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कम्प्यूटर स्क्रीन पर हरे रंग के फिल्टर डिस्लेक्सिया वाले बच्चों के लिए हो सकते हैं मददगार

By उस्मान | Updated: October 23, 2018 18:43 IST

फिल्टर्स का बिना डिस्लेक्सिया वाले बच्चों की पढ़ने की गति पर कोई असर नहीं पड़ा लेकिन डिस्लेक्सिया वाले बच्चों पर इसका प्रभाव पड़ा। हरे रंग के फिल्टर वाले कम्प्यूटरों पर उन्होंने तेजी से शब्द पढ़े। 

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कम्प्यूटर स्क्रीन पर हरे रंग के फिल्टर लगाने से डिस्लेक्सिया पीड़ित बच्चों को तेजी से पढ़ने में मदद मिल सकती है।अध्ययन में पाया गया है कि इन फिल्टर्स का समान उम्र के बिना डिस्लेक्सिया वाले बच्चों पर कोई असर नहीं पड़ता।

पढ़ाई-लिखाई में आने वाली दिक्कतों से पीड़ित बच्चों के लिए मददगार रंग बिरंगे फिल्टरों का पहली बार 1983 में पेटेंट कराया गया। ये ऑटिज्म और ध्यान लगा पाने में कमी से पीड़ित बच्चों के इस्तेमाल के लिए भी बनाए गए।

फ्रांस में पेरिस डाइडरॉट विश्वविद्यालय में शोध करने वाली मिलेना रजुक ने कहा, 'हमने पहली बार अत्यधिक कठोर पद्धति का इस्तेमाल किया।' 

पेरिस के एक अस्पताल में अध्ययन के लिए डिस्लेक्सिया से पीड़ित 18 बच्चों और बगैर डिस्लेक्सिया वाले 18 बच्चों का चयन किया गया। शोधकर्ताओं ने अध्ययन में पीले और हरे रंग के फिल्टर का इस्तेमाल करने का फैसला किया।

ब्राजील स्थित साओ पाउलो स्टेट यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जोस एंजेलो बरेला ने कहा, 'डिस्लेक्सिया से पीड़ित बच्चे को वाक्यों को समझने के लिए लंबे समय तक शब्दों पर गौर करना पड़ता है। इसके परिणामस्वरूप पढ़ने की गति धीमी हो जाती है।' 

फिल्टर्स का बिना डिस्लेक्सिया वाले बच्चों की पढ़ने की गति पर कोई असर नहीं पड़ा लेकिन डिस्लेक्सिया वाले बच्चों पर इसका प्रभाव पड़ा। हरे रंग के फिल्टर वाले कम्प्यूटरों पर उन्होंने तेजी से शब्द पढ़े। 

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