सर्दी, बुखार, नाक बहना, सिरदर्द, बॉडी पेन, कहीं आप घोड़ों को होने वाली जानलेवा बीमारी ग्लैंडर्स का शिकार तो नहीं?

By भाषा | Updated: December 9, 2018 08:16 IST2018-12-09T08:16:42+5:302018-12-09T08:16:42+5:30

ग्लैण्डर्स एक संक्रामक बीमारी है जो बुर्खोलडेरिया मलेई (Burkholderia mallei) बैक्टीरिया के कारण होती है। आमतौर पर घोड़ों को होने वाले इस बीमारी की चपेट में इंसान भी आ सकते हैं। इसके अलावा ये गधों, बकरियों, कुत्तों और बिल्लियों जैसे अन्य स्तनधारियों द्वारा भी फैल सकती है।

glanders disease to affect horses of mathura, causes, symptoms, treatment and prevention of glanders | सर्दी, बुखार, नाक बहना, सिरदर्द, बॉडी पेन, कहीं आप घोड़ों को होने वाली जानलेवा बीमारी ग्लैंडर्स का शिकार तो नहीं?

फोटो- पिक्साबे

उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद में घोड़े, खच्चरों और गधों में जानलेवा बीमारी ग्लैंडर्स (glanders) के लक्षण पाए गए हैं। ग्लैण्डर्स एक संक्रामक बीमारी है जो बुर्खोलडेरिया मलेई (Burkholderia mallei) बैक्टीरिया के कारण होती है। आमतौर पर घोड़ों को होने वाले इस बीमारी की चपेट में इंसान भी आ सकते हैं। इसके अलावा ये गधों, बकरियों, कुत्तों और बिल्लियों जैसे अन्य स्तनधारियों द्वारा भी फैल सकती है।

इस गंभीर बीमारी के कारण पिछले तीन महीनों में अब तक पांच पशुओं को मारकर दफनाया जा चुका है तथा अन्य अश्ववंशी पशुओं के रक्त के नमूने लेकर परीक्षण के लिए हिसार स्थित राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र भेजे जा रहे हैं।

जिले के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. भूदेव सिंह ने बताया कि जनपद में गधे, घोड़ों और खच्चरों को ‘ग्लैण्डर्स’ बीमारी हो रही है जिसके चलते पांच जानवरों को मारना पड़ा है। उन्हें गहरे गड्ढे खोदकर दफना दिया गया क्योंकि इस बीमारी को फैलने से रोकने का एक यही कारगर उपाय है।

उन्होंने बताया कि अब अभियान चलाकर अश्ववंशी पशुओं का रक्त परीक्षण कराया जा रहा है जिससे कि ‘ग्लैण्डर्स’ से संक्रमित पशु की पहचान कर अन्य पशुओं को बचाया जा सके। इसके लिए पशु चिकित्सक घोडे़, गधे और खच्चरों के रक्त नमूने ले रहे हैं तथा पशुपालकों को इस बीमारी के लक्षणों और बचाव के उपायों की भी जानकारी दे रहे हैं।’ 

सिंह ने कहा कि सरकार ‘ग्लैण्डर्स’ की चपेट में आए पशुओं को मारने से पहले उनके मालिकों को प्रति पशु 25 हजार रुपये का मुआवजा दे रही है जिससे कि पशुपालक की क्षतिपूर्ति हो सके और वह स्वेच्छा से इस कार्य में सहयोग कर सके।

उन्होंने बताया कि यह बीमारी पशुओं से इंसानों में भी फैलने की आशंका रहती है। इसलिए इसके मामले में सतर्कता बरतने की जरूरत होती है। इस बीमारी से संक्रमित होने पर किसी भी व्यक्ति को केवल प्रथम अवस्था में ही उपचार देकर बचाया जा सकता है। इसके बाद इस बीमारी का कोई इलाज फिलहाल संभव नहीं है।

ग्लैंडर्स के संकेत और लक्षण
इस बीमारी के लक्षण लोगों में संक्रमण के प्रकार के आधार पर अलग-अलग हो सकते हैं। आमतौर पर इससे पीड़ित लोगों नीचे बताए गए लक्षण महसूस हो सकते हैं। 

ठंड और पसीने के साथ बुखार
मांसपेशी में दर्द
छाती में दर्द
मांसपेशियों में ऐंठन 
सिरदर्द 
नाक बहना
आंखों का फड़कना

Web Title: glanders disease to affect horses of mathura, causes, symptoms, treatment and prevention of glanders

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