इलाज में सहायकजब किसी को पीलिया होता है, तो उसे लंबे इलाज से गुजरना होता है और बीमारी के जाने के बाद भी कम से कम छह महीने तक डाइट का खास ध्यान रखना होता है। पीलिया जैसी गंभीर बीमारी में भी पीपल आपके काम आ सकता है। दरअसल पीपल के कोमल पत्तों का रस निकालकर उसमें मिश्री मिलाकर सेवन करने से पीलिया जल्दी ही खत्म हो जाएगा।
2) दिल की बीमारियों का करता है इलाज दिल की बीमारियां जानलेवा होती हैं और किसी भी समय आपको चपेट में ले सकती हैं। आप पीपल के पेड़ से कुछ कोमल पत्तों को रात भर पानी में भिगोकर रख सकते हैं। और इसे दिन में 2-3 बार पियें। इससे आपका दिल अच्छी तरह से काम करता रहेगा। यह दिल की कमजोरी को रोकने में भी मदद कर सकता है। इसके अलावा हार्ट अटैक से भी बचा सकता है।
ऊपर बताई गई समस्याओं से इलाज पाने के लिए अगर आप पीपल के पेड़ का इस्तेमाल करने जा रहे हैं, तो पहले आपको एक्सपर्ट से सलाह लेनी चाहिए। बिना सोचे-समझे इसके अधिक इस्तेमाल से आपको नुकसान भी हो सकते हैं।