नपुंसकता, स्तंभन दोष या इरेक्टाइल डिसफंक्शन (Erectile Dysfunction) की बीमारी को लेकर वैज्ञानिकों का मानना है कि इसे प्राकृतिक चिकित्सा से सही किया जा सकता है। हालांकि इस तरह का कोई भी उपचार इस्तेमाल करने से पहले आपको उसके बारे में पूरी जानकारी लेनी चाहिए। इस समस्या से निजात पाने के लिए कुछ एसेंशियल ऑयल का इस्तेमाल कर सकते हैं। इनमें दालचीनी, लेवेंडर, गुलाब, तुलसी, अदरक का तेल काफी असरदार और लोकप्रिय हैं।
नपुंसकता, इरेक्टाइल डिसफंक्शन (Erectile Dysfunction) क्या है?
यह एक ऐसी गंभीर समस्या है जिससे आजकल सिर्फ बुजुर्ग ही नहीं युवा भी पीड़ित हैं। सेक्स के दौरान लिंग में तनाव नहीं आना या बहुत जल्दी स्खलित हो जाना इसके आम लक्षण हैं। सेक्स के दौरान लिंग में उत्तेजना पाने या उत्तेजना बनाए रखने में असफल होने को इरेक्टल डिसफंक्शन कहा जाता है।
1) गुलाब गुलाब का तेल का प्रयोग करने से आपको चिंता कम होती है और आराम मिलता है। यह तेल आपके अंदर कामेच्छा, टेस्टास्टेरोन और शुक्राणुओं की कमी को बढ़ाता है। जिससे आप इरेक्टाइल डिसफंक्शन से छुटकारा पा सकते है। 2012 के एक अध्ययन में पाया गया कि जिन चूहों ने गुलाब के तेल में सांस ली, उन्हें फॉर्मलाडेहाइड के हानिकारक प्रभावों से बचाया गया। जिससे उनके शुक्राणु की गुणवत्ता भी बढ़ी।
2) लेवेंडर इस तेल की गंध से पुरूषों के अंदर रक्त प्रवाह बढ़ता है, जिससे पुरुषों की उत्तेजना बढ़ जाती है। 2014 के अध्ययन से पता चला है कि ये तेल फार्मलाडेहाइड हानिकारक प्रभावों को कम करता है। जिससे उनके शुक्राणु और प्रजनन प्रणाली को कम नुकसान पहुंचता है।
3) दालचीनी तेल दालचीनी का तेल एक ऐसा तेल है, जो आपकी यौन क्रिया की क्षमता को बढ़ाता है। यह तेल हार्मोन के स्तर को उतेजित्त करता है। दालचीनी का तेल स्पर्म और टेस्टास्टेरोन के स्तर को भी बढ़ाता है। इसका प्रयोग करने से पुरूषों के अंदर शुक्राणुओं की गुणवत्ता में सुधार आता है।
4) तुलसी तेल तुलसी शुरूआत से आयुर्वेदिक से लेकर विभिन्न प्रकार की बीमारियों में प्रयोग की जाती है। इसे हर्बल दवा के रूप मे भी जाना जाता है। तुलसी का तेल एंटीऑक्सीडेंट क्षमता को बढ़ानें में सक्षम है। इसमें एंटी-एंजाइटी गुण पाए जाते है। इसका उपयोग करने से इस समस्या से निजात मिल सकती है।
5) अदरक तेलअदरक के तेल में एंटी-ऑक्सीडेंट पाया जाता है, जो ऑक्सीडेटिव तनाव से आपको बचाता है। अदरक का तेल शुक्राणुओं की क्षमता को बढ़ाता है। एक अध्ययन से पता चला है कि यह नर चूहों के अंदर हार्मोनल गतिविधि पर मजबूत प्रभाव डालता है।
ऐसे करें तेल का इस्तेमाल- ठंडे या गर्म पानी से सेक करें और इसे अपनी पीठ के निचले हिस्से और पेट में लगाएं।- इन तेलों से आप अपनी पीठ के निचले हिस्से और पेट के आसपास मालिश करें।- यौन संबंध बनाने से पहले बेडरूम में इन तेलों का स्प्रे करें। - अपनी चादर, तकिये और रजाई में तेल से स्प्रे कर लें। - नहाने के पानी में इन तेलों को मिलाकर नहाएं।
इस बात का रखें ध्यानऊपर बताए गए तेल और उनसे होने वाले फायदे अध्ययनों के आधार पर हैं। अमेरिकी खाद्य और औषधि प्रशासन (एफडीए) एसेंशियल ऑयल को विनियमित नहीं करता है, इसलिए उनका उपयोग सावधानी के साथ और केवल डॉक्टर या हेल्थ एक्सपर्ट की सलाह से किया जाना चाहिए।