लाइव न्यूज़ :

औषधीय गुणों का खजाना है अशिताबा पौधा, पेट के अल्सर जैसे 6 रोगों में है फायदेमंद

By उस्मान | Updated: April 17, 2021 13:02 IST

इस पौधे का जापान में कई विकारों के इलाज में इस्तेमाल किया जाता है

Open in App
ठळक मुद्देजापान में कई विकारों के इलाज में इस्तेमाल किया जाता है एंटीऑक्सिडेंट्स का भंडार है यह पौधापेट के अल्सर के लिए लाभदायक

जापानी पौधे अशिताबा (Ashitaba) की पत्तियां अपने औषधीय गुणों की वजह से दुनियाभर में मशहूर है। इसके अनगिनत स्वास्थ्य फायदे होते हैं। अब वैज्ञानिकों ने इस पौधे में एंटी एजिंग गुणों को खोज निकाला है। 

वैज्ञानिकों का कहना है कि यह पौधा सेलुलर में जमा गंदगी को साफ करके आपको हमेशा जवां रख सकता है। जापान में इस पौधे का इस्तेमाल खाने-पीने की कई चीजों में किया जाता है। 

जापान में अधिकतर इस पौधे का इस्तेमाल सोबा, टेम्पुरा, शची, चाय, आइसक्रीम, पास्ता, आदि के रूप में किया जाता है। यह दूसरे पौधों के मुकाबले कम कड़वा होता है। इसके अलावा कई रोगों के इलाज के लिए दवा के रूप में भी उपयोग में किया जाता है।

अशिताबा पौधा क्या है? अशिताबा नामक पौधा फ्लेवोनॉइड एंजेलिका कीस्केई या एशिटाबा में मौजूद है, जो गाजर परिवार का एक पौधा माना जाता है। यह केवल जापान में पाया जाता है। यह पौधा जापानी वनस्पति चिकित्सा में एक प्रमुख स्थान रखता है। 

अशिताबा पौधे के फायदेजवान रखने में सहायकरिपोर्ट के अनुसार, इस पौधे में एक ऐसा नैचुरल पदार्थ पाया जाता है, जो सेलुलर की गंदगी को साफ कर सकता है जोकि सेल्स की उम्र को बढ़ाती है और कई बीमारियों का कारण बनती है। 

यह पौधा शरीर में सेलुलर हेल्थ को बढ़ावा देता है, जिसका एक हिस्सा ऑटोफैगी की प्रक्रिया से होता है। यदि ऑटोफैगी ठीक नहीं है, तो कोशिकाओं में गंदगी जम सकती है और आपके लिए खतरा हो सकता है। स्वस्थ कोशिकाएं तनाव और कैंसर सहित कई बीमारियों को ठीक करने में मदद करती हैं। 

एंटीऑक्सिडेंट्स का भंडारवेबएमडी के अनुसार, यह पौधा एंटीऑक्सिडेंट्स का भंडार है, जिस वजह से यह कई बीमारियों से बचाने में सहायक है। प्रोफेसर फ्रैंक मेडो का कहना है कि यह पौधा सेल्स में सेलुलर प्रोटीन जैसे एकत्रित कचरे का साफ करता है।

पेट के अल्सर के लिएइस पौधे का गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज, पेट के अल्सर, उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्ट्रॉल, गठिया, कब्ज और हे फीवर के लिए किया जाता है। इसका उपयोग कैंसर, चेचक, द्रव प्रतिधारण, रक्त के थक्कों और खाद्य विषाक्तता के लिए भी किया जाता है। महिलाएं इसका उपयोग स्तन के दूध के प्रवाह को बढ़ाने के लिए करती हैं।

इस बात का रखें ध्यानऊपर बताई गई समस्याओं से राहत पाने के लिए इस पौधे का इस्तेमाल करने से पहले आपको एक्सपर्ट से सलाह लेनी चाहिए। बिना-सोचे समझे इसके इस्तेमाल करने से आपको कई नुकसान भी हो सकते हैं। 

टॅग्स :हेल्थ टिप्समेडिकल ट्रीटमेंटघरेलू नुस्खे
Open in App

संबंधित खबरें

स्वास्थ्यBengaluru: सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने सेक्सुअल हेल्थ के इलाज के लिए बैंक लोन लेकर खरीदी थी जड़ी-बूटी, हो गई किडनी की समस्या, ₹48 लाख का हुआ नुकसान

स्वास्थ्यDinner Timing Matters: सर्दियों में जल्दी खाना क्यों बन सकता है हेल्थ गेम-चेंजर?

स्वास्थ्यअध्ययन: बच्चों में बढ़ती हिंसा और उसके मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव

स्वास्थ्यभारतीय वैज्ञानिकों ने गर्भ के अंदर 'जेनेटिक स्विच' का पता लगाया, गर्भावस्था में हो सकता मददगार

स्वास्थ्यक्या ‘बेरी’ खाना सुरक्षित है? कीटनाशक डाइमेथोएट के बारे में चिंता करना कितना सही

स्वास्थ्य अधिक खबरें

स्वास्थ्यडॉ. रोहित माधव साने को “Personality of the Year 2025” का सम्मान

स्वास्थ्यबिहार हेल्थ विभागः टॉर्च की रोशनी में ऑपरेशन, ठेले पर स्वास्थ्य सिस्टम, बिहार में आम बात?, आखिर क्यों स्वास्थ्य मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक थपथपा रहे हैं पीठ?

स्वास्थ्यबाप रे बाप?, हर दिन JK में 38 कैंसर केस, 5 साल में 67037 का आंकड़ा और 2024 में 14000 नए मामले

स्वास्थ्य1,738 पुरुषों की जांच, क्या दवा हिंसा और घरेलू हिंसा को कम कर सकती?, देखिए रिपोर्ट में बेहद दिलचस्प खुलासा

स्वास्थ्यUP: 972 सीएचसी और 3735 पीएचसी में वेंटिलेटर बेड नहीं, मरीजों को हो रही दिक्कत