लाइव न्यूज़ :

Erectile Dysfunction को खत्म कर सकते हैं ये 5 तरह के तेल, जानिये इस्तेमाल का सही तरीका

By उस्मान | Updated: February 18, 2019 16:51 IST

सेक्स के दौरान लिंग में उत्तेजना पाने या उत्तेजना बनाए रखने में असफल होने को इरेक्टल डिसफंक्शन कहा जाता है। 

Open in App

नपुंसकता, स्‍तंभन दोष या इरेक्टाइल डिसफंक्शन (Erectile Dysfunction) की बीमारी को लेकर वैज्ञानिकों का मानना है कि इसे प्राकृतिक चिकित्सा से सही किया जा सकता है। हालांकि इस तरह का कोई भी उपचार इस्तेमाल करने से पहले आपको उसके बारे में पूरी जानकारी लेनी चाहिए। इस समस्या से निजात पाने के लिए कुछ एसेंशियल ऑयल का इस्तेमाल कर सकते हैं। इनमें दालचीनी, लेवेंडर, गुलाब, तुलसी, अदरक का तेल काफी असरदार और लोकप्रिय हैं। 

नपुंसकता, इरेक्टाइल डिसफंक्शन (Erectile Dysfunction) क्या है?

यह एक ऐसी गंभीर समस्या है जिससे आजकल सिर्फ बुजुर्ग ही नहीं युवा भी पीड़ित हैं। सेक्स के दौरान लिंग में तनाव नहीं आना या बहुत जल्दी स्खलित हो जाना इसके आम लक्षण हैं। सेक्स के दौरान लिंग में उत्तेजना पाने या उत्तेजना बनाए रखने में असफल होने को इरेक्टल डिसफंक्शन कहा जाता है। 

1) गुलाब गुलाब का तेल का प्रयोग करने से आपको चिंता कम होती है और आराम मिलता है। यह तेल आपके अंदर कामेच्छा, टेस्टास्टेरोन और शुक्राणुओं की कमी को बढ़ाता है। जिससे आप इरेक्टाइल डिसफंक्शन से छुटकारा पा सकते है। 2012 के एक अध्ययन में पाया गया कि जिन चूहों ने गुलाब के तेल में सांस ली, उन्हें फॉर्मलाडेहाइड के हानिकारक प्रभावों से बचाया गया। जिससे उनके शुक्राणु की गुणवत्ता भी बढ़ी।

2) लेवेंडर इस तेल की गंध से पुरूषों के अंदर रक्त प्रवाह बढ़ता है, जिससे पुरुषों की उत्तेजना बढ़ जाती है। 2014 के अध्ययन से पता चला है कि ये तेल फार्मलाडेहाइड हानिकारक प्रभावों को कम करता है। जिससे उनके शुक्राणु और प्रजनन प्रणाली को कम नुकसान पहुंचता है।

3) दालचीनी तेल दालचीनी का तेल एक ऐसा तेल है, जो आपकी यौन क्रिया की क्षमता को बढ़ाता है। यह तेल हार्मोन के स्तर को उतेजित्त करता है। दालचीनी का तेल स्पर्म और टेस्टास्टेरोन के स्तर को भी बढ़ाता है। इसका प्रयोग करने से पुरूषों के अंदर शुक्राणुओं की गुणवत्ता में सुधार आता है।

4) तुलसी तेल  तुलसी शुरूआत से आयुर्वेदिक से लेकर विभिन्न प्रकार की बीमारियों में प्रयोग की जाती है। इसे हर्बल दवा के रूप मे भी जाना जाता है। तुलसी का तेल एंटीऑक्सीडेंट क्षमता को बढ़ानें में सक्षम है। इसमें एंटी-एंजाइटी गुण पाए जाते है। इसका उपयोग करने से इस समस्या से निजात मिल सकती है।

5) अदरक तेलअदरक के तेल में एंटी-ऑक्सीडेंट पाया जाता है, जो ऑक्सीडेटिव तनाव से आपको बचाता है। अदरक का तेल शुक्राणुओं की क्षमता को बढ़ाता है। एक अध्ययन से पता चला है कि यह नर चूहों के अंदर हार्मोनल गतिविधि पर मजबूत प्रभाव डालता है।

ऐसे करें तेल का इस्तेमाल- ठंडे या गर्म पानी से सेक करें और इसे अपनी पीठ के निचले हिस्से और पेट में लगाएं।- इन तेलों से आप अपनी पीठ के निचले हिस्से और पेट के आसपास मालिश करें।- यौन संबंध बनाने से पहले बेडरूम में इन तेलों का स्प्रे करें। - अपनी चादर, तकिये और रजाई में तेल से स्प्रे कर लें। - नहाने के पानी में इन तेलों को मिलाकर नहाएं। 

इस बात का रखें ध्यानऊपर बताए गए तेल और उनसे होने वाले फायदे अध्ययनों के आधार पर हैं। अमेरिकी खाद्य और औषधि प्रशासन (एफडीए) एसेंशियल ऑयल को विनियमित नहीं करता है, इसलिए उनका उपयोग सावधानी के साथ और केवल डॉक्टर या हेल्थ एक्सपर्ट की सलाह से किया जाना चाहिए।

टॅग्स :सेक्सहेल्थ टिप्सरिलेशनशिप टिप्सघरेलू नुस्खेमेडिकल ट्रीटमेंट
Open in App

संबंधित खबरें

स्वास्थ्यBengaluru: सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने सेक्सुअल हेल्थ के इलाज के लिए बैंक लोन लेकर खरीदी थी जड़ी-बूटी, हो गई किडनी की समस्या, ₹48 लाख का हुआ नुकसान

स्वास्थ्यDinner Timing Matters: सर्दियों में जल्दी खाना क्यों बन सकता है हेल्थ गेम-चेंजर?

स्वास्थ्यअध्ययन: बच्चों में बढ़ती हिंसा और उसके मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव

स्वास्थ्यभारतीय वैज्ञानिकों ने गर्भ के अंदर 'जेनेटिक स्विच' का पता लगाया, गर्भावस्था में हो सकता मददगार

स्वास्थ्यक्या ‘बेरी’ खाना सुरक्षित है? कीटनाशक डाइमेथोएट के बारे में चिंता करना कितना सही

स्वास्थ्य अधिक खबरें

स्वास्थ्यUP: 972 सीएचसी और 3735 पीएचसी में वेंटिलेटर बेड नहीं, मरीजों को हो रही दिक्कत

स्वास्थ्यपराली नहीं दिल्ली में जहरीली हवा के लिए जिम्मेदार कोई और?, दिल्ली-एनसीआर सर्दियों की हवा दमघोंटू, रिसर्च में खुलासा

स्वास्थ्यखांसी-जुकामः कफ सीरप की बिक्री पर लगाम कसने की कोशिश

स्वास्थ्यपुरुषों की शराबखोरी से टूटते घर, समाज के सबसे कमजोर पर सबसे ज्यादा मार

स्वास्थ्यकश्‍मीर की हवा, कोयला जलाने की आदत, आंखों में जलन, गले में चुभन और सांस लेने में दिक्कत?