पुरुषों के स्पर्म काउंट में आ रही गिरावट दुनिया भर के लिए चिंता बनी हुई है। स्पर्म काउंट कम होने से उनकी फर्टिलिटी पर बुरा असर पड़ता है। एक रिसर्च के अनुसार इससे गर्भधारण करने की संभावनाएं 10 गुना कम और कभी-कभी इससे भी कम हो जाती हैं। इतना ही नहीं, पुरुषों की फर्टिलिटी से जुड़ी 90 फीसदी समस्याएं शुक्राणुओं की कमी के कारण होती हैं।
स्पर्म काउंट होने का क्या मतलब है (low sperm count meaning)
स्पर्म काउंट होने का मतलब है यौन संबंध के दौरान लिंग से बहुत कम मात्रा में स्पर्म निकलना। स्पर्म काउंट कम होने की समस्या को ओलिगोस्पर्मिया (Oliogospermia) कहा जाता है। इसकी कमी से गर्भ धारण कर पाने की संभावना बहुत कम हो जाती है। हालांकि कुछ मामलों में स्पर्म काउंट कम होने के बावजूद पुरुषों में बच्चा पैदा करने की क्षमता देखी गई है।
क्या स्पर्म काउंट कम होने एक समस्या है (low sperm count side effects)
स्पर्म काउंट कम होना एक बड़ी समस्या है। एक हालिया अध्ययन में कहा गया है कि पिछले 38 वर्षों में औसत शुक्राणुओं की संख्या में 59 प्रतिशत की गिरावट आई है। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार, लगभग 35 प्रतिशत जोड़ों में बांझपन की समस्या देखी गई है जिसमें एक बड़ा कारक पुरुषों में स्पर्म काउंट कम होना है। यह समस्या उस समय अधिक देखी गई है, जब कई कपल ज्यादा उम्र में बच्चे की योजना बनाते हैं।
स्पर्म काउंट कम होने के प्रमुख कारण क्या हैं (low sperm count causes)
इस बात की अभी तक कोई सटीक कारण नहीं है कि पुरुषों में स्पर्म काउंट कम हो रहा है/ हालांकि कई अध्ययन यह दावा करते हैं कि लैपटॉप गोद में लेकर बैठना, पैंट की जेब में मोबाइल रखना और मोटापा जैसे कई कारक इसके जिम्मेदार हैं। जबकि कई शोधकर्ता यह भी मानते हैं कि खराब खानपान भी इसका एक प्रमुख कारण है। हम आपको बता रहे हैं कि किन-किन चीजों के अधिक सेवन से आपको इस समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
1) प्रोसेस्ड मीटकई हालिया अध्ययन इस बात को मानते हैं कि प्रोसेस्ड मीट कई बीमारियों की जड़ है। प्रोसेस्ड मीट में हॉट डॉग, सलामी, बीफ, बेकन इत्यादि शामिल हैं। शुक्राणु के मामले में, कई अध्ययन प्रोसेस्ड रेड मीट को स्पर्म काउंट कम होने और स्पर्म मोटिलिटी के साथ जोड़ते हैं। यह स्पष्ट नहीं है कि ये खाद्य पदार्थ शुक्राणु को कैसे प्रभावित करते हैं, लेकिन इनका सकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता है। ध्यान दें, इन समान अध्ययनों में चिकन खाने और शुक्राणु के स्वास्थ्य में कमी के बीच संबंध नहीं पाया गया।
2) ट्रांस फैट शोधकर्ताओं के अनुसार, ट्रांस फैट सिर्फ स्पर्म काउंट ही कम नहीं करते हैं बल्कि हृदय रोग के जोखिम को भी बढ़ाते हैं। साल 2011 के एक स्पेनिश अध्ययन के अनुसार, अधिक मात्रा में ट्रांस फैट खाने से स्पर्म काउंट कम होने लगता है। इन खाद्य पदार्थों में क्रैकर, कुकीज़, केक, पाई, पॉपकॉर्न, पिज्जा, फास्ट फूड, मार्जरीन, कॉफी क्रीमर, बिस्कुइट्स आदि शामिल हैं।
3) सोया उत्पादसोया उत्पादों में फाइटोएस्ट्रोजेन-एस्ट्रोजेन जैसे यौगिक होते हैं जो पौधों से आते हैं। बोस्टन में प्रजनन क्लीनिक के 99 पुरुषों के एक अध्ययन ने निष्कर्ष निकाला है कि सोया के अत्यधिक सेवन से शुक्राणु एकाग्रता में कमी हो सकती है।
4) अधिक फैट वाले डेयरी उत्पादरोचेस्टर यंग मेन्स स्टडी के अनुसार, उच्च वसा वाले डेयरी उत्पाद (फुल क्रीम मिल्क, क्रीम और पनीर) जैसी चीजों का अधिक सेवन करने से स्पर्म काउंट पर असर पड़ सकता है। इसका कारण यह है कि गायों को सेक्स स्टेरॉयड दिया जाता है।
स्पर्म काउंट बढ़ाने के उपाय (foods and natural way to increase sperm count)
1) एंटीऑक्सीडेंट स्पर्म काउंट बढ़ाने के लिए आपको एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर चीजों जैसे हरी सब्जियां, टमाटर, गाजर, हरी मिर्च और संतरे आदि का सेवन बढ़ाना चाहिए। ये चीजें प्रजनन की ताकत को बढ़ाती हैं।
2) विटामिन डी भी है जरूरी विटामिन डी पुरुषों में स्पर्म काउंट बढ़ाती हैं। विटामिन डी सेक्स हार्मोन प्रोजेस्ट्रोन और एस्ट्रोजन लेवल को बढ़ाता है जिससे गर्भधारण की संभावना बढ़ती है। विटामिन डी सूर्य की रोशनी से मिलता है। इसके अलावा अंडा, डेयरी उत्पाद, चिकन, मछलियां विटामिन डी के प्रमुख स्रोत हैं।
3) अल्कोहल, स्मोकिंग से बचेंकई अध्ययनों के अनुसार, अल्कोहल, स्मोकिंग और कोकीन आदि से स्पर्म उत्पादन कम हो सकता है। इसके अलावा स्मोकिंग को इसका सबसे बड़ा जिम्मेदार माना गया है।
4) अन्हेल्दी फैट से रहें दूरआपको ट्रांस फैटी एसिड्स से बचना चाहिए और हेल्दी फैट जैसे ओमेगा-3 और ओमेगा-6 का सेवन करना चाहिए। यह स्पर्म मेम्ब्रेंस बढ़ाने के लिए जरूरी है। अध्ययन के अनुसार, इन दोनों फैट को खाने से स्पर्म काउंट को बढ़ाया जा सकता है।
5) डाइट में शामिल हों ये चीजेंदिल्ली के मशहूर सेक्सोलोजिस्ट डॉक्टर विनोद रैना के अनुसार, आपको स्पर्म काउंट बढ़ाने के लिए अपनी डाइट में अंडे, पालक, केले, ब्रोकोली, अनार, अखरोट और लहसुन जैसी शामिल करनी चाहिए।