विकासशील देशों में सड़क यातायात से निकलने वाला काला धुआं (अशुद्ध कार्बन कण युक्त) काफी ऊंचाई तक पहुंच कर वायुमंडल में दूर-दूर तक बिखर सकता है जिससे ग्लोबल वार्मिंग बढ़ती है। एक अध्ययन में ऐसा पाया गया है। जर्मनी की लेबनीज इंस्टीट्यूट फॉर ट्रोपोस्फेरिक रिसर्च (ट्रोपोस) के अनुसंधानकर्ताओं ने बताया कि ग्लोबल वार्मिंग घटाने और विकासशील देशों में विकसित हो रहे शहरी इलाकों की आबादी के स्वास्थ्य को बचाए रखने के लिए डीजल कारों से निकलने वाले अशुद्ध कार्बन कण जैसे प्रदूषक तत्वों को सड़क यातायात से कम करना शीर्ष प्राथमिकता में शामिल होना चाहिए।
यह भी पढ़ें: सर्दी में आलस को दूर भगाते हैं ये 5 सुपरफूड्स, अपनी डेली डायट में करें शामिलअध्ययन के मुताबिक ज्वलन (कंबशन) प्रक्रियाओं से निकलने वाले अशुद्ध कार्बन कण वायु प्रदूषण के लिए अहम तरीके से जिम्मेदार होते हैं क्योंकि उनमें भारी धातु एवं ऐसे हाइड्रोकार्बन (पीएएच) मौजूद होते हैं जो जहरीले हैं। अनुसंधानकर्ताओं ने बताया कि यह अध्ययन वायु गुणवत्ता के नियमन को मजबूत करने की दिशा में सहायक हो सकता है। यह अध्ययन ‘‘एटमॉस्फेरिक इन्वायरनमेंट’’ पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।