निजी अस्पतालों में इलाज कराना सरकारी अस्पतालों से सात गुना महंगा: सरकारी आंकड़े

By भाषा | Updated: November 24, 2019 15:50 IST2019-11-24T13:35:49+5:302019-11-24T15:50:24+5:30

राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण (एनएसएस) की 75वें दौर की ‘परिवारों का स्वास्थ्य पर खर्च’ संबंधी सर्वेक्षण रपट शनिवार को जारी की गयी। इसके अनुसार इस दौरान परिवारों का सरकारी अस्पताल में इलाज कराने का औसत खर्च 4,452 रुपये रहा।

Getting treatment in private hospitals is seven times more expensive than government hospitals: government data | निजी अस्पतालों में इलाज कराना सरकारी अस्पतालों से सात गुना महंगा: सरकारी आंकड़े

यह बात राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) की एक सर्वेक्षण रपट में सामने आयी है।

Highlightsनिजी क्षेत्र के अस्पतालों में लोगों को इलाज कराना सरकारी अस्पतालों की तुलना में सात गुना अधिक खर्चीला पड़ता है यह आंकड़ा जुलाई-जून 2017-18 की अवधि के सर्वेक्षण पर आधारित है।

देश के निजी क्षेत्र के अस्पतालों में लोगों को इलाज कराना सरकारी अस्पतालों की तुलना में सात गुना अधिक खर्चीला पड़ता है। यह बात राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) की एक सर्वेक्षण रपट में सामने आयी है। इसमें प्रसव के मामलों पर खर्च के आंकड़े शामिल नहीं किए गए हैं। यह आंकड़ा जुलाई-जून 2017-18 की अवधि के सर्वेक्षण पर आधारित है।

राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण (एनएसएस) की 75वें दौर की ‘परिवारों का स्वास्थ्य पर खर्च’ संबंधी सर्वेक्षण रपट शनिवार को जारी की गयी। इसके अनुसार इस दौरान परिवारों का सरकारी अस्पताल में इलाज कराने का औसत खर्च 4,452 रुपये रहा। जबकि निजी अस्पतालों में यह खर्च 31,845 रुपये बैठा। शहरी क्षेत्र में सरकारी अस्पतालों में यह खर्च करीब 4,837 रुपये जबकि ग्रामीण क्षेत्र में 4,290 रुपये रहा।

वहीं निजी अस्पतालों में यह खर्च क्रमश: 38,822 रुपये और 27,347 रुपये था। ग्रामीण क्षेत्र में एक बार अस्पताल में भर्ती होने पर परिवार का औसत खर्च 16,676 रुपये रहा। जबकि शहरी क्षेत्रों में यह 26,475 रुपये था। यह रपट 1.13 लाख परिवारों के बीच किए गए सर्वेक्षण पर आधारित है।

इससे पहले इस तरह के तीन सर्वेक्षण 1995-96, 2004 और 2014 में हो चुके हैं। अस्पताल में भर्ती होने वाले मामलों में 42 प्रतिशत लोग सरकारी अस्पताल का चुनाव करते हैं। जबकि 55 प्रतिशत लोगों ने निजी अस्पतालों का रुख किया। गैर-सरकारी और परर्मार्थ संगठनों द्वारा संचालित अस्पतालों में भर्ती होने वालों का अनुपात 2.7 प्रतिशत रहा।

इसमें प्रसव के दौरान भर्ती होने के आंकड़ों को शामिल नहीं किया गया है। प्रसव के लिए अस्पताल में भर्ती होने पर ग्रामीण इलाकों में परिवार का औसत खर्च सरकारी अस्पतालों में 2,404 रुपये और निजी अस्पतालों में 20,788 रुपये रहा। वहीं शहरी क्षेत्रों में यह खर्च क्रमश: 3,106 रुपये और 29,105 रुपये रहा।

रपट के अनुसार देश में 28 प्रतिशत प्रसव मामलों में ऑपरेशन किया गया। सरकारी अस्पतालों में मात्र 17 प्रतिशत प्रसव के मामलों में ऑपरेशन किया गया और इनमें 92 प्रतिशत ऑपरेशन मुफ्त किए गए। वहीं निजी अस्पताओं में 55 प्रतिशत प्रसव के मामलों में ऑपरेशन किया गया और इनमें केवल एक प्रतिशत ऑपरेशन मुफ्त किए गए। 

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